नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक हीरानंदानी ग्रुप पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा है. कथित तौर पर फेमा नियमों का उल्लंघन करने के लिए समूह के चार परिसरों, जिसमें मुंबई में तीन और पनवेल में एक की तलाशी ली गई है. कथित विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में कुछ नए इनपुट मिले थे, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई.
कैश फॉर क्वेरी मामले में सुर्खियों में आए थे दर्शन हीरानंदानी
बता दें कि इससे पहले कंपनी के सह-संस्थापक निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में सुर्खियों में आए थे. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक लिखित शिकायत में मोइत्रा पर संसदीय प्रश्न उठाने के बदले दर्शन से पैसे और महंगे उपहार लेने का आरोप लगाया था.
हीरानंदानी ग्रुप के बारे में
दर्शन हीरानंदानी डेटा सेंटर ऑपरेटर योट्टा डेटा सर्विसेज, तेल और गैस और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी एच-एनर्जी, टार्क सेमीकंडक्टर्स और तेज प्लेटफॉर्म की पेशकश करने वाली उपभोक्ता सेवाओं के अध्यक्ष भी हैं. दर्शन हीरानंदानी के पिता निरंजन हीरानंदानी और सुरेंद्र हीरानंदानी ने 1978 में रियल एस्टेट व्यवसाय शुरू किया था.
कंपनी ने लगभग 48 मिलियन वर्ग फुट अचल संपत्ति का निर्माण और वितरण किया है, जिसमें 35 मिलियन वर्ग फुट आवासीय और लगभग 14 मिलियन वर्ग फुट वाणिज्यिक और खुदरा स्थान शामिल है, जो पवई, पनवेल, ठाणे (मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का पूरा हिस्सा), चेन्नई, अहमदाबाद और पुणे में है.