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शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को अब स्कूली पाठ्य पुस्तकों का करना होगा अध्ययन, जारी हुआ आदेश - Bihar Education Department - BIHAR EDUCATION DEPARTMENT

बिहार में शिक्षा व्यवस्था कैसे बेहतर हो इसको लेकर लगातार कार्य किया जा रहा है. केके पाठक एक्शन में रहते हैं. उनके पदाधिकारी भी पीछे नहीं है. इसी बीच पटना डीईओ के ऑर्डर को लेकर चर्चा हो रही है. पढ़ें पूरी खबर.

Bihar Education Department
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 30, 2024, 6:03 AM IST

पटना : सिर्फ दिखाने से नहीं होगा, आपको जानकारी होगी तभी स्थिति बेहतर होगी. जी हां, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्कूली पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करना होगा. पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा है कि शिक्षा से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताबों का ज्ञान रखना चाहिए. उनका कहना है कि

''विभाग के पदाधिकारी स्कूल का निरीक्षण करने चले जाते हैं लेकिन कई बार कक्षाओं में बच्चों से वह रूबरू नहीं होते हैं. जुलाई 2023 से प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण कार्य चल रहा है. ऐसे में स्कूली पाठ्य पुस्तकों का पदाधिकारी के पास अध्ययन होगा तो निरीक्षण कार्य के दौरान वह विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता का आंकलन आसानी से कर पाएंगे.''- संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना

'कक्षा 1 से 12वीं की किताबों का अध्ययन करें' : पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने संबंध में जिले के सभी शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि स्कूल में पढ़ाई जाने वाली किताबों का अध्ययन करें. अध्ययन के बाद पदाधिकारी यदि स्कूलों में निरीक्षण करने जाते हैं तो वह पता कर पाएंगे कि स्कूल के शिक्षक पढ़ाई के प्रति कितना गंभीर हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी निर्देश में जिले के सभी शिक्षा पदाधिकारी को किताबों का ज्ञान रखना अनिवार्य कर दिया गया है. प्रत्येक पदाधिकारी को निरीक्षण से पहले कक्षा 1 से 12वीं की किताबों का अध्ययन करने के लिए कहा गया है.

'आप जानेंगे तभी स्थिति बेहतर समझ पाएंगे': जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा है कि सभी स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा कौन शिक्षक पढ़ा रहे हैं अथवा कौन शिक्षक नहीं पढ़ा रहे हैं, इसकी भी रिपोर्ट प्रतिदिन देखी जा रही है. विद्यालय में सभी शिक्षकों को कक्षा लेना अनिवार्य है. इस बीच अगर पदाधिकारी स्कूल का निरीक्षण करने जाते हैं तो उन्हें यह देखना होगा कि सही से स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं. अधिकारी इसका पता तभी लगा पाएंगे जब वह खुद पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किए होंगे. इसीलिए जिले के तमाम शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारीयों को किताबों का अध्ययन करने के लिए कहा गया है.

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पटना : सिर्फ दिखाने से नहीं होगा, आपको जानकारी होगी तभी स्थिति बेहतर होगी. जी हां, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्कूली पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करना होगा. पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा है कि शिक्षा से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताबों का ज्ञान रखना चाहिए. उनका कहना है कि

''विभाग के पदाधिकारी स्कूल का निरीक्षण करने चले जाते हैं लेकिन कई बार कक्षाओं में बच्चों से वह रूबरू नहीं होते हैं. जुलाई 2023 से प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण कार्य चल रहा है. ऐसे में स्कूली पाठ्य पुस्तकों का पदाधिकारी के पास अध्ययन होगा तो निरीक्षण कार्य के दौरान वह विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता का आंकलन आसानी से कर पाएंगे.''- संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना

'कक्षा 1 से 12वीं की किताबों का अध्ययन करें' : पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने संबंध में जिले के सभी शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि स्कूल में पढ़ाई जाने वाली किताबों का अध्ययन करें. अध्ययन के बाद पदाधिकारी यदि स्कूलों में निरीक्षण करने जाते हैं तो वह पता कर पाएंगे कि स्कूल के शिक्षक पढ़ाई के प्रति कितना गंभीर हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी निर्देश में जिले के सभी शिक्षा पदाधिकारी को किताबों का ज्ञान रखना अनिवार्य कर दिया गया है. प्रत्येक पदाधिकारी को निरीक्षण से पहले कक्षा 1 से 12वीं की किताबों का अध्ययन करने के लिए कहा गया है.

'आप जानेंगे तभी स्थिति बेहतर समझ पाएंगे': जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा है कि सभी स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा कौन शिक्षक पढ़ा रहे हैं अथवा कौन शिक्षक नहीं पढ़ा रहे हैं, इसकी भी रिपोर्ट प्रतिदिन देखी जा रही है. विद्यालय में सभी शिक्षकों को कक्षा लेना अनिवार्य है. इस बीच अगर पदाधिकारी स्कूल का निरीक्षण करने जाते हैं तो उन्हें यह देखना होगा कि सही से स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं. अधिकारी इसका पता तभी लगा पाएंगे जब वह खुद पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किए होंगे. इसीलिए जिले के तमाम शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारीयों को किताबों का अध्ययन करने के लिए कहा गया है.

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