नई दिल्ली: टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने असम में 27,000 करोड़ रुपये की लागत वाले चिप असेंबली प्लांट का निर्माण काम शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि यह अगले साल चालू हो जाएगा. शुरुआत में 27,000 लोगों को नौकरियां मिल सकती है. यह प्लांट स्वदेशी रूप से डेवलप टेक्नोलॉजी का यूज करके प्रतिदिन 4.83 करोड़ चिप्स का प्रोडक्शन करेगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की मौजूदगी में मोरीगांव जिले के जगीरोड स्थित परियोजना स्थल पर इस प्लांट का भूमि पूजन (शिलान्यास) समारोह आयोजित किया गया.
"टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ने असम से पहले ही 1,000 लोगों को रोजगार दिया है और जैसे-जैसे इस सुविधा का विस्तार होगा, यह पूरी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम कंपनियों को भी इसमें शामिल करेगी. इसकी क्षमता के अनुसार, यह 27,000 लोगों को रोजगार देगा, 15,000 डायरेक्ट नौकरियां और अतिरिक्त 12,000 इनडायरेक्ट नौकरियां देगा. आगे कहा कि हम तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं. हम इस प्लांट के निर्माण में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि 2025 में हम इस सुविधा को पूरा कर लेंगे और जल्दी से परिचालन शुरू कर देंगे".
प्रोजेक्ट की शुरूआत कब हुई?
इस परियोजना को 29 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी.
"केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंजूरी के बाद पांच महीने के छोटे से अंतराल में प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है. वैष्णव ने कहा कि यह प्रतिदिन लगभग 4.83 करोड़ चिप्स का निर्माण करेगा. इस प्लांट की खास बात यह है कि इस प्लांट में इस्तेमाल की जाने वाली तीनों प्रमुख टेक्नॉलॉजी भारत में विकसित की गई हैं. मंत्री ने कहा कि टाटा संयंत्र में निर्मित चिप्स का यूज इलेक्ट्रिक वाहनों सहित वाहनों में किया जाएगा और व्यावहारिक रूप से हर बड़ी कंपनी अपने चिप्स का यूज करेगी".