नई दिल्ली: अडाणी समूह अपने सात हवाई अड्डों को अगले पांच से 10 सालों में रेवेन्यू को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देगा. ग्रुप के प्लान रेवेन्यू जेनरेशन क्षमता को बढ़ाने के लिए 60,000 कोरड़ रुपये का मदद करेंगे. बता दें कि इस तय राशि का लगभग आधा हिस्सा पांच वर्षों में टर्मिनल और रनवे क्षमता में लगाया जाएगा, और बचे राशि को 10 सालों की अवधि में हवाई अड्डों के शहर-तरफ विकास में निवेश की जाएगी.
60,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च में नवी मुंबई हवाई अड्डे के चरण- I विकास के लिए आवंटित 18,000 करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं, जो मार्च 2025 तक परिचालन शुरू करने वाला है.
करण अडाणी ने बताी योजना
अडाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन के एमडी करण अडाणी ने कहा कि अडाणी समूह ने अगले 5 से 10 वर्षों में अपने पोर्टफोलियो में सात मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई है.
अगले पांच वर्षों में 'एयरसाइड' पर लगभग 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि इसके सात मौजूदा हवाई अड्डों पर अगले पांच से 10 वर्षों में 'सिटीसाइड' के लिए 30,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
CEO अरुण बंसल और करण अडाणी दोनों 10 मार्च को लखनऊ हवाई अड्डे पर 2,400 करोड़ रुपये की लागत से बने नए टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर मीडिया से बात कर रहे थे. इसके बाद बताया कि यह एयरपोर्ट हर साल 80 मिलियन यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लखनऊ हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद अडाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स (एएएचएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण बंसल ने कहा कि यह एक बड़ी राशि है, लेकिन अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) आंतरिक स्रोतों के माध्यम से इसका समर्थन करेगी. हम एईएल के तहत काम करने वाला एक स्टार्टअप हैं, इसलिए एईएल हमारे लिए इसे फंड करेगा.
अडाणी समूह छह हवाई अड्डों का करता संचालन
बता दें कि अडाणी समूह छह हवाई अड्डों- लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर का संचालन करता है. 2021 में, इसने GVK समूह से मुंबई और आगामी नवी मुंबई हवाई अड्डे का अधिग्रहण किया. बंसल ने कहा कि आठ हवाई अड्डों के साथ, समूह 2040 तक 250 से 300 मिलियन यात्रियों के लिए क्षमता बनाने की तैयारी कर रहा है.