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स्वाद में कड़वा लेकिन जीवन में मिठास घोलता है यह पौधा, इसे देखते ही बीमारी हो जाता छू मंतर - Benefits Of Neem

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 21, 2024, 8:23 AM IST

आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व है. यह एक ऐसा पौधा है जो हवा साफ करने के साथ साथ लोगों को निरोग बनाने का काम भी काम करता है. रोजाना इसके सेवन करने से कई फायदे हो सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व
आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व (Concept Image)

पटनाः नीम का पेड़ का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. लोग इसकी पूजा भी करते हैं. आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल सदियों से दवा के रूप में होता आ रहा है. नीम के पौधों के विभिन्न उत्पादों से आयुर्वेद में कई जड़ी बूटी बनाई जाती है जो विभिन्न बीमारियों में प्रयोग लाई जाती है. जानकर हैरानी होगी कि अगर आप नीम के 10 से 15 पत्ते अगर रोज सेवन करते हैं तो कई बिमारियों से छुटकारा मिल जाएगा.

10 पत्ते में बीमार दूरः आयुर्वेद के विशेषज्ञ डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद बताते हैं कि सुबह-सुबह खाली पेट यदि नीम के पांच से 10 पत्तियों को खाते हैं तो जो लोग मधुमेह रोगी हैं उनका मधुमेह नियंत्रण में आ जाता है. नीम के पत्ते का सेवन से मधुमेह नियंत्रित रहता है. इसके साथ ही चर्म रोग से जुड़ी बीमारियों में यह फायदेमंद होता है. यह स्किन के इन्फ्लेमेशन को कम करता है.

"नीम का पत्ता शरीर का टॉक्सिंस बाहर निकलता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. नीम के पत्ते का सेवन लीवर के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है. इसक कई फायदे हैं. इसलिए रोज 5 से 10 पत्ते का सेवन करना चाहिए." -डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, आयुर्वेद विशेषज्ञ

आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व
आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व (ETV Bharat)

पत्तियों में एंटीफंगलः डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि नीम के पत्तियों में एंटीफंगल और एंटी-वायरल गुण होते हैं. इसके सेवन से बदलते मौसम में सर्दी-खांसी, गले की खराश आदि समस्याओं से राहत मिलती है. इसलिए सभी लोगों को इसका सेवन करना चाहिए.

खाली पेट खाना अच्छाः जरूरी है कि प्रतिदिन 10 से 15 पत्तियों को तोड़कर अच्छे से साफ कर लें. सुबह-सुबह खाली पेट है तो इसे चबाकर सेवन करें. अथवा इस पानी में उबालकर तुलसी पत्ता दालचीनी अदरक के साथ काढ़े के रूप में भी सेवन कर सकते हैं. नीम की पत्तियों में काफी मात्रा में फाइबर पाई जाती है जो पाचन संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक होती हैं.

फोड़ा-फुंसी ठीक करने का उपायः डॉ दिनेश्वर प्रसाद पटना के आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य रह चुके हैं. बताया कि शरीर में घाव निकलने लगता है, फोड़ा, फुंसी से परेशान हो जाते हैं. उस समय 15 दिन 30 से 40 पत्तियां चबाने के लिए कहा जाता है. नीम का पत्ता ब्लड प्यूरीफायर का भी काम करता है. इसके अलावा पेट के अंदर के कीड़ा को भी मारने का काम करता है.

नीम के पत्ते का नुकसान भी है: नीम का पत्ता कभी भी चबा सकते हैं लेकिन खाली पेट चबाते हैं तो अधिक फायदा करता है. भरपेट भोजन अथवा गर्म दूध पीने के बाद नीम का पत्ता अगले आधे घंटे तक चबाने से बचना चाहिए. नीम के पत्तियां बहुत अधिक मात्रा में खाना भी हानिकारक होता है. जैसे ज्यादा दिन सेवन करने से ब्लड सुगर लो होने का खतरा रहता है.

यह भी पढ़ेंः टॉनिक से बढ़कर है ये फ्रूट, सेवन से चुटकियों में दूर होगा शुगर और ब्लड प्रेशर, लीवर को रखेगा निरोग - Health Tips

पटनाः नीम का पेड़ का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. लोग इसकी पूजा भी करते हैं. आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल सदियों से दवा के रूप में होता आ रहा है. नीम के पौधों के विभिन्न उत्पादों से आयुर्वेद में कई जड़ी बूटी बनाई जाती है जो विभिन्न बीमारियों में प्रयोग लाई जाती है. जानकर हैरानी होगी कि अगर आप नीम के 10 से 15 पत्ते अगर रोज सेवन करते हैं तो कई बिमारियों से छुटकारा मिल जाएगा.

10 पत्ते में बीमार दूरः आयुर्वेद के विशेषज्ञ डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद बताते हैं कि सुबह-सुबह खाली पेट यदि नीम के पांच से 10 पत्तियों को खाते हैं तो जो लोग मधुमेह रोगी हैं उनका मधुमेह नियंत्रण में आ जाता है. नीम के पत्ते का सेवन से मधुमेह नियंत्रित रहता है. इसके साथ ही चर्म रोग से जुड़ी बीमारियों में यह फायदेमंद होता है. यह स्किन के इन्फ्लेमेशन को कम करता है.

"नीम का पत्ता शरीर का टॉक्सिंस बाहर निकलता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. नीम के पत्ते का सेवन लीवर के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है. इसक कई फायदे हैं. इसलिए रोज 5 से 10 पत्ते का सेवन करना चाहिए." -डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, आयुर्वेद विशेषज्ञ

आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व
आयुर्वेद में नीम का विशेष महत्व (ETV Bharat)

पत्तियों में एंटीफंगलः डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि नीम के पत्तियों में एंटीफंगल और एंटी-वायरल गुण होते हैं. इसके सेवन से बदलते मौसम में सर्दी-खांसी, गले की खराश आदि समस्याओं से राहत मिलती है. इसलिए सभी लोगों को इसका सेवन करना चाहिए.

खाली पेट खाना अच्छाः जरूरी है कि प्रतिदिन 10 से 15 पत्तियों को तोड़कर अच्छे से साफ कर लें. सुबह-सुबह खाली पेट है तो इसे चबाकर सेवन करें. अथवा इस पानी में उबालकर तुलसी पत्ता दालचीनी अदरक के साथ काढ़े के रूप में भी सेवन कर सकते हैं. नीम की पत्तियों में काफी मात्रा में फाइबर पाई जाती है जो पाचन संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक होती हैं.

फोड़ा-फुंसी ठीक करने का उपायः डॉ दिनेश्वर प्रसाद पटना के आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य रह चुके हैं. बताया कि शरीर में घाव निकलने लगता है, फोड़ा, फुंसी से परेशान हो जाते हैं. उस समय 15 दिन 30 से 40 पत्तियां चबाने के लिए कहा जाता है. नीम का पत्ता ब्लड प्यूरीफायर का भी काम करता है. इसके अलावा पेट के अंदर के कीड़ा को भी मारने का काम करता है.

नीम के पत्ते का नुकसान भी है: नीम का पत्ता कभी भी चबा सकते हैं लेकिन खाली पेट चबाते हैं तो अधिक फायदा करता है. भरपेट भोजन अथवा गर्म दूध पीने के बाद नीम का पत्ता अगले आधे घंटे तक चबाने से बचना चाहिए. नीम के पत्तियां बहुत अधिक मात्रा में खाना भी हानिकारक होता है. जैसे ज्यादा दिन सेवन करने से ब्लड सुगर लो होने का खतरा रहता है.

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