काबुल: अफगानिस्तान में महिलाएं शिक्षा को लेकर बहुत बुरे दौर से गुजर रही हैं. 450 से अधिक दिन बीत जाने के बावजूद अफगानिस्तान में विश्वविद्यालय लड़कियों के लिए बंद हैं. फिर से खुलने के कोई संकेत नहीं हैं. टोलो न्यूज के हवाले से यह खबर दी गई है. अपनी निराशा व्यक्त करते हुए, महिला छात्रों ने अपनी शैक्षणिक प्रगति में महत्वपूर्ण देरी को उजागर किया. तालिबानी कार्यवाहक सरकार से इस वर्ष विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
छात्रा खदीजा कई छात्राओं की ओर से बोलते हुए जोर देकर कहा, 'लड़कियों की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. यह पूरे परिवारों की साक्षरता और विकास को दर्शाती है. रिपोर्ट के अनुसार इसकी उपेक्षा करने से समग्र रूप से समाज की शिक्षा और उन्नति खतरे में पड़ जाती है. भावनाओं को दोहराते हुए नैरो ने दलील दी, 'हम अधिकारियों से लड़कियों के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों के दरवाजे खोलने का आग्रह करते हैं, क्योंकि एक मजबूत और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए उनकी शिक्षा महत्वपूर्ण है.
विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा भी चिंता व्यक्त की गई है. जिन्हें डर है कि लड़कियों के लिए विश्वविद्यालयों को लगातार बंद रखने से देश की प्रगति में बाधा आएगी. एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् जकीउल्लाह मोहम्मदी ने कहा, 'प्रभावी शासन और सामाजिक उन्नति के लिए शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना मौलिक है. पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने नॉर्वेजियन राजनयिक प्रतिनिधि के साथ चर्चा के दौरान लड़कियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की तात्कालिकता पर जोर दिया.
फिर से खोलने के संबंध में तालिबान की ओर से नई घोषणाओं की कमी के बावजूद, लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के संबंध में कार्यवाहक सरकार के पिछले आश्वासनों को याद किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से स्कूलों ने छठी कक्षा से आगे की लड़कियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब, एक साल से अधिक समय के बाद महिला छात्राएं खुद को विश्वविद्यालय की शिक्षा तक पहुंच से वंचित पाती हैं.