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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने की पाकिस्तान में हुए हमले की निंदा

पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा प्रांत में हुए बड़े हमले की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कड़ी निंदा की है.

un chief antonio guterres
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 23, 2024, 11:13 AM IST

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए घातक हमले की कड़ी निंदा की है. आतंकियों ने गुरुवार को तीन यात्री वाहनों को निशाना बनाकर हमले किए जिसमें कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य घायल हो गए. महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को दैनिक ब्रीफिंग में देकर कहा कि नागरिकों के खिलाफ हमले अस्वीकार्य हैं.

गुटेरेस ने पीड़ितों के परिवारों और पाकिस्तान सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से जांच कराने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए. पाराचिनार में शिया और सुन्नी के बीच पहले भी खूनी टकराव हुए हैं.

किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, जबकि सुरक्षा बलों ने हमलावरों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के संघीय मंत्री मोहसिन नकवी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि संघीय सरकार केपी प्रांतीय सरकार के साथ लगातार संपर्क में है. पिछला सप्ताह कठिन और परेशान करने वाला रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम हर दिन एक नई घटना देखते हैं और अब केपी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.' पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इस दुखद घटना की निंदा की और कहा कि 'निर्दोष यात्रियों पर हमला एक कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है.' शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच भूमि विवाद को लेकर पहले भी हिंसक और जानलेवा झड़पें हो चुकी हैं. पिछले कुछ सालों में इन दोनों के बीच आपसी संघर्ष की कई घटनाएं हुई. इस दौरान दोनों पक्षों के सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. जनजातियों के बीच पिछले संघर्ष के बाद से स्थानीय लोगों को स्थानीय बुजुर्गों द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार केवल काफिले में यात्रा करने की अनुमति थी.

कुर्रम जिले में गुरुवार का हमला शिया और सुन्नी के बीच लंबे समय से चल रहे सांप्रदायिक संघर्ष में सबसे घातक हमलों में से एक है. इस महीने की शुरुआत में हजारों निवासी पाराचिनार में एक 'शांति मार्च' में भाग लेने के लिए एकत्र हुए थे, जिसमें सरकार से कुर्रम जिले के 800,000 निवासियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी, जिनमें से 45 प्रतिशत शिया समुदाय के हैं.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, 50 की मौत, 20 से अधिक घायल

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए घातक हमले की कड़ी निंदा की है. आतंकियों ने गुरुवार को तीन यात्री वाहनों को निशाना बनाकर हमले किए जिसमें कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य घायल हो गए. महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को दैनिक ब्रीफिंग में देकर कहा कि नागरिकों के खिलाफ हमले अस्वीकार्य हैं.

गुटेरेस ने पीड़ितों के परिवारों और पाकिस्तान सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से जांच कराने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए. पाराचिनार में शिया और सुन्नी के बीच पहले भी खूनी टकराव हुए हैं.

किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, जबकि सुरक्षा बलों ने हमलावरों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के संघीय मंत्री मोहसिन नकवी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि संघीय सरकार केपी प्रांतीय सरकार के साथ लगातार संपर्क में है. पिछला सप्ताह कठिन और परेशान करने वाला रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम हर दिन एक नई घटना देखते हैं और अब केपी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.' पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इस दुखद घटना की निंदा की और कहा कि 'निर्दोष यात्रियों पर हमला एक कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है.' शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच भूमि विवाद को लेकर पहले भी हिंसक और जानलेवा झड़पें हो चुकी हैं. पिछले कुछ सालों में इन दोनों के बीच आपसी संघर्ष की कई घटनाएं हुई. इस दौरान दोनों पक्षों के सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. जनजातियों के बीच पिछले संघर्ष के बाद से स्थानीय लोगों को स्थानीय बुजुर्गों द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार केवल काफिले में यात्रा करने की अनुमति थी.

कुर्रम जिले में गुरुवार का हमला शिया और सुन्नी के बीच लंबे समय से चल रहे सांप्रदायिक संघर्ष में सबसे घातक हमलों में से एक है. इस महीने की शुरुआत में हजारों निवासी पाराचिनार में एक 'शांति मार्च' में भाग लेने के लिए एकत्र हुए थे, जिसमें सरकार से कुर्रम जिले के 800,000 निवासियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी, जिनमें से 45 प्रतिशत शिया समुदाय के हैं.

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