Mobile Making Impotent: मोबाइल का लगातार उपयोग और रखने का तौर तरीका आपके शरीर और खासकर प्रजनन अंगों के लिए कितना घातक है, यह हाल ही में हुईं कुछ स्टडीज में सामने आए हैं. मोबाइल के उपयोग से प्रजनन अंगों पर असर को लेकर किए गए अध्ययनों में पता चला है कि मोबाइल के लगातार उपयोग के साथ पेंट की जेब में मोबाइल रखने से पुरुषों के जनन अंगों पर विपरीत असर पड़ रहा है. ज्यादातर पुरुष मोबाइल को जींस की पॉकेट में रखते हैं इससे उनके स्पर्म काउंट में गिरावट देखने मिली है. ऐसा ही कुछ उन महिलाओं के साथ भी हो रहा है,जो मोबाइल को लेकर इसी तरह के तौर तरीके आजमाते हैं. इनका प्रजनन क्षमता पर असर पड़ रहा है और इसको लेकर अभी रिसर्च जारी है. अंतिम निष्कर्ष का इंतजार किया जा रहा है लेकिन यह तय मान लिया गया है कि मोबाइल के कारण पुरुषों में स्पर्म काउंट और महिलाओं में ओवम (अंडाणु) की क्वालिटी गिर रही है.
रिसर्च और स्टडीज में सामने आए तथ्य
डॉ रूपाली जैन बताती हैं कि "मेडिकल साइंस के मशहूर सेंट्रल यूरोपियन जर्नल ऑफ यूरोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि मोबाइल फोन रेडिएशन से प्रजनन दर पर संभावित प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. कुछ अध्ययनों ने पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या के साथ गतिशीलता में कमी और महिलाओं में गर्भधारण की संभावना में कमी के बीच संबंध पाया गया है. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि जो पुरुष अधिक बार मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता कम होती है. मोबाइल फोन रेडिएशन से शुक्राणुओं को नुकसान होता है लेकिन पुरुष प्रजनन क्षमता को किस स्तर तक प्रभावित करते हैं. इसके अंतिम परिणामों पर रिसर्च जारी है."
डॉ रूपाली जैन बताती हैं कि "कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि जो महिलाएं अधिक मोबाइल का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें गर्भधारण करने में ज्यादा समय लगता है. मोबाइल फोन रेडिएशन से अंडाशय को नुकसान हो सकता है. लेकिन इस पर रिसर्च जारी है कि मोबाइल रेडिएशन महिलाओं में प्रजनन क्षमता को किस स्तर तक कम करता है. मोबाइल फोन रेडिएशन और प्रजनन दर पर इसके प्रभावों को लेकर शोध अभी भी जारी है."
रेडिएशन से प्रजनन अंगों पर प्रभाव
स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ रुपाली जैन बताती है कि "मोबाइल फोन से होने वाला रेडिएशन पुरुष और महिलाओं दोनों के प्रजनन अंगों पर बुरा प्रभाव डालते हैं. ऐसा हाल में सामने आई कुछ स्टडीज में पता चला है कि मोबाइल के लगातार उपयोग और रखरखाव के तरीके से पुरुषों के वृषण और महिलाओं के अंडाशय पर देखने मिल रहा है. यह दोनों अंग काफी संवेदनशील होते हैं और मोबाइल के रेडिएशन का इन पर असर पड़ता है. जहां तक पुरुषों की बात करें,तो इस वजह स्पर्म जेनरेशन कम होने के साथ स्पर्म क्वालिटी पर भी असर पड़ता है. अंडाणुओं की क्वालिटी कमजोर होती है और इसी वजह से निसंतान के मामले बढ़ रहे हैं."
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'मोबाइल को शरीर से दूर रखें'
डॉ रुपाली जैन बताती हैं कि "निसंतान जैसी समस्याओं से जूझ रहे दंपत्ति जब हमारे पास आते हैं तो हम उनके मोबाइल के उपयोग को लेकर भी चर्चा करते हैं और कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं. जो मोबाइल के रेडिएशन से होने वाले खतरे को कम कर सकते हैं. हमारी सलाह होती है कि मोबाइल को शरीर से दूर रखें और जननांगों के आसपास मोबाइल न रखें. आमतौर पर पेंट या जींस की जेब में मोबाइल रखने की आदत घातक होती है. इसके अलावा हम ऐसे दंपतियों को टेक्स्ट मैसेजिंग के उपयोग की सलाह देते हैं और लंबे समय तक बात करने के लिए स्पीकर या हैंडसेट की सलाह देते हैं."