नई दिल्ली: पाकिस्तान में राष्ट्रीय चुनावों के अंतिम नतीजे आने में घंटों की देरी के साथ, अब अटकलें तेज हो गई हैं कि आखिरकार भारत के पश्चिमी पड़ोसी में सरकार कौन बनाएगा. पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पहले देश में गुरुवार को मतदान के बाद अंतिम परिणाम घोषित करने के लिए शुक्रवार देर रात 2 बजे तक की समय सीमा तय की थी. हालांकि, बाद में इसे शुक्रवार सुबह 10 बजे तक बढ़ा दिया गया क्योंकि देश के आंतरिक मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था.
समाचार लिखे जाने तक पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 139 निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे घोषित किए गए हैं, जिनमें 55 निर्दलीय (ज्यादातर पीटीआई द्वारा समर्थित), पीएमएल-एन 43, पीपीपी 35 और अन्य सीट पर छोटी पार्टियों ने जीत दर्ज की हैं. इससे अटकलें तेज हो गई हैं कि सरकार किसकी बनेगी. कई परिदृश्य उभर रहे हैं. इमरान खान को तीन आपराधिक मामलों में जेल भेजा गया है और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है. उनकी पार्टी को क्रिकेट का बल्ला चुनाव चिन्ह देने से इनकार कर दिया गया. ऐसे में पीटीआई सदस्य निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. क्रिकेट के बल्ले का चुनाव चिन्ह न मिलने के बाद कई लोग इमरान खान की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कई लोग अलग-अलग चिन्हों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अगर पीटीआई समर्थित निर्दलीय सबसे बड़ी इकाई बनकर उभरे, तो क्या वे सरकार बना सकते हैं?
डेली नवा-ए-अहमदपुर शरकिया के प्रधान संपादक एहसान अहमद सेहर ने कहा कि देखिए, मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव से पहले एक बयान जारी किया था कि पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीत भी जाएं तो भी पार्टी में वापस शामिल नहीं हो सकते. वहीं पाकिस्तान और ऑल पाकिस्तान रीजनल न्यूजपेपर्स सोसाइटी के संरक्षक ने ईटीवी भारत को बताया कि लेकिन अगर वे बहुमत में आते हैं, तो उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जाएगी. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर प्रधानमंत्री कौन बनेगा. पीटीआई के वरिष्ठ नेता गोहर अली खान ने दावा किया है कि उनकी पार्टी समर्थित उम्मीदवार अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में हैं और उन्हें पीएमएल-एन या पीपीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने की जरूरत नहीं होगी. जियो न्यूज ने बैरिस्टर गोहर के हवाले से कहा कि हम पीपीपी या पीएमएल-एन के संपर्क में नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि पीटीआई समर्थित उम्मीदवार 150 नेशनल असेंबली सीटें जीत रहे हैं और केंद्र में सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटें हासिल करने में सक्षम होंगे. सेहर के मुताबिक, ऐसे में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन हो सकता है, इस पर फैसला लेने के लिए बैरिस्टर गौहर सलाखों के पीछे इमरान खान से सलाह लेंगे.
दूसरा परिदृश्य जो उभर रहा है वह पीएमएल-एन और पीपीपी के गठबंधन सरकार बनाने का है. सहर के मुताबिक, उस स्थिति में प्रधानमंत्री की दौड़ पूर्व प्रधानमंत्री और नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो के बीच होगी. सेहर ने कहा कि नवाज शरीफ पहले ही कह चुके हैं कि वह गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहेंगे. उनकी बेटी मरियम नवाज़ ने कहा है कि अंतिम नतीजे आने के बाद उनकी पार्टी के नेता भाषण देंगे.
दिलचस्प बात यह है कि शरीफ ने दो सीटों - मनसेहरा और लाहौर से चुनाव लड़ा था. जबकि वह मानसेहरा सीट पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार ग़ज़नफ़र खान से हार गए, उन्होंने लाहौर के अपने पारंपरिक गढ़ को बरकरार रखा. हालांकि, अब पीपीपी नेता, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और बिलावल भुट्टो के पिता आसिफ अली जरदारी के शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंचने के साथ एक तीसरा परिदृश्य उभर रहा है. सेहर के अनुसार, जरदारी ने पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों सहित सभी स्वतंत्र उम्मीदवारों को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है. सेहर ने कहा कि ज़रदारी ने चुनाव से पहले कहा था कि उनका बेटा पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री होगा. हालांकि, जब तक अंतिम वोट की गिनती नहीं हो जाती, तब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता.
ये भी पढ़ें - पीएमएल-एन के पास बहुमत नहीं, अन्य पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे : नवाज शरीफ