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क्या सच में रोटी खाने से कंट्रोल में रहता है ब्लड शुगर लेवल? जानें पोषण विशेषज्ञ की राय - CAN EATING BREAD REDUCE DIABETES

पोषण विशेषज्ञ जानकी श्रीनाथ ने क्यों कहा कि चावल या रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में कोई खास फर्क नहीं पड़ता...

Can eating bread reduce diabetes? Know the doctor's opinion about this
क्या सच में रोटी खाने से कंट्रोल में रहता है ब्लड शुगर लेवल? (IANS)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Dec 11, 2024, 6:00 AM IST

आजकल अनियमित खानपान और खराब जीवनशैली के चलते लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में इस बीमारी से पीड़ित लोग अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए अलग-अलग तरीकों को आजमाते हैं. इन्हीं में से एक है चावल की जगह रोटी खाना, बहुत डायबिटीज रोगियों का मानना ​​है कि रोटी खाने से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है लेकिन क्या डायबिटीज रोगियों के लिए चावल की जगह रोटी खाना अच्छा है? क्या रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है? प्रमुख पोषण विशेषज्ञ जानकी श्रीनाथ ने इन सवालों का के जवाब में क्या कहा जानिए...

पोषण विशेषज्ञ जानकी श्रीनाथ का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने लिए एक विशेष आहार का पालन करना चाहिए... ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने से पहले यह जांच लें कि शुगर लेवल कम है या नहीं और अगर कम है तो उसे सही स्तर तक बढ़ाना चाहिए. अगर यह बहुत ज्यादा है तो इसे कम करने का प्रयास करें.- पोषण विशेषज्ञ जानकी श्रीनाथ

कौन सा बेहतर है, रोटी या चावल?
चावल या रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. चावल एक सरल कार्बोहाइड्रेट है जो जल्दी पचता है और रक्तप्रवाह में ग्लूकोज छोड़ता है, जिससे रक्त शर्करा में वृद्धि होती है. इसके विपरीत, रोटी एक कम-जीआई जटिल कार्बोहाइड्रेट है, जो डायबिटीज पेशेंट के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है जब वे इसका सेवन करते हैं. हालांकि, डायबिटीज पेशेंट के लिए रोटी, चावल से ज्यादा फायदेमंद होती है.

रोटी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है. वहीं, सफेद चावल का GI 73 होता है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है. वहीं, पोषण विशेषज्ञ का कहना है रोटी अगर आप यह सोचकर ज्यादा रोटी खाते हैं कि चावल खाने से आपका शुगर लेवल बढ़ जाएगा तो कोई फायदा नहीं है. लिमिटेड क्वांटिटी में ही रोटी भी खाने की सलाह दी जाती है.

गेहूं के आटे की जगह इन आटे की रोटियां खाई जा सकती हैं
चपाती, जिसे भारतीय घरों में फुल्का या रोटी कहा जाता है, कई तरह के आटे से बनाई जाती है. सबसे बुनियादी और पारंपरिक आटा गेहूं के आटे से बनाया जाता है. गेहूं की रोटी का जीआई 62 है. वहीं, जौ, चना या मकई से बनी चपाती ज्यादा सेहतमंद होती है. चना और बेसन से बनी चपाती का जीआई सबसे कम यानी 52 होता है.

मात्रा
डायबिटीज मरीजों को पोषण विशेषज्ञ की तरफ से सलाह दी जाती है कि वे चावल या रोटी का सेवन करते समय मात्रा पर जरूर ध्यान दे, यदि ज्यादा भूख लगे तो 4 रोटी की जगह 2 ही खाएं और सब्जियों की क्वांटिटी बढ़ा ले. साफ शब्दों में समझें तो चावल और रोटी का सेवन करते समय इसके साथ साग, सब्जियां, सलाद, फाइबर उत्पाद और पर्याप्त प्रोटीन भी होना चाहिए, ऐसा कहा जाता है कि इन्हें खाने से ग्लूकोज का अवशोषण धीमा हो जाता है और भूख कम लगती है. एक ओर जहां शरीर के लिए आवश्यक पोषण लेते हुए शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए. रोटी और चावल जैसी कोई भी चीज कम मात्रा में लेनी चाहिए.

सोर्स- https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5179013/

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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पोषण विशेषज्ञ जानकी श्रीनाथ का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने लिए एक विशेष आहार का पालन करना चाहिए... ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने से पहले यह जांच लें कि शुगर लेवल कम है या नहीं और अगर कम है तो उसे सही स्तर तक बढ़ाना चाहिए. अगर यह बहुत ज्यादा है तो इसे कम करने का प्रयास करें.- पोषण विशेषज्ञ जानकी श्रीनाथ

कौन सा बेहतर है, रोटी या चावल?
चावल या रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. चावल एक सरल कार्बोहाइड्रेट है जो जल्दी पचता है और रक्तप्रवाह में ग्लूकोज छोड़ता है, जिससे रक्त शर्करा में वृद्धि होती है. इसके विपरीत, रोटी एक कम-जीआई जटिल कार्बोहाइड्रेट है, जो डायबिटीज पेशेंट के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है जब वे इसका सेवन करते हैं. हालांकि, डायबिटीज पेशेंट के लिए रोटी, चावल से ज्यादा फायदेमंद होती है.

रोटी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है. वहीं, सफेद चावल का GI 73 होता है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है. वहीं, पोषण विशेषज्ञ का कहना है रोटी अगर आप यह सोचकर ज्यादा रोटी खाते हैं कि चावल खाने से आपका शुगर लेवल बढ़ जाएगा तो कोई फायदा नहीं है. लिमिटेड क्वांटिटी में ही रोटी भी खाने की सलाह दी जाती है.

गेहूं के आटे की जगह इन आटे की रोटियां खाई जा सकती हैं
चपाती, जिसे भारतीय घरों में फुल्का या रोटी कहा जाता है, कई तरह के आटे से बनाई जाती है. सबसे बुनियादी और पारंपरिक आटा गेहूं के आटे से बनाया जाता है. गेहूं की रोटी का जीआई 62 है. वहीं, जौ, चना या मकई से बनी चपाती ज्यादा सेहतमंद होती है. चना और बेसन से बनी चपाती का जीआई सबसे कम यानी 52 होता है.

मात्रा
डायबिटीज मरीजों को पोषण विशेषज्ञ की तरफ से सलाह दी जाती है कि वे चावल या रोटी का सेवन करते समय मात्रा पर जरूर ध्यान दे, यदि ज्यादा भूख लगे तो 4 रोटी की जगह 2 ही खाएं और सब्जियों की क्वांटिटी बढ़ा ले. साफ शब्दों में समझें तो चावल और रोटी का सेवन करते समय इसके साथ साग, सब्जियां, सलाद, फाइबर उत्पाद और पर्याप्त प्रोटीन भी होना चाहिए, ऐसा कहा जाता है कि इन्हें खाने से ग्लूकोज का अवशोषण धीमा हो जाता है और भूख कम लगती है. एक ओर जहां शरीर के लिए आवश्यक पोषण लेते हुए शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए. रोटी और चावल जैसी कोई भी चीज कम मात्रा में लेनी चाहिए.

सोर्स- https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5179013/

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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