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ईरान की चेतावनी से सहमे खाड़ी देश, इजराइल को लगा बड़ा झटका, जानें क्या है मामला?

बढ़ते खतरे के मद्देनजर खाड़ी देशों ने अमेरिका से आग्रह किया है कि वह इजराइल को ईरान की तेल सुविधाओं को निशाना बनाने से रोके.

ईरान की चेतावनी से सहमे खाड़ी देश
ईरान की चेतावनी से सहमे खाड़ी देश (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 11, 2024, 7:21 PM IST

तेहरान: मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष के खतरे के बीच जब इजराइल ईरान के खिलाफ आक्रामक हमले की योजना बना रहा है, तेहरान ने खाड़ी अरब देशों को इस तरह के हमले में अपने हवाई क्षेत्र या सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने की अनुमति न देने की चेतावनी दी है. ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईरान, इजराइल को दी जाने वाली कोई भी सहायता बर्दाशत नहीं करेगा और इसका जवाब दिया जाएगा.

वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तेहरान के खिलाफ फारस की खाड़ी के किसी भी देश की ओर से की गई कोई भी कार्रवाई, चाहे वह हवाई क्षेत्र या सैन्य ठिकानों के इस्तेमाल के माध्यम से हो, तेहरान पर पूरे समूह की कार्रवाई मानी जाएगी और तेहरान उसी के अनुसार जवाब देगा,"

तेल सुविधाओं पर हमला कर सकता है इजराइल
ईरान की यह चेतावनी उन रिपोर्टों के बीच आई है, जिनमें कहा गया है कि तेहरान ने खाड़ी देशों को आगाह करते हुए कहा है कि अगर इजराइली समर्थक संघर्ष में सीधे हस्तक्षेप करते हैं, तो उनके क्षेत्रीय हितों को निशाना बनाया जाएगा. ऐसे में खाड़ी अरब देशों को डर है कि अगर वे चल रहे संघर्ष में इजराइल के साथ जुड़ते हैं, तो ईरान उनकी तेल सुविधाओं पर हमला कर सकता है.

ईरानी अधिकारी ने जोर देकर कहा, "मैसेज में इजराइल के खिलाफ क्षेत्रीय एकता की आवश्यकता और स्थिरता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया गया है. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि इजराइल को कोई भी सहायता जैसे कि ईरान के खिलाफ कार्रवाई के लिए किसी क्षेत्रीय देश के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देना, अस्वीकार्य है."

ईरान ने दागे थे 200 रॉकेट
बता दें कि एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 रॉकेट दागे, जिनमें से अधिकांश को इजराइली डिफेंस सिसट्म ने नष्ट कर दिया. यह हमला हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या और लेबनान-गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में किया गया था. रिपोर्टों के अनुसार इजराइल जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, कुछ लोगों का सुझाव है कि हमले में ईरान में तेल सुविधाओं को निशाना बनाया जा सकता है.

हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार
बढ़ते खतरे के मद्देनजर खाड़ी देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका से आग्रह किया है कि वह इजराइल को ईरान की तेल सुविधाओं को निशाना बनाने से रोके. अरब देशों के टॉप सोर्स का हवाला देते हुए रॉयटर्स ने बताया कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर ने ईरान पर किसी भी हमले के लिए इजराइल को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और वाशिंगटन को इस रुख से अवगत करा दिया है.

पिछले सप्ताह खाड़ी-अरब देशों ने दोहा में ईरान को अपनी तटस्थता का आश्वासन देने की कोशिश की और तेहरान से तनाव कम करने का आग्रह किया था. इस बीच इजराइल के लेबनान पर हमले जारी हैं. ताजा हमले में, लेबनान में 22 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.

यह भी पढ़ें- जिंदा है इस्माइल कानी, IRGC की कैद में ईरानी मिलिट्री चीफ, इजराइल को नसरल्लाह की जानकारी देने का शक

तेहरान: मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष के खतरे के बीच जब इजराइल ईरान के खिलाफ आक्रामक हमले की योजना बना रहा है, तेहरान ने खाड़ी अरब देशों को इस तरह के हमले में अपने हवाई क्षेत्र या सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने की अनुमति न देने की चेतावनी दी है. ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईरान, इजराइल को दी जाने वाली कोई भी सहायता बर्दाशत नहीं करेगा और इसका जवाब दिया जाएगा.

वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तेहरान के खिलाफ फारस की खाड़ी के किसी भी देश की ओर से की गई कोई भी कार्रवाई, चाहे वह हवाई क्षेत्र या सैन्य ठिकानों के इस्तेमाल के माध्यम से हो, तेहरान पर पूरे समूह की कार्रवाई मानी जाएगी और तेहरान उसी के अनुसार जवाब देगा,"

तेल सुविधाओं पर हमला कर सकता है इजराइल
ईरान की यह चेतावनी उन रिपोर्टों के बीच आई है, जिनमें कहा गया है कि तेहरान ने खाड़ी देशों को आगाह करते हुए कहा है कि अगर इजराइली समर्थक संघर्ष में सीधे हस्तक्षेप करते हैं, तो उनके क्षेत्रीय हितों को निशाना बनाया जाएगा. ऐसे में खाड़ी अरब देशों को डर है कि अगर वे चल रहे संघर्ष में इजराइल के साथ जुड़ते हैं, तो ईरान उनकी तेल सुविधाओं पर हमला कर सकता है.

ईरानी अधिकारी ने जोर देकर कहा, "मैसेज में इजराइल के खिलाफ क्षेत्रीय एकता की आवश्यकता और स्थिरता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया गया है. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि इजराइल को कोई भी सहायता जैसे कि ईरान के खिलाफ कार्रवाई के लिए किसी क्षेत्रीय देश के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देना, अस्वीकार्य है."

ईरान ने दागे थे 200 रॉकेट
बता दें कि एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 रॉकेट दागे, जिनमें से अधिकांश को इजराइली डिफेंस सिसट्म ने नष्ट कर दिया. यह हमला हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या और लेबनान-गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में किया गया था. रिपोर्टों के अनुसार इजराइल जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, कुछ लोगों का सुझाव है कि हमले में ईरान में तेल सुविधाओं को निशाना बनाया जा सकता है.

हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार
बढ़ते खतरे के मद्देनजर खाड़ी देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका से आग्रह किया है कि वह इजराइल को ईरान की तेल सुविधाओं को निशाना बनाने से रोके. अरब देशों के टॉप सोर्स का हवाला देते हुए रॉयटर्स ने बताया कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर ने ईरान पर किसी भी हमले के लिए इजराइल को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और वाशिंगटन को इस रुख से अवगत करा दिया है.

पिछले सप्ताह खाड़ी-अरब देशों ने दोहा में ईरान को अपनी तटस्थता का आश्वासन देने की कोशिश की और तेहरान से तनाव कम करने का आग्रह किया था. इस बीच इजराइल के लेबनान पर हमले जारी हैं. ताजा हमले में, लेबनान में 22 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.

यह भी पढ़ें- जिंदा है इस्माइल कानी, IRGC की कैद में ईरानी मिलिट्री चीफ, इजराइल को नसरल्लाह की जानकारी देने का शक

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