Mauni Amavasya 2024 Date: कहा जाता है कि मौनी अमावस्या सभी अमावस्या में सबसे प्रमुख और विशेष महत्व वाली अमावस्या होती है. माघ महीने की जो अमावस्या होती है उसी को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन अगर कुछ विशेष कार्य कर लिए जाएं तो जीवन में सुख समृद्धि मिलती है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि इस बार मौनी अमावस्या कब है, इस दिन क्या करें क्या ना करें और इस अमावस्या का विशेष महत्व क्यों होता है.
मौनी अमावस्या कब ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि साल 2024 में मौनी अमावस्या माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है और इस साल फरवरी माह में 9 फरवरी को मौनी अमावस्या पड़ रही है. मौनी अमावस्या सभी अमावस्या में बहुत विशेष मानी गई है और इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से कई लाभ भी होते हैं. जीवन में किए गए पापों से मुक्ति भी मिल सकती है.
मौनी अमावस्या में क्या करें ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन बड़े बुजुर्ग, माताएं, बहनें, छोटे-बड़े जो भी लोग हैं, सभी लोग कोशिश करें कि इस दिन गंगा जी में स्नान करें. इसका विशेष महत्व है, गंगा जी में स्नान करने से विशेष लाभ है, जाने अनजाने में जो पाप होते हैं वो दूर हो जाते हैं, घर में शांति आती है.
गंगा जी नहीं जा सकते तो यहां करें स्नान
जो बुजुर्ग या वृद्ध जिनके पास पैसे की कमी है, जो असहाय हैं गंगा जी नहीं जा सकते हैं, वो अपने घर के समीप अगर व्यवस्था हो तो बहते हुए पानी में स्नान कर सकते हैं, उससे भी शुभ फल की प्राप्ति होती है. जो नदी नाले के पास भी नहीं जा सकते हैं, बहते हुए पानी के पास नहीं जा सकते हैं वो सूर्योदय से पहले कुएं से ताजा जल निकाल कर, उसमें गंगाजल थोड़ा सा मिला करके स्नान करें तो उसका भी विशेष फल होता है और उतना ही महत्व होता है.
स्नान के बाद करें ये काम
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन प्रातः कालीन गंगा जी में या बहते हुए जल में स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ दें, भगवान विष्णु को याद करें और वहां से निकलते ही तिल का दान करें. मौनी अमावस्या के दिन तिल का दान करने का भी विशेष महत्व है. ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि मौनी आमवस्या के दिन तिल का दान करने से घर में सुख शांति आती है.
पितरों की शांति के लिए करें ये काम
पितरों की शांति के लिए भी मौनी अमावस्या का दिन बहुत विशेष माना गया है. गंगा जी में या बहते हुए जल में स्नान करने के बाद पितरों की शांति के लिए वहां स्नान करने के बाद पितरों का नाम लेकर के तीन-तीन अंजुली तिल लेकर तर्पण करें, तो पितरों को भी मुक्ति मिलती है शांति मिलती है.
मौनी अमावस्या को मौन रहने का महत्व
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रखने का विशेष महत्व होता है. इस दिन मौन व्रत करने वालों को तन मन दोनों की शुद्धता प्राप्त होती है. शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है, लाभ ही लाभ होता है. इसलिए इस दिन मौन व्रत का विशेष महत्व है.
ये भी पढ़ें: |
शनि का प्रभाव होता है कम
मौनी अमावस्या पर पीपल को दूध, जल, काले तिल से सींचने पर पितर प्रसन्न होते हैं. इस दौरान शनि रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं जीवन में आर्थिक स्थिति बेहतर होती है.