ETV Bharat / education-and-career

157 विश्वविद्यालय डिफॉल्टर घोषित, जानें UGC ने क्यों की कार्रवाई - UGC On Ombudsperson Appointment

UGC On Ombudsperson Appointment: यूजीसी ने 11 अप्रैल, 2023 को आधिकारिक राजपत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) नियम, 2023 को अधिसूचित किया था. सभी विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया गया था कि वे पत्र के अनुसार विनियमों की अधिसूचना के 30 दिनों के भीतर लोकपाल की नियुक्ति करें. पढ़ें पूरी खबर.

UGC On Ombudsperson Appointment
157 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 22, 2024, 6:53 PM IST

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 108 राज्य विश्वविद्यालयों, 47 निजी विश्वविद्यालयों और 2 डीम्ड विश्वविद्यालयों को लोकपाल की नियुक्ति न करने के कारण डिफॉल्टर घोषित किया है. बता दें, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम 2023 के तहत संस्थानों में लोकपाल की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को फिर से याद दिलाया है कि डिफॉल्टर घोषित किए गए विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों के तहत लोकपाल की नियुक्त करें और ईमेल आईडी के जरिये यूजीसी को इसकी जानकारी दें.

बयान में कहा गया है कि यूजीसी ने 11 अप्रैल, 2023 को आधिकारिक राजपत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 को अधिसूचित किया था. विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया गया था कि वे 12 अप्रैल, 2023 के पत्र के अनुसार नियम की अधिसूचना के 30 दिनों के भीतर लोकपाल नियुक्त करें. अधिसूचना में कहा गया था कि यह नियम सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे किसी केंद्रीय अधिनियम या राज्य अधिनियम के तहत स्थापित हों या डीम्ड विश्वविद्यालय हों.

नियम का उद्देश्य
यूजीसी (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 का उद्देश्य किसी भी संस्थान में पहले से रजिस्टर्ड छात्रों के साथ-साथ इन संस्थानों में प्रवेश चाहने वालों की शिकायतों के निवारण के लिए अवसर प्रदान करना है.

प्रॉस्पेक्टस का प्रकाशन अनिवार्य
नियम के तहत प्रत्येक संस्थान को किसी भी पाठ्यक्रम या अध्ययन कार्यक्रम में प्रवेश शुरू होने की तिथि से कम से कम 60 दिन पहले अपनी वेबसाइट पर प्रॉस्पेक्टस प्रकाशित या अपलोड करना अनिवार्य है. जिसमें संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए अध्ययन के कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों की सूची के साथ-साथ संस्थान द्वारा निर्दिष्ट पाठ्यक्रम की व्यापक रूपरेखा, शिक्षण घंटे, व्यावहारिक सत्र और अन्य असाइनमेंट शामिल होंगे.

छात्र शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी)
संस्थान से संबंधित किसी भी छात्र की शिकायत की सुनवाई एसजीआरसी के अध्यक्ष द्वारा की जाएगी. प्रत्येक संस्थान छात्रों की शिकायतों पर विचार करने के लिए एसजीआरसी का गठन करेगा, जिसका अध्यक्ष एक प्रोफेसर होगा. इसके अलावा संस्थान के चार प्रोफेसर या वरिष्ठ संकाय सदस्य, छात्रों का एक प्रतिनिधि (विशेष आमंत्रित), एक महिला सदस्य तथा एक सदस्य एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग से होगा. अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष की अवधि के लिए होगा. विशेष आमंत्रित सदस्य का कार्यकाल एक वर्ष का होगा.

लोकपाल की नियुक्ति
यूजीसी नियम के तहत सभी विश्वविद्यालयों को छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति करना होगा. सेवानिवृत्त कुलपति या सेवानिवृत्त प्रोफेसर (डीन/एचओडी के रूप में काम करने का अनुभव हो) या पूर्व जिला न्यायाधीश लोकपाल बन सकते हैं. लोकपाल की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक की जाएगी. साथ ही उन्हें एक और कार्यकाल के लिए दोबार नियुक्त किया जा सकता है. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी वेबसाइट पर लोकपाल के संबंध में सभी सूचना उपलब्ध कराना होगा.

यह भी पढ़ें- UGC ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए फीस रिफंड पॉलिसी की घोषणा की

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 108 राज्य विश्वविद्यालयों, 47 निजी विश्वविद्यालयों और 2 डीम्ड विश्वविद्यालयों को लोकपाल की नियुक्ति न करने के कारण डिफॉल्टर घोषित किया है. बता दें, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम 2023 के तहत संस्थानों में लोकपाल की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को फिर से याद दिलाया है कि डिफॉल्टर घोषित किए गए विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों के तहत लोकपाल की नियुक्त करें और ईमेल आईडी के जरिये यूजीसी को इसकी जानकारी दें.

बयान में कहा गया है कि यूजीसी ने 11 अप्रैल, 2023 को आधिकारिक राजपत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 को अधिसूचित किया था. विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया गया था कि वे 12 अप्रैल, 2023 के पत्र के अनुसार नियम की अधिसूचना के 30 दिनों के भीतर लोकपाल नियुक्त करें. अधिसूचना में कहा गया था कि यह नियम सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे किसी केंद्रीय अधिनियम या राज्य अधिनियम के तहत स्थापित हों या डीम्ड विश्वविद्यालय हों.

नियम का उद्देश्य
यूजीसी (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 का उद्देश्य किसी भी संस्थान में पहले से रजिस्टर्ड छात्रों के साथ-साथ इन संस्थानों में प्रवेश चाहने वालों की शिकायतों के निवारण के लिए अवसर प्रदान करना है.

प्रॉस्पेक्टस का प्रकाशन अनिवार्य
नियम के तहत प्रत्येक संस्थान को किसी भी पाठ्यक्रम या अध्ययन कार्यक्रम में प्रवेश शुरू होने की तिथि से कम से कम 60 दिन पहले अपनी वेबसाइट पर प्रॉस्पेक्टस प्रकाशित या अपलोड करना अनिवार्य है. जिसमें संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए अध्ययन के कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों की सूची के साथ-साथ संस्थान द्वारा निर्दिष्ट पाठ्यक्रम की व्यापक रूपरेखा, शिक्षण घंटे, व्यावहारिक सत्र और अन्य असाइनमेंट शामिल होंगे.

छात्र शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी)
संस्थान से संबंधित किसी भी छात्र की शिकायत की सुनवाई एसजीआरसी के अध्यक्ष द्वारा की जाएगी. प्रत्येक संस्थान छात्रों की शिकायतों पर विचार करने के लिए एसजीआरसी का गठन करेगा, जिसका अध्यक्ष एक प्रोफेसर होगा. इसके अलावा संस्थान के चार प्रोफेसर या वरिष्ठ संकाय सदस्य, छात्रों का एक प्रतिनिधि (विशेष आमंत्रित), एक महिला सदस्य तथा एक सदस्य एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग से होगा. अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष की अवधि के लिए होगा. विशेष आमंत्रित सदस्य का कार्यकाल एक वर्ष का होगा.

लोकपाल की नियुक्ति
यूजीसी नियम के तहत सभी विश्वविद्यालयों को छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति करना होगा. सेवानिवृत्त कुलपति या सेवानिवृत्त प्रोफेसर (डीन/एचओडी के रूप में काम करने का अनुभव हो) या पूर्व जिला न्यायाधीश लोकपाल बन सकते हैं. लोकपाल की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक की जाएगी. साथ ही उन्हें एक और कार्यकाल के लिए दोबार नियुक्त किया जा सकता है. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी वेबसाइट पर लोकपाल के संबंध में सभी सूचना उपलब्ध कराना होगा.

यह भी पढ़ें- UGC ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए फीस रिफंड पॉलिसी की घोषणा की

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.