मुंबई: बंगाली फिल्म मेकर राहुल मुखर्जी पर फेडरेशन ऑफ सिने टेक्नीशियन एंड वर्कर्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया (FCTWEI) द्वारा लगाए गए बैन को लेकर नया अपडेट सामने आया है. दरअसल, स्टूडियो में कोई भी टेक्निशियन नहीं आया, जिससे उनकी अपकमिंग फिल्म रुक गई. इस कदम के बाद निर्देशक और एक्टर राहुल के सपोर्ट में आगे आए और उन्होंने आदेश वापस न लिए जाने पर सोमवार को हड़ताल पर बैठ गए.
दूसरी ओर, फिल्म टेक्निशियंस ने निर्देशकों के गिल्ड द्वारा फिल्म मेकर्स को काम करने की परमिशन दिए जाने के बावजूद राहुल द्वारा फिल्म का निर्देशन किए जाने का विरोध किया. यह तब हुआ जब FCTWEI ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि मुखर्जी को फिल्म के क्रिएटिव प्रोड्यूसर के रूप में काम करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन तीन महीने तक वे इसके निर्देशक के रूप में काम नहीं कर सकते.
FCTWEI के अनुसार, मुखर्जी ने निर्देशकों के गिल्ड या फेडरेशन को बांग्लादेश में शूटिंग के लिए परमिशन न लेकर नियमों का उल्लंघन किया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि फिल्म मेकर्स से कोई पर्सनल दुश्मनी नहीं है. यह फैसला टेक्निशियन के हित में लिया गया है.
निर्देशकों ने हड़ताल शुरू की
निर्देशकों ने एक बयान में कहा कि जब तक महासंघ राहुल मुखर्जी को निर्देशक के रूप में काम करने के लिए सहमत नहीं हो जाता, तब तक वे 29 जुलाई यानि सोमवार से हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं. फिलहाल, इस मुद्दे पर बैठक के लिए कई मेकर्स एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी के आवास पर एकट्ठे हुए हैं. अपर्णा सेन, कौशिक गंगोपाध्याय, तथागत मुखर्जी और मानसी सिन्हा समेत कई निर्देशक बैठक में शामिल हुए.
फेडरेशन और तकनीशियनों की बैठक
अब, सभी की निगाहें एफसीटीडब्ल्यूईआई के सदस्यों और राहुल मुखर्जी की फिल्म से जुड़े टेक्निशियंस के बीच शाम 4 बजे होने वाली बैठक पर टिकी हैं. मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, फेडरेशन इस विवाद में समझौता करने की कोशिश कर रहा है. फेडरेशन के अध्यक्ष स्वरूप बिस्वास ने बताया कि टेक्निशियन इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए उनके हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. जिन टेक्निशियंस ने शूटिंग का बहिष्कार किया, वे प्रोसेनजीत चटर्जी, अनिरबन भट्टाचार्य और प्रियंका सरकार स्टारर फिल्म में मदद करने वाले थे. बिना टाइटल वाली इस फिल्म की शूटिंग 27 जुलाई से शुरू होनी थी.
निर्देशक ने इस कदम को बताया अपमानजनक
मौजूदा प्रोजेक्ट के प्रोडक्शन हाउस, एसवीएफ ने घोषणा की थी कि मुखर्जी क्रिएटिव प्रोड्यूसर के तौर पर काम करेंगे और सौमिक हलदर अब फिल्म का निर्देशन करेंगे. फेडरेशन द्वारा सुझाए गए बदलाव के बावजूद, टॉलीगंज के टेक्नीशियन स्टूडियो में कोई भी तकनीशियन नहीं आया. निर्देशकों ने इस कदम को अपमानजनक बताया क्योंकि एक दिन की मेहनत और पैसे की बर्बादी हुई.
बंगाली एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी समेत मुखर्जी का समर्थन करने वाले स्टूडियो में एक्टर परमब्रत चटर्जी, फिल्म मेकर कौशिक गांगुली और निर्देशक राज चक्रवर्ती, जो टीएमसी विधायक हैं, शामिल थे. यह सभी निर्देशकों का अपमान है, हम महासंघ को दो दिन का समय दे रहे हैं, यदि कोई तकनीशियन शूटिंग के लिए नहीं आता है तो निर्देशक और मैं सोमवार को शूटिंग बंद कर देंगे. मैं अन्य फिल्म मेकर्स को भी इसकी सिफारिश कर रहा हूं.
गांगुली के अनुसार, महासंघ को यह चुनने का कोई अधिकार नहीं है कि एक शॉट के लिए कितने तकनीशियनों की आवश्यकता है. चटर्जी ने कहा कि यह दुख की बात है कि बिना किसी वैध कारण के शूटिंग का एक दिन रद्द कर दिया जाता है, क्योंकि इससे मेकर्स को काफी नुकसान होगा. डायरेक्टर्स गिल्ड के प्रवक्ता सुदेशना रॉय के अनुसार, मुखर्जी ने किसी भी गलतफहमी के लिए माफी मांगी है और स्पष्ट किया है कि वह बांग्लादेश में केवल चार दिनों के लिए फिल्म पर काम कर रहे थे.
बैन लगाने का कारण क्या था
आपको बता दें कि मुखर्जी ने FCTWEI के नियमों का उल्लंघन करते हुए, टेलीविजन सीरीज लोहू को फिल्माने के लिए बांग्लादेशी तकनीशियनों का इस्तेमाल किया, जिससे विवाद खड़ा हो गया. मुखर्जी ने कहा, 'मैं केवल वही फिल्म करना चाहता हूं जिसकी मैं महीनों से योजना बना रहा हूं'. उन्होंने आगे कहा, 'हम सभी मामला सुलझ जाने के बाद ही काम शुरू कर सकते हैं. FCTWEI के अध्यक्ष स्वरूप बिस्वास ने कहा कि मुखर्जी ने बांग्लादेश में शूटिंग के बारे में डायरेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया या फेडरेशन को न बताकर कर ये कानून तोड़ा है.
बांग्लादेशी ओटीटी प्लेटफॉर्म चोरकी ने पिछले साल कोलकाता में प्रोजेक्ट की घोषणा की थी, जिनमें से एक का निर्देशन राहुल मुखर्जी ने किया था और उसका नाम लोहू था. हालांकि, चोरकी और फेडरेशन के बीच पेमेंट को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद कोलकाता में शूटिंग बंद कर दी गई. उसके बाद, राहुल और उनकी टीम शूटिंग पूरी करने के लिए बांग्लादेश चली गई. जिसकी जानकारी फेडरेशन को नहीं दी गई, इस खुलासे के बाद राहुल को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया.