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78 लाख पेंशनर्स के लिए खुशखबरी! अब किसी भी बैंक से निकाल सकेंगे पेंशन - EPS RULE UPDATE

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के ग्राहक अब से भारत में किसी भी बैंक शाखा से पेंशन प्राप्त कर सकते हैं.

EPS rule update
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2025, 7:00 AM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के ग्राहक अब भारत में किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं. यह घोषणा नई शुरू की गई केंद्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के हिस्से के रूप में की गई थी. इस सुविधा से 78 लाख ईपीएस पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की उम्मीद है. पेंशनभोगियों को किसी भी सत्यापन के लिए शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं है और पेंशन जारी होने के तुरंत बाद उनकी पेंशन जमा हो जाएगी.

पहले अगर कोई पेंशनभोगी सेवानिवृत्ति के बाद किसी नए शहर में जाता था, तो उसे पेंशन भुगतान आदेशों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में ट्रांसफर करने या बैंक या शाखा बदलने के लिए जाना पड़ता था. CPPS के लागू होने के बाद अब यह सब काम करने की जरूरत नहीं है.

इसके अलावा प्रत्येक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा केवल 3-4 बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करने की प्रथा भी समाप्त कर दी जाएगी.

पहले क्या नियम था?
अब तक जब कोई पेंशनभोगी रिटायरमेंट के बाद किसी नए शहर में जाता था, तो उसे पेंशन भुगतान आदेशों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में ट्रांसफर करने या बैंक या शाखा बदलने का विकल्प चुनना पड़ता था. हालांकि CPPS के लागू होने के बाद अब इसकी जरूरत नहीं होगी.

ईपीएस क्या है?
1995 में ईपीएफओ ने सदस्यों को आजीवन पेंशन प्रदान करने के लिए ईपीएस शुरू किया था. 12 फीसदी नियोक्ता योगदान में से यह अनिवार्य था कि 8.33 फीसदी ईपीएस में और शेष 3.67 फीसदी ईपीएफ में जाएगा. ईपीएफओ अब नई प्रणाली में जाने के बाद पेंशन डिसबर्समेंट में काफी लागत में कमी की उम्मीद कर रहा है.

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पहले अगर कोई पेंशनभोगी सेवानिवृत्ति के बाद किसी नए शहर में जाता था, तो उसे पेंशन भुगतान आदेशों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में ट्रांसफर करने या बैंक या शाखा बदलने के लिए जाना पड़ता था. CPPS के लागू होने के बाद अब यह सब काम करने की जरूरत नहीं है.

इसके अलावा प्रत्येक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा केवल 3-4 बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करने की प्रथा भी समाप्त कर दी जाएगी.

पहले क्या नियम था?
अब तक जब कोई पेंशनभोगी रिटायरमेंट के बाद किसी नए शहर में जाता था, तो उसे पेंशन भुगतान आदेशों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में ट्रांसफर करने या बैंक या शाखा बदलने का विकल्प चुनना पड़ता था. हालांकि CPPS के लागू होने के बाद अब इसकी जरूरत नहीं होगी.

ईपीएस क्या है?
1995 में ईपीएफओ ने सदस्यों को आजीवन पेंशन प्रदान करने के लिए ईपीएस शुरू किया था. 12 फीसदी नियोक्ता योगदान में से यह अनिवार्य था कि 8.33 फीसदी ईपीएस में और शेष 3.67 फीसदी ईपीएफ में जाएगा. ईपीएफओ अब नई प्रणाली में जाने के बाद पेंशन डिसबर्समेंट में काफी लागत में कमी की उम्मीद कर रहा है.

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