पटना: बिहार में युवा प्रतिभावों की कमी नहीं है, इस में चार चांद लगाने का काम मधुबनी के लाल शम्स आलम ने किया है. उन्होंने जाग्रेब पैरा स्विमिंग ओपन चैंपियनशिप 2024 में 3 पदक जीता है. क्रोएशिया के जाग्रेब में 5-7 जुलाई तक आयोजित टूर्नामेंट में शम्स ने श्रेणी एस 5 एसबी 4 और एसएम 5 में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में रजत पदक जीता है. वहीं 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक और 50 मीटर बटरफ्लाई में कांस्य पदक जीतकर पूरे भारत का नाम रौशन किया है.
शम्स के नाम है दो नेशनल रिकॉर्ड: बता दें कि इससे पहले भी मेडल जीतने के साथ-साथ शम्स आलम के नाम दो नेशनल रिकॉर्ड है. शम्स ने इससे पहले यूरोपीय देश आइसलैंड की राजधानी रिक्जेविक शहर में हुई पैरा स्वीमिंग प्रतियोगिता में 6 मेडल जीत वर्ल्ड पैरा स्वीमिंग रैंकिंग में काफी उछाल लाया था. वो बिहार के मधुबनी स्थित बिस्फी प्रखंड के रथौस गांव के रहने वाले हैं.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहे शम्स: शम्स परिवार में उनके पिता, चार भाई और दो बहने हैं. उन्होंने मुंबई के रिजवी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और चेन्नई के सत्यभामा यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की है. उन्होंने अमेरिका स्थित एक यूनिवर्सिटी से ग्लोबल स्पोटर्स मेंटरिंग प्रोग्राम भी पूरा किया है. शम्स आलम 2010 में राष्ट्रीय कराटे चैंपियन बने थे. वह चाहते थे कि इसी क्षेत्र में भारत के लिए गोल्ड मेडल लायें. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.
असफल ऑपरेशन से शरीर का निचला हिस्सा हुआ बेजान: अक्टूबर 2010 में जब शम्स अपने इंजीनियरिंग के फाइनल इयर में थे, तभी उनकी रीढ़ की हड्डी में एक ट्यूमर विकसित हो गया. इस समस्या को लेकर वह डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने ऑपरेशन कराने को कहा. बदकिस्मती से यह ऑपरेशन कामयाब नहीं हुआ, जिसकी वजह से उनके शरीर का निचला हिस्सा पूरा सुन्न हो गया और उसमें कोई जान नहीं बची. तब से लेकर उनकी जिंदगी व्हील चेयर पर आ गई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी है.
पहले भी जीते हैं कई प्रतियोगिताओं में मेडल: साल 2016 में कनाडा के गैटीन्यू शहर में हुए कैन-एम पैरा स्वीमिंग चैंपियनशिप में उन्होंने पुरुषों की 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया. वहीं 2018 में आयोजित भारतीय ओपन पैराप्लेजिक स्वीमिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 4 गोल्ड मेडल अपने नाम किया. 2018 में इंडोनेशिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में शम्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. 2022 के एशियन पैरा गेम्स में भी शम्स ने पैरा स्वीमिंग में भारत को रिप्रजेंट किया. वहीं, 2022 के विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शम्स को दसवां स्थान प्राप्त हुआ.
तेज पैराप्लेजिक स्विमर का रिकॉर्ड: 2019 में शम्स ने बिहार स्वीमिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित स्वीमिंग प्रतियोगिता में सबसे तेज पैराप्लेजिक स्विमर का रिकॉर्ड बनाया था. शम्स ने गंगा नदी में सबसे तेज़ (दो किलोमिटर) तैराकी 12 मिनट 23.04 सेकेंड में पूरा कर लिया जो कि एक रिकॉर्ड है. इस रिकॉर्ड के लिए शम्स का नाम इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है. 2021 में उनको भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने संबंधी नेशनल अवार्ड से नवाजा गया.
वित्त विभाग में कार्यरत हैं शम्स: फिलहाल शम्स गुजरात के गांधीनगर स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (स्पोटर्स ऑथरिटी ऑफ इंडिया) में ट्रेनिंग ले रहे हैं. शम्स को बिहार सरकार ने वित्त विभाग में नौकरी दी है. यह नौकरी बिहार सरकार के ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ’ प्रोग्राम के तहत दी गई है. शम्स ने अपनी इस उपलब्धि के लिए बिहार सरकार के साथ-साथ मुख्य कोच रीना दास, भारतीय खेल प्राधिकरण, गांधीनगर के क्षेत्रीय निदेशक मणिकांत शर्मा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के डीजी रवींद्रन शंकरन, ओंकार सर, कार्तिकेन सर आदि के प्रति आभार जताया.
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