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कभी होती थी सचिन-सहवाग और ब्रायन लारा से तुलना, अब 25 साल की ही उम्र में डूबने लगा करियर - IPL 2025

जिस खिलाड़ी की सचिन-सहवाग और ब्रायन लारा से तुलना होती थी उसी खिलाड़ी को पहली बार आईपीएल नीलामी में कोई खरीदार नहीं मिला.

Prithvi Shaw
पृथ्वी शॉ (Getty Image)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Dec 1, 2024, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. हर साल भारत को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मिलता है और देश में छा जाता है. इन्हीं खिलाड़ियों में से कुछ का कैरियर काफी लम्बा चलता है तो कुछ का कैरियर जल्द ही खत्म हो जाता है.

यह अनुशासन ही है जो किसी क्रिकेटर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबे समय तक टिके रहने में मदद करता है. लेकिन आज हम एक ऐसे होनहार बल्लेबाज के बारे में बात करने जारहे हैं जिसकी प्रतिभा पर कोई संदेह नहीं था, एक समय उस बल्लेबाज की तुलना सचिन-सहवाग और ब्रायन लारा जैसे महान खिलाड़ियों के साथ की जाती थी. उस बल्लेबाज का नाम पृथ्वी शॉ है.

पृथ्वी शॉ का करियर 25 साल की ही उम्र में क्यों डूबने लगा?
पृथ्वी शॉ को राष्ट्रीय टीम में शामिल हुए 4 साल हो चुके हैं. हाल ही में हुई मेगा नीलामी में भी किसी फ्रेंचाइजी ने उन्हें खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. 75 लाख रुपए के बेस प्राइस के साथ नीलामी में शामिल हुए शाह अनलोडेड रहे. पूर्व क्रिकेटर प्रवीण आमरे ने हाल ही में युवा खिलाड़ी शाह के करियर में आने वाली मुश्किलों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि इस स्थिति का कारण यह हो सकता है कि उन्होंने कम उम्र में अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा नहीं की.

प्रवीण आमरे ने कहा कि 'तीन साल से भी कम समय पहले मैंने विनोद कांबली के बारे में बताया था. मैंने कांबली का पतन करीब से देखा है. इस पीढ़ी के लड़कों को कुछ चीजें सिखाना आसान नहीं है. पृथ्वी 23 साल की उम्र में 34-40 करोड़ रुपये कमा लेता. इतना तो आईआईएम ग्रेजुएट भी नहीं कमा पाता. जब आप इतनी कम उम्र में इतना कमाते हैं, तो भटकने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए क्रिकेट को प्राथमिकता देने के अलावा अच्छे दोस्त और पैसे का प्रबंधन करना बहुत जरूरी है.

भारतीय क्रिकेट में शॉ का जीवन एक केस स्टडी है
आमरे ने आगे कहा कि, "शाह का जीवन भारतीय क्रिकेट में एक केस स्टडी है. उनके साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए. सिर्फ प्रतिभा आपको शीर्ष पर नहीं ले जाती. अनुशासन, दृढ़ संकल्प और समर्पण एक आदमी के लिए बहुत जरूरी है. जब उन्हें आईपीएल में दिल्ली फ्रेंचाइजी ने खरीदा था, तब वे टीम इंडिया की अंडर-19 टीम की कप्तानी कर रहे थे. दिल्ली के प्रबंधन, जिन्हें उन पर भरोसा था, ने 6 साल तक पृथ्वी का साथ दिया. लेकिन, अनुशासन की कमी ने उनके करियर को नुकसान पहुंचाया".

उन्हों ने यह भी कहा कि, "दिल्ली की टीम द्वारा पृथ्वी को बाहर किया जाना कोई सजा नहीं थी. हम चाहते थे कि वह सही रास्ते पर आए. मुझे उम्मीद है कि वह इस नीलामी में सामने आई स्थिति को सकारात्मक रूप से लेगा. आमरे ने उम्मीद जताई कि उनमें क्रिकेट अभी बहुत है".

शोहरत और पैसे ने शॉ को नुकसान पहुंचाया
युवा प्रतिभाशाली पृथ्वी ने 18 साल की उम्र में भारतीय टेस्ट टीम में पदार्पण किया. लेकिन, किशोरावस्था में मिली शोहरत और पैसे ने उन्हें नुकसान पहुंचाया. आईपीएल में भी दिल्ली की टीम ने उन्हें कई मौके दिए. हालांकि, शाह उन मौकों को भुनाने में नाकाम रहे. पिछले दो सीजन से आईपीएल में शाह का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा है. जिसका नतीजा यह निकला कि हाल ही में हुई मेगा नीलामी में उन्हें खरीदने के लिए कोई फ्रेंचाइजी आगे नहीं आई.

आईसीसी ने भी शॉ की तारीफ में कसीदे पढ़े थे
एक बार आईसीसी ने उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए उन्हें क्रिकेट जगत का भविष्य में एक बड़ा नाम बताया था. लेकिन अब टीम इंडिया तो छोड़िए 25 वर्षीय इस खिलाड़ी ने खुद को एक ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है, जो आईपीएल 2025 में अनसोल्ड रहा.

इस खिलाड़ी को देखकर ऐसा लगता है कि कामयाबी जरा देर से मिले लेकिन ऐसा डाउन फॉल किसी को न मिले. एक समय था जब इस खिलाड़ी ने आईपीएल से लेकर टीम इंडिया तक तहलका मचा दिया था लेकिन यह शौहरत उनके लिए महज चंद वर्षों की थी. अब उनके करियर में ऐसा समय आ गया है कि वो न आईपीएल में हैं और न टीम इंडिया में अपने छोटे से ही करियर में पृथ्वी शॉ पहली बार आईपीएल का हिस्सा नहीं होंगे.

पृथ्वी शॉ का आईपीएल करियर
पृथ्वी शॉ को दिल्ली ने आईपीएल 2022 से पहले रिटेन किया था और उन्हें भी उनके बेस प्राइस 75 लाख पर भी कोई ख़रीदार नहीं मिला. शॉ ने पिछले दो सीज़न में दिल्ली के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था जिसके बाद पिछले सीज़न में अभिषेक पोरेल के लिए उन्हें ड्रॉप किया गया था. हाल ही में उन्हें मुंबई की रणजी टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया था.

पृथ्वी शॉ ने आईपीएल में 79 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 1892 रन बनाए. पृथ्वी शॉ के बल्ले से इस दौरान 14 अर्धशतकीय पारियां निकली. इंटरनेशनल करियर में उन्होंने 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मैच खेला. फिलहाल पृथ्वी शॉ फिटनेस पर फोकस कर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

खराब फॉर्म, फिटनेस और अनुशासन की कमी इस बल्लेबाज की सबसे बड़ी दुश्मन है. शॉ अक्सर लाइमलाइट में रहते हैं और अलग-अलग पार्टियों में दिख जाते हैं, जो उनकी ट्रोलिंग की वजह भी बनता है. अब वो सिर्फ क्रिकेट फैंस के लिए ट्रोलिंग का जरिया बन गए हैं और यही बात अब उन्हें भी चुभने लगी है.

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नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. हर साल भारत को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मिलता है और देश में छा जाता है. इन्हीं खिलाड़ियों में से कुछ का कैरियर काफी लम्बा चलता है तो कुछ का कैरियर जल्द ही खत्म हो जाता है.

यह अनुशासन ही है जो किसी क्रिकेटर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबे समय तक टिके रहने में मदद करता है. लेकिन आज हम एक ऐसे होनहार बल्लेबाज के बारे में बात करने जारहे हैं जिसकी प्रतिभा पर कोई संदेह नहीं था, एक समय उस बल्लेबाज की तुलना सचिन-सहवाग और ब्रायन लारा जैसे महान खिलाड़ियों के साथ की जाती थी. उस बल्लेबाज का नाम पृथ्वी शॉ है.

पृथ्वी शॉ का करियर 25 साल की ही उम्र में क्यों डूबने लगा?
पृथ्वी शॉ को राष्ट्रीय टीम में शामिल हुए 4 साल हो चुके हैं. हाल ही में हुई मेगा नीलामी में भी किसी फ्रेंचाइजी ने उन्हें खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. 75 लाख रुपए के बेस प्राइस के साथ नीलामी में शामिल हुए शाह अनलोडेड रहे. पूर्व क्रिकेटर प्रवीण आमरे ने हाल ही में युवा खिलाड़ी शाह के करियर में आने वाली मुश्किलों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि इस स्थिति का कारण यह हो सकता है कि उन्होंने कम उम्र में अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा नहीं की.

प्रवीण आमरे ने कहा कि 'तीन साल से भी कम समय पहले मैंने विनोद कांबली के बारे में बताया था. मैंने कांबली का पतन करीब से देखा है. इस पीढ़ी के लड़कों को कुछ चीजें सिखाना आसान नहीं है. पृथ्वी 23 साल की उम्र में 34-40 करोड़ रुपये कमा लेता. इतना तो आईआईएम ग्रेजुएट भी नहीं कमा पाता. जब आप इतनी कम उम्र में इतना कमाते हैं, तो भटकने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए क्रिकेट को प्राथमिकता देने के अलावा अच्छे दोस्त और पैसे का प्रबंधन करना बहुत जरूरी है.

भारतीय क्रिकेट में शॉ का जीवन एक केस स्टडी है
आमरे ने आगे कहा कि, "शाह का जीवन भारतीय क्रिकेट में एक केस स्टडी है. उनके साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए. सिर्फ प्रतिभा आपको शीर्ष पर नहीं ले जाती. अनुशासन, दृढ़ संकल्प और समर्पण एक आदमी के लिए बहुत जरूरी है. जब उन्हें आईपीएल में दिल्ली फ्रेंचाइजी ने खरीदा था, तब वे टीम इंडिया की अंडर-19 टीम की कप्तानी कर रहे थे. दिल्ली के प्रबंधन, जिन्हें उन पर भरोसा था, ने 6 साल तक पृथ्वी का साथ दिया. लेकिन, अनुशासन की कमी ने उनके करियर को नुकसान पहुंचाया".

उन्हों ने यह भी कहा कि, "दिल्ली की टीम द्वारा पृथ्वी को बाहर किया जाना कोई सजा नहीं थी. हम चाहते थे कि वह सही रास्ते पर आए. मुझे उम्मीद है कि वह इस नीलामी में सामने आई स्थिति को सकारात्मक रूप से लेगा. आमरे ने उम्मीद जताई कि उनमें क्रिकेट अभी बहुत है".

शोहरत और पैसे ने शॉ को नुकसान पहुंचाया
युवा प्रतिभाशाली पृथ्वी ने 18 साल की उम्र में भारतीय टेस्ट टीम में पदार्पण किया. लेकिन, किशोरावस्था में मिली शोहरत और पैसे ने उन्हें नुकसान पहुंचाया. आईपीएल में भी दिल्ली की टीम ने उन्हें कई मौके दिए. हालांकि, शाह उन मौकों को भुनाने में नाकाम रहे. पिछले दो सीजन से आईपीएल में शाह का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा है. जिसका नतीजा यह निकला कि हाल ही में हुई मेगा नीलामी में उन्हें खरीदने के लिए कोई फ्रेंचाइजी आगे नहीं आई.

आईसीसी ने भी शॉ की तारीफ में कसीदे पढ़े थे
एक बार आईसीसी ने उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए उन्हें क्रिकेट जगत का भविष्य में एक बड़ा नाम बताया था. लेकिन अब टीम इंडिया तो छोड़िए 25 वर्षीय इस खिलाड़ी ने खुद को एक ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है, जो आईपीएल 2025 में अनसोल्ड रहा.

इस खिलाड़ी को देखकर ऐसा लगता है कि कामयाबी जरा देर से मिले लेकिन ऐसा डाउन फॉल किसी को न मिले. एक समय था जब इस खिलाड़ी ने आईपीएल से लेकर टीम इंडिया तक तहलका मचा दिया था लेकिन यह शौहरत उनके लिए महज चंद वर्षों की थी. अब उनके करियर में ऐसा समय आ गया है कि वो न आईपीएल में हैं और न टीम इंडिया में अपने छोटे से ही करियर में पृथ्वी शॉ पहली बार आईपीएल का हिस्सा नहीं होंगे.

पृथ्वी शॉ का आईपीएल करियर
पृथ्वी शॉ को दिल्ली ने आईपीएल 2022 से पहले रिटेन किया था और उन्हें भी उनके बेस प्राइस 75 लाख पर भी कोई ख़रीदार नहीं मिला. शॉ ने पिछले दो सीज़न में दिल्ली के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था जिसके बाद पिछले सीज़न में अभिषेक पोरेल के लिए उन्हें ड्रॉप किया गया था. हाल ही में उन्हें मुंबई की रणजी टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया था.

पृथ्वी शॉ ने आईपीएल में 79 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 1892 रन बनाए. पृथ्वी शॉ के बल्ले से इस दौरान 14 अर्धशतकीय पारियां निकली. इंटरनेशनल करियर में उन्होंने 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मैच खेला. फिलहाल पृथ्वी शॉ फिटनेस पर फोकस कर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

खराब फॉर्म, फिटनेस और अनुशासन की कमी इस बल्लेबाज की सबसे बड़ी दुश्मन है. शॉ अक्सर लाइमलाइट में रहते हैं और अलग-अलग पार्टियों में दिख जाते हैं, जो उनकी ट्रोलिंग की वजह भी बनता है. अब वो सिर्फ क्रिकेट फैंस के लिए ट्रोलिंग का जरिया बन गए हैं और यही बात अब उन्हें भी चुभने लगी है.

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