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1450 फीट ऊंचा और 302 साल पुराना कुचामन किला, इसके शिवालय में हैं 11 शिवलिंग - shivalaya in kuchaman fort

कुचामनसिटी के किले में एक अनूठा शिवालय श्रद्धालुओं में लोकप्रिय है. इस शिवालय में एक साथ 11 शिवलिंग हैं. मान्यता है कि यहां सावन में जलाभिषेक करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है.

shivalaya in kuchaman fort
1450 फीट ऊंचा और 302 साल पुराना कुचामन किला, इसके शिवालय में हैं 11 शिवलिंग (PHOTO ETV Bharat Kuchamancity)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 1:21 PM IST

1450 फीट ऊंचा और 302 साल पुराना कुचामन किला (VIDEO ETV Bharat Kuchamancity)

कुचामनसिटी: सावन का महीना सोमवार से शुरू हो गया. पूरे देश व प्रदेश के शिवालयों में भगवान महादेव की पूजा-अर्चना की जा रही है. इधर, राजस्थान के कुचामन फोर्ट में एक ऐसा शिवालय स्थित है, जिसके जलहरी में एक, दो नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग है. मान्यता है कि भगवान शिव यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

आमतौर पर शिवालय में जलहरी के बीच एक ही शिवलिंग विराजित होता है, लेकिन कुचामन सिटी में यह शिवलिंग अनोखा है. दरअसल, ये शिवालय शहर के कुचामन फोर्ट में स्थित है और करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. इसके इसकी जलहरी में 11 शिवलिंग विराजित है. यह शिवालय 1450 फीट ऊंचे और 302 साल पुराने किले में बना है.

पढ़ें: आक के पौधे से जुड़ी आस्था, देखते ही देखते बन गया सफेद आकड़ा धाम

शिवालय का जीर्णोद्धार विक्रम संवत 2018 में राजा प्रताप सिंह ने कराया गया था. इसका जिक्र मंदिर में लगे शिलालेख में भी है. वहीं, मंदिर में 11 शिवलिंग के साथ ही आपको पूरे शिव परिवार का एक साथ दर्शन होता है. यह अन्यत्र दुर्लभ है. शिवालय के पुजारी छोटूलाल शर्मा ने बताया कि वे प्रतिदिन सुबह व शाम के दौरान यहां पूजा-अर्चना करते हैं. सावन में यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती थी. यहां श्रद्धालु जलाभिषेक के साथ ही पूजा-अर्चना भी करते हैं.

पुजारी ने बताया कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां 11 शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. वहीं, लगातार सात सोमवार तक जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों के जीवन में कोई कष्ट नहीं आता. हालांकि, पहले यहां सावन के महीने में हजारों की संख्या में भक्त आया करते थे और कांवड़ यात्रा शिवजी को जल चढ़ाने आते थे, लेकिन जब से कुचामनगढ़ को कुचामन फोर्ट में तब्दील किया गया है. तभी से यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है. साथ ही उन्हें 500 रुपए का भुगतान कर टिकट लेना पड़ता है.

यह भी पढ़ें: अलवर का त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर, यहां शिव और शक्ति रूप में प्रज्जवलित रहती है अखंड ज्वाला ज्योत

सावन की शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार को: पण्डित छोटूलाल शर्मा ने बताया कि इस बार सावन मास कुछ अलग होगा. करीब सात साल बाद सावन में पांच सोमवार का सुखद संयोग बन रहा है. इससे भी बड़ी बात यह है कि सावन की शुरूआत भी सोमवार से होगी तथा समापन भी सोमवार के दिन ही होगा. पण्डित शर्मा के अनुसार इस बार सावन 29 दिन का होगा. इसमें कृष्ण पक्ष के 14 तथा शुक्ल पक्ष के 15 दिन होंगे. कृष्ण पक्ष की तृतीया व चतुर्थी एक ही दिन यानी 24 जुलाई को आएगी, जबकि शुक्ल पक्ष की सप्तमी दो दिन 11 व 12 अगस्त को रहेगी. द्वादशी एवं त्रियोदशी एक ही दिन 17 अगस्त को होगी.

1450 फीट ऊंचा और 302 साल पुराना कुचामन किला (VIDEO ETV Bharat Kuchamancity)

कुचामनसिटी: सावन का महीना सोमवार से शुरू हो गया. पूरे देश व प्रदेश के शिवालयों में भगवान महादेव की पूजा-अर्चना की जा रही है. इधर, राजस्थान के कुचामन फोर्ट में एक ऐसा शिवालय स्थित है, जिसके जलहरी में एक, दो नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग है. मान्यता है कि भगवान शिव यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

आमतौर पर शिवालय में जलहरी के बीच एक ही शिवलिंग विराजित होता है, लेकिन कुचामन सिटी में यह शिवलिंग अनोखा है. दरअसल, ये शिवालय शहर के कुचामन फोर्ट में स्थित है और करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. इसके इसकी जलहरी में 11 शिवलिंग विराजित है. यह शिवालय 1450 फीट ऊंचे और 302 साल पुराने किले में बना है.

पढ़ें: आक के पौधे से जुड़ी आस्था, देखते ही देखते बन गया सफेद आकड़ा धाम

शिवालय का जीर्णोद्धार विक्रम संवत 2018 में राजा प्रताप सिंह ने कराया गया था. इसका जिक्र मंदिर में लगे शिलालेख में भी है. वहीं, मंदिर में 11 शिवलिंग के साथ ही आपको पूरे शिव परिवार का एक साथ दर्शन होता है. यह अन्यत्र दुर्लभ है. शिवालय के पुजारी छोटूलाल शर्मा ने बताया कि वे प्रतिदिन सुबह व शाम के दौरान यहां पूजा-अर्चना करते हैं. सावन में यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती थी. यहां श्रद्धालु जलाभिषेक के साथ ही पूजा-अर्चना भी करते हैं.

पुजारी ने बताया कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां 11 शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. वहीं, लगातार सात सोमवार तक जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों के जीवन में कोई कष्ट नहीं आता. हालांकि, पहले यहां सावन के महीने में हजारों की संख्या में भक्त आया करते थे और कांवड़ यात्रा शिवजी को जल चढ़ाने आते थे, लेकिन जब से कुचामनगढ़ को कुचामन फोर्ट में तब्दील किया गया है. तभी से यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है. साथ ही उन्हें 500 रुपए का भुगतान कर टिकट लेना पड़ता है.

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सावन की शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार को: पण्डित छोटूलाल शर्मा ने बताया कि इस बार सावन मास कुछ अलग होगा. करीब सात साल बाद सावन में पांच सोमवार का सुखद संयोग बन रहा है. इससे भी बड़ी बात यह है कि सावन की शुरूआत भी सोमवार से होगी तथा समापन भी सोमवार के दिन ही होगा. पण्डित शर्मा के अनुसार इस बार सावन 29 दिन का होगा. इसमें कृष्ण पक्ष के 14 तथा शुक्ल पक्ष के 15 दिन होंगे. कृष्ण पक्ष की तृतीया व चतुर्थी एक ही दिन यानी 24 जुलाई को आएगी, जबकि शुक्ल पक्ष की सप्तमी दो दिन 11 व 12 अगस्त को रहेगी. द्वादशी एवं त्रियोदशी एक ही दिन 17 अगस्त को होगी.

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