देहरादूनः उत्तराखंड, अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की दूसरी बार मेजबानी करने जा रहा है. हालांकि, इसकी घोषणा पहले ही हो चुकी है. लेकिन अब राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. खास बात यह है कि वन विभाग इस बड़े आयोजन के लिए शासन से बजट लेने के प्रयास शुरू करने जा रहा है. ताकि उत्तराखंड में करीब 1 साल बाद नवंबर में होने वाले इस आयोजन को बेहतर तरीके से किया जा सके.
उत्तराखंड वन विभाग ने छत्तीसगढ़ में हुए राष्ट्रीय स्तर के खेलों को लेकर तमाम तैयारियों पर जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है. दरअसल हाल ही में छत्तीसगढ़ के रायपुर में अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित हुई थी. जिसमें देश भर की करीब 40 टीमें, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश और फॉरेस्ट से जुड़ी एजेंसियों की शामिल हुई थीं. खास बात यह है कि उत्तराखंड अगले अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की मेजबानी करने जा रहा है. यह दूसरा मौका है जब उत्तराखंड को इन राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन करने का मौका मिल रहा है.
वन विभाग को 12 करोड़ की जरूरत: उत्तराखंड वन विभाग छत्तीसगढ़ में हुए आयोजन का आकलन करते हुए तैयारियों को शुरू कर रहा है. माना जा रहा है कि इस आयोजन को करने के लिए उत्तराखंड वन विभाग को करीब 12 करोड़ के बजट की आवश्यकता होगी. जिसके लिए वन विभाग शासन को इससे जुड़ा प्रस्ताव बनाकर देने जा रहा है. हालांकि इससे पहले भी उत्तराखंड इन खेलों की मेजबानी साल 2011-12 में कर चुका है.
उत्तराखंड ने हासिल किया छठा स्थान: उत्तराखंड ने छत्तीसगढ़ में हुए आयोजन के दौरान देश में छठा स्थान हासिल किया था. छत्तीसगढ़ में 27वीं अखिल भारतीय खेलकूद प्रतियोगिता हुई थी और अब 28वीं अखिल भारतीय खेलकूद प्रतियोगिता उत्तराखंड में होना प्रस्तावित है. इससे पहले हरियाणा में यह प्रतियोगिता हुई थी और वहां भी उत्तराखंड ने देश में छठा स्थान हासिल किया था. राज्य में इन खेलों की तैयारी को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक बैठक हो चुकी है. जिसमें खेलों की तैयारी से जुड़े विभिन्न कार्यों का लेखा-जोखा तैयार करने और इसी आधार पर बजट निर्धारित करने जैसे विषयों पर बात हुई है.
बाद में भी इस्तेमाल किए जा सकेंगे इंफ्रास्ट्रक्चर: उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों को लेकर भी तैयारी हो रही हैं और उत्तराखंड वन विभाग के लिए अच्छी खबर यह है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार होने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बाद में अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह वन विभाग को इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए राष्ट्रीय खेलों से भी काफी ज्यादा मदद मिलने जा रही है.
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