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आयकर रिटर्न भरने के बाद नहीं आया रिफंड, स्टेप बाय स्टेप जानें क्या है प्रोसेस - Get ITR refund

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By IANS

Published : Aug 30, 2024, 7:46 PM IST

अगर आयकर रिटर्न भरने के बाद रिफंड नहीं आया है, तो क्या करें. इस सवाल का जवाब चाहते हैं तो स्टेप दर स्टेप फॉलो करें ये सुझाव.

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कॉन्सेप्ट फोटो (Getty Image)

नई दिल्ली : आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने के बाद रिफंड में देरी होना एक आम समस्या है, जिससे कई करदाता परेशान होते हैं. रिफंड का पैसा कब तक आना चाहिए और रिफंड में देरी हो तो क्या किया जा सकता है, यह जानना जरूरी है ताकि आप अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और अपने रिफंड के पैसे को प्राप्त कर सकें.

जीएमआर ग्रुप के एमएजी ऑडिटर सीए आदर्श झा ने आईएएनएस से बातचीत के क्रम में बताया कि यदि करदाता ने इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के माध्यम से या केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) में हस्ताक्षरित आईटीआर-वी जमा करके अपने आईटीआर की सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो रिफंड की प्रक्रिया में देरी हो सकती है, और करदाता को रिटर्न भरने की तारीख से 30 दिनों के भीतर रिटर्न को ई-सत्यापित करना होगा.

आयकर रिटर्न (आईटीआर) की प्रोसेसिंग में देरी के कारण रिफंड में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि अगर करदाता ने अपने आईटीआर की ई-वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो रिफंड में देरी हो सकती है. आईटीआर में विसंगतियां, जैसे कि आय में अंतर, बैंक खाते की जानकारी में त्रुटि, पैन विवरण में त्रुटि आदि भी रिफंड में देरी का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा, 26एएस और एआईएस के साथ आय मैच न करना, बैंक खाते की गलत जानकारी, पैन विवरण में त्रुटि के चलते भी रिफंड में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि आजकल आयकर विभाग रिफंड जारी करने से पहले आयकर रिटर्न में विवरण सत्यापित करने के लिए एडवांस टूल का उपयोग करता है.

आदर्श झा ने कहा कि अगर रिफंड आने में देरी हो रही है तो सबसे पहले आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्थिति की जांच करनी चाहिए. इससे आपको प्रोसेसिंग के मौजूदा चरण और किसी भी मुद्दे के बारे में जानकारी मिलेगी जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है. यदि देरी बहुत अधिक और अस्पष्ट है, तो आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘ई-निवारण’ अनुभाग के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं या अपडेट के लिए सीपीसी हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं. यदि बैंक खाते के गलत मिलान के कारण कोई रिफंड फेल होता है, तो सबसे पहले आयकर पोर्टल में बैंक विवरण अपडेट करें और फिर टैक्स रिफंड पुनः जारी करने का अनुरोध करें.

आयकर रिफंड फिर से जारी करने के लिए अनुरोध कैसे करें? इसे लेकर सीए आदर्श झा ने बताया कि आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और 'सर्विसेज' टैब पर जाकर 'रिफंड रिइश्यू' बटन पर क्लिक करें. इसके बाद एक नया वेबपेज खुलेगा, वहां 'रिफंड पुनः जारी अनुरोध बनाएं' ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आप उस आईटीआर का चयन करें जिसके लिए आप रिफंड पुनः जारी करना चाहते हैं. इसके बाद बैंक खाते का चयन करें जिसमें आप रिफंड प्राप्त करना चाहते हैं. अगर आपका बैंक अकाउंट सत्यापित नहीं है, तो पहले इसको सत्यापित करना होगा और फिर आगे बढ़ें और सत्यापन करने के लिए आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी चुने.

ये भी पढ़ें : टैक्स रिफंड में हो रही देरी या अटक गया पैसा, इन वजहों से ITR भी हो सकता रिजेक्ट, जानें वजह

नई दिल्ली : आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने के बाद रिफंड में देरी होना एक आम समस्या है, जिससे कई करदाता परेशान होते हैं. रिफंड का पैसा कब तक आना चाहिए और रिफंड में देरी हो तो क्या किया जा सकता है, यह जानना जरूरी है ताकि आप अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और अपने रिफंड के पैसे को प्राप्त कर सकें.

जीएमआर ग्रुप के एमएजी ऑडिटर सीए आदर्श झा ने आईएएनएस से बातचीत के क्रम में बताया कि यदि करदाता ने इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के माध्यम से या केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) में हस्ताक्षरित आईटीआर-वी जमा करके अपने आईटीआर की सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो रिफंड की प्रक्रिया में देरी हो सकती है, और करदाता को रिटर्न भरने की तारीख से 30 दिनों के भीतर रिटर्न को ई-सत्यापित करना होगा.

आयकर रिटर्न (आईटीआर) की प्रोसेसिंग में देरी के कारण रिफंड में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि अगर करदाता ने अपने आईटीआर की ई-वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो रिफंड में देरी हो सकती है. आईटीआर में विसंगतियां, जैसे कि आय में अंतर, बैंक खाते की जानकारी में त्रुटि, पैन विवरण में त्रुटि आदि भी रिफंड में देरी का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा, 26एएस और एआईएस के साथ आय मैच न करना, बैंक खाते की गलत जानकारी, पैन विवरण में त्रुटि के चलते भी रिफंड में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि आजकल आयकर विभाग रिफंड जारी करने से पहले आयकर रिटर्न में विवरण सत्यापित करने के लिए एडवांस टूल का उपयोग करता है.

आदर्श झा ने कहा कि अगर रिफंड आने में देरी हो रही है तो सबसे पहले आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्थिति की जांच करनी चाहिए. इससे आपको प्रोसेसिंग के मौजूदा चरण और किसी भी मुद्दे के बारे में जानकारी मिलेगी जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है. यदि देरी बहुत अधिक और अस्पष्ट है, तो आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘ई-निवारण’ अनुभाग के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं या अपडेट के लिए सीपीसी हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं. यदि बैंक खाते के गलत मिलान के कारण कोई रिफंड फेल होता है, तो सबसे पहले आयकर पोर्टल में बैंक विवरण अपडेट करें और फिर टैक्स रिफंड पुनः जारी करने का अनुरोध करें.

आयकर रिफंड फिर से जारी करने के लिए अनुरोध कैसे करें? इसे लेकर सीए आदर्श झा ने बताया कि आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और 'सर्विसेज' टैब पर जाकर 'रिफंड रिइश्यू' बटन पर क्लिक करें. इसके बाद एक नया वेबपेज खुलेगा, वहां 'रिफंड पुनः जारी अनुरोध बनाएं' ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आप उस आईटीआर का चयन करें जिसके लिए आप रिफंड पुनः जारी करना चाहते हैं. इसके बाद बैंक खाते का चयन करें जिसमें आप रिफंड प्राप्त करना चाहते हैं. अगर आपका बैंक अकाउंट सत्यापित नहीं है, तो पहले इसको सत्यापित करना होगा और फिर आगे बढ़ें और सत्यापन करने के लिए आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी चुने.

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