जोधपुर : 10वां दो दिवसीय ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स शो शनिवार को शुरू हुआ. यह शो ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसायटी, जोधपुर और मारवाड़ी हॉर्स बुक रजिस्ट्रेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के संयुक्त प्रयास से महाराजा गजसिंह स्पोर्ट्स फाउंडेशन पोलो ग्राउंड पर आयोजित किया गया. शो की शुरुआत पूर्व नरेश गजसिंह ने अश्वदेव रेवंत की पूजा अर्चना से की.
इस कार्यक्रम में देशभर से मारवाड़ी नस्ल के कई घोड़े शामिल हुए. उद्घाटन समारोह में राज्य के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत भी उपस्थित रहे. इस मौके पर घोड़ों के साथ मार्च पास्ट, लोक नृत्य लंगा और मांगणियार लोक कलाकारों द्वारा लोक गीत प्रस्तुत किए गए. इसके अलावा मेहरानगढ़ बैंड, सुंदर बैंड और बीएसएफ के कैमल बैंड ने भी अपनी धुनें पेश कीं. पशुपालन मंत्री कुमावत ने कहा कि पूर्व नरेश की अगुवाई में मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों का संरक्षण बहुत सराहनीय कदम है. इस शो में अगले दो दिनों तक विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें पहले स्थान पर आने वाले घोड़े को एक लाख रुपए तक का इनाम मिलेगा.
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नाक और कान ही पहचाने जाते हैं : सोसाइटी के सचिव इंद्रजीत सिंह नाथावत ने बताया कि अश्वपालन एक महंगा शौक है. छोटे घोड़े को संतान की तरह पालना पड़ता है और उसे तैयार करने में हर दिन डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है. मारवाड़ी घोड़े की आठ से दस नस्लें होती हैं. इनकी पहचान उनके नाक और कान से की जाती है, जो अन्य नस्लों से अलग होते हैं. इनके काम कर्व होकर उपर मिले हुए प्रतीत होते हैं, जो और किसी नस्ल में नहीं होता. इसी तरह से इनके नाक की हड्डी के उभार से इन्हे पहचाना जाता है.
पूरे देश में फैले हैं अश्व : सोसाइटी के फाउंडर और ज्वाइंट सेक्रेटरी गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस शो में केवल वही घोड़े शामिल हो रहे हैं, जो सोसायटी द्वारा रजिस्टर्ड हैं और जिनका प्रमाणपत्र प्राप्त है. उन्होंने बताया कि आजकल मारवाड़ी घोड़ा देश के हर कोने में मौजूद है और सोसाइटी के पास लगभग चार हजार घोड़े रजिस्टर्ड हैं. विदेशों में भी मारवाड़ी हॉर्स की सोसाइटी बनाई गई है. इस शो में हर घोड़े को उनके निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही शामिल किया जाता है.