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उत्तराखंड में जड़ी बूटी ग्राम के लिए 186 गांव चिन्हित, सुधरेगी किसानों की आर्थिकी, ये होंगे फायदे - Uttarakhand Ayush Department

AYUSH Secretary Pankaj Kumar Pandey, Uttarakhand Ayush Department, Uttarakhand Herb Village आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 186 गांवों को चिन्हित किया है. इन गांवों जड़ी बूटी ग्राम बनाया जाएगा. चिन्हित किये गये हर गांव में अलग अलग जड़ी बूटी उगाई जाएगी.

UTTARAKHAND HERB VILLAGE
जड़ी बूटी ग्राम के लिए 186 गांव चिन्हित (concept images)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 30, 2024, 5:25 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 10:54 PM IST

जड़ी बूटी ग्राम के लिए 186 गांव चिन्हित (ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश को आयुष प्रदेश बनाने की दिशा में तमाम पहल कर रही है. इसी क्रम में आयुष विभाग ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 186 गांवों को चिन्हित किया है. जिनमें से हर एक गांव में एक ही तरह के जड़ी बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे इन गावों की पहचान उनकी जड़ी बूटियों के नाम से होगी. इसके लिए आयुर्वेद विभाग की ओर से ग्रामीणों को जड़ी-बूटी के पौधे भी दिए जा रहे हैं. जिससे संबंधित रिपोर्ट आयुष विभाग ने आयुष मंत्रालय, भारत सरकार को भी भेजी है.

प्रदेश के अल्मोड़ा जिले के 35 गांव, बागेश्वर के 12 गांव, पिथौरागढ़ जिले के 23 गांव, रुद्रप्रयाग जिले के पांच गांव, टिहरी जिले के 24 गांव, चमोली जिले के चार, हरिद्वार जिले के तीन गांव, नैनीताल जिले के 15 गांव, पौड़ी जिले के 42 गांव, ऊधमसिंह नगर जिले के 10 गांव और उत्तरकाशी जिले के 13 गांवों को जड़ी बूटी ग्राम बनाने को लेकर चिन्हित किया गया है. जिन्हें जड़ी बूटियों के पौधे दिए जा रहे हैं. इसके अलावा, आयुष विभाग अगले महीने से प्रदेश के 3900 स्कूलों में आयुर्विद्या कार्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है. जिसके तहत आयुर्वेद डॉक्टर, स्कूलों में जाकर बच्चों को आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक करेंगे.

आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया प्रदेश के तमाम गांव को एक-एक जड़ी बूटी के साथ जोड़ना चाहते हैं, ताकि एक गांव में एक जड़ी बूटी का उत्पादन अत्यधिक हो. लिहाजा, विभाग इस योजना पर काम कर रहा है. ऐसे में अगर एक गांव एक ही जड़ी बूटी का उत्पादन करता है तो इससे लोगों में जड़ी बूटियां के प्रति न सिर्फ जानकारी बढ़ेगी, बल्कि एक साथ बड़ी मात्रा में जड़ी बूटियां का उत्पादन भी हो सकेगा. जिससे जड़ी बूटियां को बेचने में भी काफी सहूलियत होगी. आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने कहा इस योजना के तहत आयुष विभाग, अपने हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के जरिए ग्रामीणों को जड़ी बूटियों के पौधे दे रहा है. कोशिश की जा रही है की एक गांव में एक तरह के ही जड़ी बूटियां का उत्पादन किया जाये.

पढे़ं- उत्तराखंड में खुलेगा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद संस्थान! आयुष विभाग ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव - All India Institute of Ayurveda

जड़ी बूटी ग्राम के लिए 186 गांव चिन्हित (ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश को आयुष प्रदेश बनाने की दिशा में तमाम पहल कर रही है. इसी क्रम में आयुष विभाग ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 186 गांवों को चिन्हित किया है. जिनमें से हर एक गांव में एक ही तरह के जड़ी बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे इन गावों की पहचान उनकी जड़ी बूटियों के नाम से होगी. इसके लिए आयुर्वेद विभाग की ओर से ग्रामीणों को जड़ी-बूटी के पौधे भी दिए जा रहे हैं. जिससे संबंधित रिपोर्ट आयुष विभाग ने आयुष मंत्रालय, भारत सरकार को भी भेजी है.

प्रदेश के अल्मोड़ा जिले के 35 गांव, बागेश्वर के 12 गांव, पिथौरागढ़ जिले के 23 गांव, रुद्रप्रयाग जिले के पांच गांव, टिहरी जिले के 24 गांव, चमोली जिले के चार, हरिद्वार जिले के तीन गांव, नैनीताल जिले के 15 गांव, पौड़ी जिले के 42 गांव, ऊधमसिंह नगर जिले के 10 गांव और उत्तरकाशी जिले के 13 गांवों को जड़ी बूटी ग्राम बनाने को लेकर चिन्हित किया गया है. जिन्हें जड़ी बूटियों के पौधे दिए जा रहे हैं. इसके अलावा, आयुष विभाग अगले महीने से प्रदेश के 3900 स्कूलों में आयुर्विद्या कार्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है. जिसके तहत आयुर्वेद डॉक्टर, स्कूलों में जाकर बच्चों को आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक करेंगे.

आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया प्रदेश के तमाम गांव को एक-एक जड़ी बूटी के साथ जोड़ना चाहते हैं, ताकि एक गांव में एक जड़ी बूटी का उत्पादन अत्यधिक हो. लिहाजा, विभाग इस योजना पर काम कर रहा है. ऐसे में अगर एक गांव एक ही जड़ी बूटी का उत्पादन करता है तो इससे लोगों में जड़ी बूटियां के प्रति न सिर्फ जानकारी बढ़ेगी, बल्कि एक साथ बड़ी मात्रा में जड़ी बूटियां का उत्पादन भी हो सकेगा. जिससे जड़ी बूटियां को बेचने में भी काफी सहूलियत होगी. आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने कहा इस योजना के तहत आयुष विभाग, अपने हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के जरिए ग्रामीणों को जड़ी बूटियों के पौधे दे रहा है. कोशिश की जा रही है की एक गांव में एक तरह के ही जड़ी बूटियां का उत्पादन किया जाये.

पढे़ं- उत्तराखंड में खुलेगा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद संस्थान! आयुष विभाग ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव - All India Institute of Ayurveda

Last Updated : Aug 30, 2024, 10:54 PM IST
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