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न पानी में घुलेगी, न छोड़ेगी कार्बन डाइऑक्साइड, मिट्टी को भी बनाएगी हेल्दी यह प्लास्टिक - JAPAN

जापान के RIKEN सेंटर फॉर इमर्जेंट मैटर साइंस के रिसर्चर्स ने एक ऐसी बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक तैयार की है, जो समुद्री जल में घुल जाती है.

बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक
बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2024, 7:50 PM IST

Updated : Dec 10, 2024, 8:22 PM IST

टोक्यो: समुद्र में प्लासिटिक वेस्ट और प्रदूषण दशकों से एक बड़ी समस्या बना हुआ है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हुआ हो रहा है और समुद्री जीवन के लिए भी यह एक बड़ा खतरा है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि हमारे पास इस समस्या से निपटने के लिए एक समाधान है जो सब कुछ बदल सकता है.

दरअसल, जापान के RIKEN सेंटर फॉर इमर्जेंट मैटर साइंस के शोधकर्ताओं ने एक क्रांतिकारी बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक तैयार की है, जो समुद्री जल में घुल जाती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लास्टिक का मैटेरियल भी काफी मजबूत है और इसे पैकेजिंग मैटेरियस से लेकर मेडिकल इक्विपमेंट जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए एडजस्ट किया जा सकता है.

इस प्लास्टिक की विशेष गुणवत्ता इसकी संरचना में निहित है, जिसमें भोजन के लिए सुरक्षित घटक होते हैं. इसका मतलब है कि उपयोग की जाने वाली सामग्री गैर विषैली है और विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए सुरक्षित है.इस प्लास्टिक की प्रमुख विशेषता प्राकृतिक वातावरण में जल्दी से विघटित होना है.

पारंपरिक प्लास्टिक से किस तरह अलग है यह?
पारंपरिक प्लास्टिक को विघटित होने में सदियां लगती हैं और इसके अवशेष समुद्र और अन्य इको सिस्टम में भर जाते हैं, जिससे वन्यजीवों को ज़्यादा खतरा होता है और प्रदूषण होता है. वहीं, RIKEN टीम का नया बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक इसके बिल्कुल विपरीत है.यह प्लास्टिक समुद्री जल में कुछ ही घंटों में घुल जाती है और इससे प्रदूषण भी नहीं होता.

मिट्टी में यह 10 दिनों में विघटित हो जाती है और इसके विघटन की प्रक्रिया के दौरान फर्टिलिटी में भी सुधार होता है. जैसे-जैसे प्लास्टिक विघटित होती है, यह कार्बनिक पदार्थ में बदल जाती है, जो मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध करता है और मिट्टी की कार्बन कंटेंट को रीस्टोर करती है. डी-कंपोजिशन प्रोसेस के दौरान आसान बायोडिग्रेडेशन और मिट्टी के संवर्धन की वजह से यह मैटेरियल टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक बेहतर विकल्प है.

क्या यह प्लास्टिक सड़ते समय प्रदूषण का कारण बनती है?
इस बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि जब यह टूटता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड नहीं छोड़ता है. अन्य प्लास्टिक जो टूटते हैं और ग्रीनहाउस गैसों को छोड़ते हैं, जो वातावरण में कार्बन के बढ़ते स्तर में योगदान करते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन होता है.

नया मैटैरियल कोई कार्बन उत्सर्जित नहीं करता है और वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करती है. इसके अलावा, प्लास्टिक को आसानी से रिसाइकिल किया जा सकता है और वर्जिन प्लास्टिक के उत्पादन को कम करता है.

नए कंपोस्टेबल प्लास्टिक का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
इसका उपयोग पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग समाधानों के उत्पादन में किया जा सकता है और प्लास्टिक के पर्यावरण पर पड़ने वाले खतरनाक पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सकता है. चिकित्सा क्षेत्र में इसका उपयोग विभिन्न इक्विपमेंट और डिवाइसों में किया जा सकता है, क्योंकि यह गैर विषैला और आसानी से अनुकूलन योग्य है.

यह भी पढ़ें- कौन हैं सीरियाई विद्रोही और क्यों और किसके लिए लड़ रहा है समूह? जानें

टोक्यो: समुद्र में प्लासिटिक वेस्ट और प्रदूषण दशकों से एक बड़ी समस्या बना हुआ है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हुआ हो रहा है और समुद्री जीवन के लिए भी यह एक बड़ा खतरा है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि हमारे पास इस समस्या से निपटने के लिए एक समाधान है जो सब कुछ बदल सकता है.

दरअसल, जापान के RIKEN सेंटर फॉर इमर्जेंट मैटर साइंस के शोधकर्ताओं ने एक क्रांतिकारी बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक तैयार की है, जो समुद्री जल में घुल जाती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लास्टिक का मैटेरियल भी काफी मजबूत है और इसे पैकेजिंग मैटेरियस से लेकर मेडिकल इक्विपमेंट जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए एडजस्ट किया जा सकता है.

इस प्लास्टिक की विशेष गुणवत्ता इसकी संरचना में निहित है, जिसमें भोजन के लिए सुरक्षित घटक होते हैं. इसका मतलब है कि उपयोग की जाने वाली सामग्री गैर विषैली है और विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए सुरक्षित है.इस प्लास्टिक की प्रमुख विशेषता प्राकृतिक वातावरण में जल्दी से विघटित होना है.

पारंपरिक प्लास्टिक से किस तरह अलग है यह?
पारंपरिक प्लास्टिक को विघटित होने में सदियां लगती हैं और इसके अवशेष समुद्र और अन्य इको सिस्टम में भर जाते हैं, जिससे वन्यजीवों को ज़्यादा खतरा होता है और प्रदूषण होता है. वहीं, RIKEN टीम का नया बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक इसके बिल्कुल विपरीत है.यह प्लास्टिक समुद्री जल में कुछ ही घंटों में घुल जाती है और इससे प्रदूषण भी नहीं होता.

मिट्टी में यह 10 दिनों में विघटित हो जाती है और इसके विघटन की प्रक्रिया के दौरान फर्टिलिटी में भी सुधार होता है. जैसे-जैसे प्लास्टिक विघटित होती है, यह कार्बनिक पदार्थ में बदल जाती है, जो मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध करता है और मिट्टी की कार्बन कंटेंट को रीस्टोर करती है. डी-कंपोजिशन प्रोसेस के दौरान आसान बायोडिग्रेडेशन और मिट्टी के संवर्धन की वजह से यह मैटेरियल टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक बेहतर विकल्प है.

क्या यह प्लास्टिक सड़ते समय प्रदूषण का कारण बनती है?
इस बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि जब यह टूटता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड नहीं छोड़ता है. अन्य प्लास्टिक जो टूटते हैं और ग्रीनहाउस गैसों को छोड़ते हैं, जो वातावरण में कार्बन के बढ़ते स्तर में योगदान करते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन होता है.

नया मैटैरियल कोई कार्बन उत्सर्जित नहीं करता है और वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करती है. इसके अलावा, प्लास्टिक को आसानी से रिसाइकिल किया जा सकता है और वर्जिन प्लास्टिक के उत्पादन को कम करता है.

नए कंपोस्टेबल प्लास्टिक का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
इसका उपयोग पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग समाधानों के उत्पादन में किया जा सकता है और प्लास्टिक के पर्यावरण पर पड़ने वाले खतरनाक पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सकता है. चिकित्सा क्षेत्र में इसका उपयोग विभिन्न इक्विपमेंट और डिवाइसों में किया जा सकता है, क्योंकि यह गैर विषैला और आसानी से अनुकूलन योग्य है.

यह भी पढ़ें- कौन हैं सीरियाई विद्रोही और क्यों और किसके लिए लड़ रहा है समूह? जानें

Last Updated : Dec 10, 2024, 8:22 PM IST
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