हैदराबाद: सांसों की दुर्गंध एक ऐसी समस्या है जिससे कई लोग परेशान हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि ठीक से ब्रश न करना, खाना खाने के बाद ठीक से मुंह न धोना, स्मोकिंग करना या तंबाकू का सेवन करना शामिल है. सांसों की दुर्गंध से परेशान लोगों का आत्मविश्वास कम हो जाता है. चार लोगों के ग्रुप में वे ठीक से बात नहीं कर पाते हैं. ऐसे में यदि आप भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे हैं? तो इसका काफी सरल और सस्ता इलाज है. आपके किचन में रखे समानों से ही आप आसानी से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
वहीं, इस बाबत प्रमुख आयुर्वेदिक सलाहकार डॉ. गायत्री देवी का कहना है कि आयुर्वेद के पास किसी भी तरल पदार्थ या माउथवॉश का उपयोग किए बिना सांसों की दुर्गंध को नियंत्रित करने का एक अच्छा समाधान है. यह दवा घर पर उपलब्ध सामग्री से तैयार की जा सकती है. इस खबर के माध्यम से पढ़िए कि कैसे इस समस्या से छुटकारा पाया जाए...
आवश्यक सामग्री
- 25 ग्राम मुलेठी चूर्ण
- 25 ग्राम भुना हुआ जीरा पाउडर
- 25 ग्राम सौंफ का पाउडर
- 25 ग्राम भुने हुए तिल
- 10 ग्राम जायफल पाउडर
- 25 ग्राम फिटकरी पाउडर
- 25 ग्राम शिकाकाई पाउडर
बनाने की प्रक्रिया
- सबसे पहले मुलेठी चूर्ण को एक बाउल में डालें
- फिर इसमें भुना जीरा पाउडर और सौंफ पाउडर डालें.
- इसके बाद इसमें भुने हुए तिल, पिसा हुआ जायफल, पिसी हुई फिटकरी और पिसा हुआ शिकाकाई पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें और दवा तैयार कर लें.
- जिन लोगों को सांसों से दुर्गंध आने की समस्या है उन्हें सुबह-शाम आधा चम्मच चूर्ण मुंह में रखकर चूसना चाहिए.
- उन्होंने कहा कि मसूड़ों में सूजन और संक्रमण वाले लोगों में भले ही इसका असर थोड़ा धीमा हो, लेकिन बाकी लोगों में इसका असर जल्दी ही ठीक हो जाएगा.
फायदे:
मुलेठी चूर्ण: आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि इसे मुंह के छालों, घावों और पेट में खराब पाचन के लिए एक अच्छी दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
जीरा: जीरा मुंह में लार के बनाने में मदद करता है. ऐसा कहा जाता है कि अधिक लार निकलने से बैक्टीरिया जमा नहीं हो पाते हैं.
सौंफ: सौंफ आमतौर पर भोजन के बाद खाई जाती है. ऐसा कहा जाता है कि सौंफ खाने से मुंह में लार बनाने में मदद मिलती है.
जायफल: बताया जाता है कि जायफल सांसों की दुर्गंध की समस्या को कम करने में बहुत मददगार है, यह मुंह में संक्रमण को कम करने और लार को ढीला करने में भी उपयोगी है.
शिकाकाई पाउडर: सैंधावलावनम को लार को ढीला करने और संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए उपयोगी माना जाता है.
नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. इनका पालन करने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है.