हैदराबाद: वर्तमान समय में लगभग पूरी दुनिया में लोग ना सिर्फ योग के बारे में जानते हैं बल्कि उसके फायदों को भी मानते हैं. योग व्यायाम की वह शाखा है जो सिर से लेकर पांव तक शरीर के सभी अंदरूनी व बाह्य अंगों को स्वस्थ व सक्रिय बनाने में मदद करता है. जानकार मानते हैं की जो लोग नियमित तौर पर योग का अभ्यास करते हैं ना सिर्फ उनका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है बल्कि वे दीर्घायु भी होते हैं.
हमारे समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योग के फायदों को लेकर दुनियाभर में जागरूकता फैलाने, स्वस्थ शरीर व मन के लिए इसके नियमित अभ्यास को लेकर लोगों को प्रेरित करने तथा शारीरिक व मानसिक कल्याण की दिशा में भारतीय संस्कृति की इस देन का जश्न मनाने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में 21 जून को एक नई थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यह आयोजन 'स्वयं और समाज के लिए योग' थीम के साथ मनाया जा रहा है.
इतिहास
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अभिभाषण में प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. जिसे महासभा ने तीन माह से भी कम समय में 11 दिसंबर 2014 को 193 देशों में से 175 देशों के समर्थन से पूर्ण बहुमत के साथ स्वीकार कर लिया था. जिसके बाद 21 जून 2015 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था. तब से हर साल ना सिर्फ यूनिसेफ बल्कि दुनिया भर की कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य व सामाजिक संस्थाओं, संगठनों व सरकारों के तत्वाधान में इस अंतरराष्ट्रीय दिवस को मनाया जाता है. गौरतलब है कि इस वर्ष हम 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं.
ज्ञात हो कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनियाभर में योग शिविरों व विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिनमें लाखों लोग भाग लेते हैं.
योग का महत्व
गौरतलब है कि योग की परंपरा लगभग 5000 साल पुरानी मानी जाती है. जानकारों का कहना है कि योग सिर्फ व्यायाम की एक शाखा नहीं बल्कि एक अनुशासन है जो आसनों व ध्यान के माध्यम से शरीर को रोगमुक्त व स्वस्थ रखने , मन को तनाव मुक्त व शांत रखने तथा वजन को नियंत्रित रखने सहित कई फायदे देता है.
मैसूर कर्नाटक की योग गुरु मीनू वर्मा बताती हैं कि योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है . जिसमें ना सिर्फ आसन व व्यायाम के अभ्यास से बल्कि विभिन्न प्रकार के ध्यान के माध्यम से हमारी प्राणवायु श्वास को स्वस्थ व संतुलित रखने के लिये प्रयास किया जाता है जो हमारे जीवित रहने के लिए जरूरी है. इसके अलावा योग में हड्डियों, मांसपेशियों, हृदय, पाचन तंत्र तथा मस्तिष्क सहित शरीर के सभी अंगों व तंत्रों को स्वस्थ व सक्रिय रखने के लिए आसन व प्रणालियां मौजूद हैं. वह बताती है कि जो लोग योग का नियम व अनुशासन के साथ नियमित अभ्यास करते हैं वह लंबा व स्वस्थ जीवन जीते हैं.