कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का 13 अक्टूबर से शुभारंभ हो गया है. 7 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन ढालपुर मैदान में अंतरराष्ट्रीय कल्चरल परेड का आयोजन किया गया. जिसमें 17 देश के कलाकारों ने भाग लिया और अपने-अपने देश की संस्कृति का प्रदर्शन किया. इसके अलावा भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार भी कल्चरल परेड में शामिल हुए.
'कल्चरल परेड से बढ़ी दशहरा उत्सव की गरिमा'
अंतरराष्ट्रीय कल्चरल परेड को हिमाचल के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कल्चरल परेड के जरिए सभी देशों की संस्कृति का यहां पर आदान-प्रदान होगा. इसके अलावा एक-दूसरे की संस्कृति को समझने में भी मदद मिलेगी. वहीं, दशहरा उत्सव देखने आए लोग भी अन्य देशों की संस्कृति से रूबरू हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव में इस तरह के कार्यक्रम से इसकी गरिमा बढ़ती है.
कलाकारों ने किया अपने देशों का पारंपरिक नृत्य
ये अंतरराष्ट्रीय कल्चरल परेड ढालपुर के अटल सदन से शुरू हुई और माल रोड से होती हुई कॉलेज गेट पहुंची. इस दौरान विभिन्न देशों के कलाकारों ने विभिन्न प्रकार के करतब करके दिखाए और पारंपरिक परिधानों में अपने-अपने देश का नृत्य किया. जिसे देखने के लिए माल रोड पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी. वहीं, इस दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रखी गई, ताकि कल्चरल परेड के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
19 अक्टूबर को होगा कुल्लू कार्निवल
कुल्लू दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष एवं सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव को नए आयाम दिए जा रहे हैं, ताकि यहां आने वाले लोगों को विभिन्न देशों की संस्कृति के बारे में भी पता चल सके. जिसके चलते दशहरा उत्सव के समापन पर 19 अक्टूबर को भी कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया है. कार्निवल में भी स्थानीय लोगों को देश-विदेश की संस्कृति देखने के लिए मिलेगी.
कल्चरल परेड में ये देश रहे शामिल
ढालपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कल्चरल परेड में इस साल इंडोनेशिया, म्यांमार, कजाकिस्तान, यूएसए, तजाकिस्तान, बोलीविया, ब्राजील, किर्गिस्तान, वेनेजुएला, इजिप्ट, उज़्बेकिस्तान, बेलारूस, थाईलैंड, बांग्लादेश, रशिया, गुयाना, नेपाल के साथ आसाम, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, कुल्लू, बिलासपुर, लाहौल स्पीति, हमीरपुर और होमगार्ड का बैंड शामिल रहा. वहीं, कल्चरल परेड में भाग लेने वाले विदेशी कलाकारों का कहना है कि भारत की संस्कृति और सभ्यता पूरे दुनिया में प्रसिद्ध हैं और इस परेड में उन्हें भारतीय संस्कृति को देखने का मौका मिला. इसके अलावा उन्हें यहां पर अपने देश की संस्कृति का प्रदर्शन करना बेहद पसंद आया.