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लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित हुए अमिताभ बच्चन, बोले- मैं खुद को भाग्यशाली... - Amitabh Bachchan - AMITABH BACHCHAN

Amitabh Bachchan: बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन को बुधवार को लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस सम्मान से नवाजे जाने पर बिग बी खुद को भाग्यशाली बताया.

Amitabh Bachchan
अमिताभ बच्चन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 24, 2024, 10:58 PM IST

मुंबई: अमिताभ बच्चन को बुधवार को लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद मेगास्टार ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें लता मंगेशकर की याद में यह पुरस्कार मिला, जिनकी आवाज ऑडियंस को एक अलग एक्सपीरियंस देती है. परिवार और ट्रस्ट ने मेलोडी क्वीन की याद में इस पुरस्कार की स्थापना की, जो पांच मंगेशकर भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं, उनकी 2022 में मृत्यु हो गई थी.

पुरस्कार के लिए खुद को भाग्यशाली समझता हूं- अमिताभ बच्चन

बच्चन को यह सम्मान 24 अप्रैल को थिएटर-संगीत के दिग्गज और मंगेशकर भाई-बहनों के पिता दीनानाथ मंगेशकर के स्मृति दिवस पर मिला. 81 वर्षीय स्टार का फिल्मी करियर पांच दशकों से अधिक का है. उन्हें 'जंजीर', 'दीवार', 'चुपके-चुपके', 'मोहब्बतें' और 'पीकू' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. पुरस्कार मिलने पर बिग बी ने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा, 'मैं आज यह पुरस्कार प्राप्त करने के लिए भाग्यशाली हूं. मैंने कभी भी खुद को इस तरह के पुरस्कार के योग्य नहीं माना, लेकिन हृदयनाथ जी ने बहुत कोशिश की ताकि मैं यहां आ सकूं. उन्होंने मुझे पिछले साल इस समारोह के लिए आमंत्रित भी किया था.

उन्होंने आगे कहा, 'हृदयनाथ जी, मैं आपसे आखिरी बार माफी मांगता हूं. मैंने तब आपको बताया था कि मैं अस्वस्थ हूं. मैं स्वस्थ था लेकिन यहां आना नहीं चाहता था. इस साल मेरे पास कोई बहाना नहीं था, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा'. अमिताभ ने कहा, 'उनके पिता लता जी की आवाज को शहद की तरह मधुर कहते थे. उनकी आवाज में मधुरता शहद जैसी थी और जैसे शहद का प्रवाह कभी नहीं टूटता, वैसे ही उनका 'स्वर' भी कभी नहीं टूटता. जब भी कोई सही ताल बजाता है, तो हमारी आत्मा 'परमात्मा' से मिलती है. लता मंगेशकर जी का 'स्वर' हमें भगवान से मिलाता है'. समारोह की अध्यक्षता मंगेशकर के सबसे छोटे भाई, संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर ने की.

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पुरस्कार के लिए खुद को भाग्यशाली समझता हूं- अमिताभ बच्चन

बच्चन को यह सम्मान 24 अप्रैल को थिएटर-संगीत के दिग्गज और मंगेशकर भाई-बहनों के पिता दीनानाथ मंगेशकर के स्मृति दिवस पर मिला. 81 वर्षीय स्टार का फिल्मी करियर पांच दशकों से अधिक का है. उन्हें 'जंजीर', 'दीवार', 'चुपके-चुपके', 'मोहब्बतें' और 'पीकू' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. पुरस्कार मिलने पर बिग बी ने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा, 'मैं आज यह पुरस्कार प्राप्त करने के लिए भाग्यशाली हूं. मैंने कभी भी खुद को इस तरह के पुरस्कार के योग्य नहीं माना, लेकिन हृदयनाथ जी ने बहुत कोशिश की ताकि मैं यहां आ सकूं. उन्होंने मुझे पिछले साल इस समारोह के लिए आमंत्रित भी किया था.

उन्होंने आगे कहा, 'हृदयनाथ जी, मैं आपसे आखिरी बार माफी मांगता हूं. मैंने तब आपको बताया था कि मैं अस्वस्थ हूं. मैं स्वस्थ था लेकिन यहां आना नहीं चाहता था. इस साल मेरे पास कोई बहाना नहीं था, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा'. अमिताभ ने कहा, 'उनके पिता लता जी की आवाज को शहद की तरह मधुर कहते थे. उनकी आवाज में मधुरता शहद जैसी थी और जैसे शहद का प्रवाह कभी नहीं टूटता, वैसे ही उनका 'स्वर' भी कभी नहीं टूटता. जब भी कोई सही ताल बजाता है, तो हमारी आत्मा 'परमात्मा' से मिलती है. लता मंगेशकर जी का 'स्वर' हमें भगवान से मिलाता है'. समारोह की अध्यक्षता मंगेशकर के सबसे छोटे भाई, संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर ने की.

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