ढाका: नौकरी कोटा के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा. इन विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नाहिद इस्लाम ने किया, जो बांग्लादेश में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरा है. हसीना अपना देश छोड़कर सोमवार को भारत पहुंची.
इसके साथ ही उनका 15 साल का शासन कई हफ्तों तक चली हिंसक अशांति के बाद समाप्त हो गया. बांग्लादेश में हुई हिंसा में लगभग 300 लोगों के मारे जाने की खबर है. फिलहाल बांग्लादेश की सत्ता सेना ने संभाल रखी है. सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने ऐलान किया है कि बांग्लादेश में आर्मी अंतरिम सरकार बनाएगी. उन्होंने मु. युनूस को मुख्य सलाहकार बनाए जाने की भी घोषणा की है.
कौन है नाहिद इस्लाम?
ढाका यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र के छात्र नाहिद इस्लाम ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटा दिया गया और उनके 15 साल के शासन का अंत हो गया. नाहिद का जन्म 1998 में हुआ था.
नाहिद स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन का कोर्डिनेटर था. जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद नाहिद को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि मिली, जो शेख हसीना की सरकार के लिए घातक साबित हुआ.
हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की खाई कसम
नाहिद और अन्य छात्र नेताओं का सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान से मिलने का कार्यक्रम है, जिन्होंने अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की है. नाहिद ने सेना के नेतृत्व वाली या सेना द्वारा समर्थित किसी भी सरकार का विरोध किया है और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार के रूप में प्रस्तावित किया है. सार्वजनिक बयानों में नाहिद ने प्रदर्शनकारियों से किए गए वादों को पूरा करने और बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की कसम खाई है. हालांकि, इस उथल-पुथल के बाद सबसे ज्यादा हमले हिंदुओं पर ही हो रहे हैं.
शेख हसीना कहां हैं?
शुरू में शांतिपूर्ण रहे बांग्लादेशी छात्रों द्वारा सरकारी नौकरी कोटा प्रणाली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने विद्रोह का रूप ले लिया, जिसके कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने देश छोड़ दिया है. फिलहाल वह भारत में हैं और उम्मीद है कि वे किसी दूसरे देश में शरण लेंगी.
बांग्लादेश में आगे क्या होगा?
विपक्षी नेता और सेना नए चुनाव आयोजित करने के लिए अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा कर रहे हैं, जिसके बारे में आलोचकों का कहना है कि इससे लोकतंत्र बहाल होगा. मंगलवार की सुबह फेसबुक पर एक पोस्ट में नाहिद इस्लाम ने कहा, "हमने जिस सरकार की सिफारिश की है, उसके अलावा कोई भी सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी."
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