दुमकाः विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला बासुकीनाथ में इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई अस्थायी शिविर बनाए गए हैं. मेला क्षेत्र में 16 अस्थायी शिविर हैं, जिसमें से दो ऐसे शिविर बनाए गए हैं, जहां 24 घंटे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ मौजूद रहते हैं. घायल अवस्था और अस्वस्थ कांवरियों का इन शिविरों में इलाज किया जाता है. श्रावणी मेला के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम श्रद्धालुओं की सेवा में दिन-रात लगी हुई है. बासुकीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधित कोई भी परेशानी होने पर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और कर्मी फौरन श्रद्धालुओं के इलाज में जुट जाते हैं.
कांवरियों के लिए बनाए गए हैं कुल 16 स्वास्थ्य शिविर
इस संबंध में जरमुंडी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मेला क्षेत्र में अस्थायी 16 उप स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, जहां 24×7 स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर मौजूद रहते हैं. ज्यादातर मरीज पानी की कमी के कारण अस्वस्थ होते हैं. वैसे मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही पांव में छाले और फंगस इंफेक्शन इत्यादि के मरीज आते हैं.ज्यादातर मरीज बाबा मंदिर में जलार्पण के बाद सिंह द्वार पर लगे स्वास्थ्य शिविर में दवा लेते हैं. शिविर में ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी सेवा भाव से श्रद्धालुओं का इलाज करते हैं.
स्वास्थ्यकर्मी घूम-घूम कर कांवरियों का करते हैं इलाज
चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कांवरिया की सेवा के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर है. हमारी कोशिश है कि बासुकीनाथ पहुंचने वाले कांवरियों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो कांवरिया और यहां से कांवरिये पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने गंतव्य स्थान की ओर प्रस्थान करें. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम मेला क्षेत्र में भी घूम-घूम अस्वस्थ कांवरियों का इलाज कर रही है. श्रद्धालुओं की सेवा के लिए चार एंबुलेंस के साथ-साथ बाइक एंबुलेंस भी तैनाथ है, ताकि स्वास्थ्य शिविर तक आने में कांवरियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो.
अब तक सैकड़ों कांवरियों का शिविरों में हुआ इलाज
वहीं श्रावणी मेला क्षेत्र में प्रशासन द्वारा लगाए गए स्वास्थ्य शिविरों में अब तक सैकड़ों कांवरियों का इलाज हो चुका है. स्वास्थ्य प्रभारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम श्रद्धालुओं की सेवा में 24 घंटे तत्पर है. उन्होंने बताया कि सामान्य स्वास्थ्य समस्या में स्थानीय स्तर पर ही इलाज किया जाता है और जो गंभीर मामले आते हैं उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है.
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