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तंबाकू और संबंधित उत्पाद का सेवन करने वाले हो जाएं सावधान, हेड एंड नेक कैंसर से हो सकते हैं ग्रसित - Tobacco Is Harmful

Tobacco Causes Cancer: तंबाकू और संबंधित उत्पाद का सेवन करने वाले को सावधान होने की जरूरत है. कई लोग स्टाइल मारने के चक्कर में तंबाकु और सिगरेट का सेवन करते हैं जो जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकता है. बिहार में 20 प्रतिशक हेड एंड नेक कैंसर में 70 फीसदी तंबाकू के सेवन के कारण हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

तंबाकु खाना हानिकारक
तंबाकु खाना हानिकारक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 1, 2024, 6:06 AM IST

डॉक्टर अभिषेक आनंद

पटनाः तंबाकू और इससे बने पदार्थ का सेवन करते अकसर युवाओं को देखा जा सकता है. युवा वर्ग इसे स्टाइल स्टेटमेंट के तौर पर देखते हैं लेकिन यह काफी खतरनाक हो सकता है. कई लोग तो इसे आदत में बना लिए है. अगर तंबाकू या सिगरेट का सेवन नहीं करेंगे तो सुबह बाथरूम में परेशानी होती है.

तंबाकू सेवन से 70% कैंसरः पटना के नारायण कैंसर सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर अभिषेक आनंद बताते हैं कि तंबाकू में 7000 से अधिक रसायन होते हैं. इसमें 70 रसायन कैंसर पैदा करने वाले होते हैं. ऐसे में तंबाकू उत्पादों का सेवन हेड एंड नेक कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. बिहार में हेड एंड नेक कैंसर के मामले लगभग 20% है. इसमें लगभग 70% मामले तंबाकू सेवन के कारण से हैं.

मुंह में कैंसर का ऐसे पता लगाएंः तंबाकू का सेवन स्टाइल स्टेटमेंट बिल्कुल नहीं है. यह व्यक्ति को बीमार बना देता है. आगे चलकर व्यक्ति के लिए कई चीजे प्रतिबंधित हो जाती है. मुंह के कैंसर का समय पर पता चले तो इसका सटीकता से इलाज संभव है. मुंह के कैंसर का पता लगाने में डेंटिस्ट की भूमिका अहम होती है. क्योंकि व्यक्ति को मुंह में चले मसूड़े में गांठ इत्यादि कुछ शिकायत होती है जिसके कारण दांत में तकलीफ होती है तो वह डेंटिस्ट के पास पहुंचता है.

सर्जरी से होगा ठीकः उन्होंने कहा कि कैंसर की स्थिति में उपचार के क्या विकल्प हैं यह समझना जरूरी है. इनमें कैंसर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी के अन्य विकल्प शामिल हैं. डॉ अभिषेक आनंद ने बताया कि माउथ एंड नेक कैंसर के सटीक इलाज के लिए किस स्टेज पर किस विकल्प का उपयोग किया जाएगा, इसका चयन करना बहुत जरूरी है. सर्जिकल थेरेपी में कैंसर के गांठ को सर्जरी से हटा दिया जाता है.

माउथ कैंसर पहचानेंः रेडिएशन थेरेपी में विशेष प्रकार की रे के माध्यम से कैंसर सेल को नष्ट किया जाता है. मेडिकल ऑन्कोलॉजी के पार्ट में कीमोथेरेपी, टारगेट थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी दिया जाता है. इसमें बहुत अधिक फैल चुके कैंसर को कुछ समय के लिए रोक कर मरीज की उम्र बढ़ाई जाती है. इस दौरान पेशेंट की बीमारी के अनुसार दवा का चयन किया जाता है. मरीज को उस दवा का सेवन करना होता है. माउथ कैंसर का यदि समय पर पता चल जाए तो पूरी तरह से ठीक हो सकता है.

"माउथ कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि तंबाकू और तंबाकू से बने पदार्थों को ना कहें. ऐसे पदार्थ का सेवन नहीं करें. यह अच्छे से समझने की बात है. ऐसे पदार्थ का सेवन करना स्टाइल स्टेटमेंट बिल्कुल नहीं है. पान गुटखा का सेवन बंद करें. मुंह में यदि लंबे समय तक चला बना रह रहा है या मसूड़े में कहीं गांठ 2 हफ्ते तक बना हुआ है तो जरूर से नजदीकी ऑन्कोलॉजी से मिलकर उसे दिखाएं." -डॉक्टर अभिषेक आनंद, नारायण कैंसर सेंटर के डायरेक्टर

यह भी पढ़ेंः ऊपर से बरस रही है आग, इस भीषण गर्मी में स्वास्थ्य का रखें विशेष ख्याल, जानें कौन सब्जी आपके लिए है फायदेमंद - Utility News

डॉक्टर अभिषेक आनंद

पटनाः तंबाकू और इससे बने पदार्थ का सेवन करते अकसर युवाओं को देखा जा सकता है. युवा वर्ग इसे स्टाइल स्टेटमेंट के तौर पर देखते हैं लेकिन यह काफी खतरनाक हो सकता है. कई लोग तो इसे आदत में बना लिए है. अगर तंबाकू या सिगरेट का सेवन नहीं करेंगे तो सुबह बाथरूम में परेशानी होती है.

तंबाकू सेवन से 70% कैंसरः पटना के नारायण कैंसर सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर अभिषेक आनंद बताते हैं कि तंबाकू में 7000 से अधिक रसायन होते हैं. इसमें 70 रसायन कैंसर पैदा करने वाले होते हैं. ऐसे में तंबाकू उत्पादों का सेवन हेड एंड नेक कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. बिहार में हेड एंड नेक कैंसर के मामले लगभग 20% है. इसमें लगभग 70% मामले तंबाकू सेवन के कारण से हैं.

मुंह में कैंसर का ऐसे पता लगाएंः तंबाकू का सेवन स्टाइल स्टेटमेंट बिल्कुल नहीं है. यह व्यक्ति को बीमार बना देता है. आगे चलकर व्यक्ति के लिए कई चीजे प्रतिबंधित हो जाती है. मुंह के कैंसर का समय पर पता चले तो इसका सटीकता से इलाज संभव है. मुंह के कैंसर का पता लगाने में डेंटिस्ट की भूमिका अहम होती है. क्योंकि व्यक्ति को मुंह में चले मसूड़े में गांठ इत्यादि कुछ शिकायत होती है जिसके कारण दांत में तकलीफ होती है तो वह डेंटिस्ट के पास पहुंचता है.

सर्जरी से होगा ठीकः उन्होंने कहा कि कैंसर की स्थिति में उपचार के क्या विकल्प हैं यह समझना जरूरी है. इनमें कैंसर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी के अन्य विकल्प शामिल हैं. डॉ अभिषेक आनंद ने बताया कि माउथ एंड नेक कैंसर के सटीक इलाज के लिए किस स्टेज पर किस विकल्प का उपयोग किया जाएगा, इसका चयन करना बहुत जरूरी है. सर्जिकल थेरेपी में कैंसर के गांठ को सर्जरी से हटा दिया जाता है.

माउथ कैंसर पहचानेंः रेडिएशन थेरेपी में विशेष प्रकार की रे के माध्यम से कैंसर सेल को नष्ट किया जाता है. मेडिकल ऑन्कोलॉजी के पार्ट में कीमोथेरेपी, टारगेट थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी दिया जाता है. इसमें बहुत अधिक फैल चुके कैंसर को कुछ समय के लिए रोक कर मरीज की उम्र बढ़ाई जाती है. इस दौरान पेशेंट की बीमारी के अनुसार दवा का चयन किया जाता है. मरीज को उस दवा का सेवन करना होता है. माउथ कैंसर का यदि समय पर पता चल जाए तो पूरी तरह से ठीक हो सकता है.

"माउथ कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि तंबाकू और तंबाकू से बने पदार्थों को ना कहें. ऐसे पदार्थ का सेवन नहीं करें. यह अच्छे से समझने की बात है. ऐसे पदार्थ का सेवन करना स्टाइल स्टेटमेंट बिल्कुल नहीं है. पान गुटखा का सेवन बंद करें. मुंह में यदि लंबे समय तक चला बना रह रहा है या मसूड़े में कहीं गांठ 2 हफ्ते तक बना हुआ है तो जरूर से नजदीकी ऑन्कोलॉजी से मिलकर उसे दिखाएं." -डॉक्टर अभिषेक आनंद, नारायण कैंसर सेंटर के डायरेक्टर

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