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इस गांव की लड़की ने खेल और शिक्षा के क्षेत्र में किया कमाल, जानें संध्या की प्रेरक यात्रा - Inspiring Journey of Sandhya

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 27, 2024, 7:57 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 8:20 PM IST

Inspiring Journey of Sandhya: तेलंगाना राज्य के अम्मानाबोलू गांव में एक साधारण परिवार में जन्मी संध्या आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. वह इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने अथक प्रयास से शिक्षा और खेल के क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा दिया.

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तेलंगाना की संध्या ने खेल और शिक्षा जगत में किया कमाल (ETV Bharat)

यदाद्री भुवनगिरी: तेलंगाना के यदाद्री भुवनगिरी जिले के अम्मानाबोलू गांव आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वह इसलिए क्योंकि इस गांव की एक बेटी ने ऐसा कारनाम कर दिखाया है, जिसकी चर्चा देशभर में हो रही है. हम बात कर रहे हैं चित्तिमल्ला संध्या के बारे में, जिन्होंने कड़ी मेहनत कर अपने लिए सफलता के सारे दरवाजे खोल दिए. अम्मानाबोलू गांव में एक बेहद साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली संध्या ने कड़ी मेहनत कर शिक्षा और खेल के क्षेत्र में एक बड़ी मिसाल कायम की. संध्या अपना करियर व्यायाम शिक्षक के तौर पर बनाना चाहती हैं. जिसके लिए उन्होंने TG PECET प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में तेलंगाना राज्य में पहली रैंक हासिल की.

संध्या की प्रेरक यात्रा (ETV Bharat)

गांव की लड़की ने किया कमाल
बचपन से ही संध्या का झुकाव खेल के प्रति रहा. अम्मानाबोलू जिला परिषद हाई स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान संध्या का खेल के प्रति रूचि पैदा हुई. हालांकि, उन्होंने संसाधनों की कमी के बावजूद फुटबॉल और एथेलेटिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. संध्या का खेल के प्रति जनून को गति देने में उनके शिक्षकों को भी काफी योगदान रहा. शिक्षकों ने संध्या को खेल को लेकर काफी प्रोत्साहित किया. जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने अपनी प्रतिभा का लगातार प्रदर्शन किया और प्रशंसा हासिल की.

संध्या ने खेल और शिक्षा जगत में किया कमाल
स्कूली शिक्षा के शुरुआती दिनों में शिक्षकों का ध्यान संध्या का खेल के प्रति बढ़ते लगाव पर ध्यान नहीं गया था. संध्या ने पढ़ाई के साथ-साथ खेल के प्रति दिवानगी को कम नहीं होने दिया. स्कूल में संध्या ने अपने पीटी टीचर के मार्गदर्शन में कबड्डी और फुटबॉल सहित अलग-अलग खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और कई पदक और सम्मान हासिल की. संध्या ने खेल को अपना करियर बनाने के लिए खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अपना संतुलन बनाए रखा. जिसका नतीजा यह हुआ कि, उन्होंने TG PECET प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में तेलंगाना राज्य में पहली रैंक हासिल की.

TG PECET प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अव्वल रहीं संध्या
संध्या की सफलता की कहानी संध्या के परिवार और समुदाय के लिए गर्व का विषय है, जिन्होंने आर्थिक बाधाओं के बावजूद बेटी का कदम-कदम पर समर्थन किया. संध्या के माता-पिता, चिट्टीमल्ला रमेश और माधवी ने उसे शिक्षा प्रदान करने और उसकी एथलेटिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कदम-कदम पर सहयोग किया. वे संध्या के खेल करियर को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उसकी प्रगति और एक पुलिस अधिकारी बनने की आकांक्षाओं के लिए सरकारी समर्थन की आशा व्यक्त करते हैं.

संध्या सफलता का श्रेय परिवार और टीचर को देती हैं...
संध्या अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों को देती हैं. वहीं, उनकी स्कूल की प्रिंसिपल, शैलजा रानी संध्या की प्रशंसा करती नहीं थकतीं. उनका कहना है कि, TG PECET में शीर्ष रैंक हासिल करना सराहनीय और युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. आज संध्या अपने लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. संध्या का लक्ष्य अपने शैक्षणिक पाठ्यक्रम को पूरा करना और खेल में उत्कृष्टता हासिल करते हुए एक व्यायाम शिक्षक के रूप में अपना करियर बनाना है. संध्या की इच्छा है कि, वह अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर अपने देश को गौरवान्वित करे, जो उनकी खेल के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है.

ये भी पढ़ें: तेलंगाना: इस शख्स ने रचा इतिहास, चार बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ नाम

ये भी पढ़ें: युवक ने बीटेक की डिग्री हासिल कर शुरू किया फर्नीचर उत्पादन, सोशल मीडिया पर बेच रहा उत्पाद

यदाद्री भुवनगिरी: तेलंगाना के यदाद्री भुवनगिरी जिले के अम्मानाबोलू गांव आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वह इसलिए क्योंकि इस गांव की एक बेटी ने ऐसा कारनाम कर दिखाया है, जिसकी चर्चा देशभर में हो रही है. हम बात कर रहे हैं चित्तिमल्ला संध्या के बारे में, जिन्होंने कड़ी मेहनत कर अपने लिए सफलता के सारे दरवाजे खोल दिए. अम्मानाबोलू गांव में एक बेहद साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली संध्या ने कड़ी मेहनत कर शिक्षा और खेल के क्षेत्र में एक बड़ी मिसाल कायम की. संध्या अपना करियर व्यायाम शिक्षक के तौर पर बनाना चाहती हैं. जिसके लिए उन्होंने TG PECET प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में तेलंगाना राज्य में पहली रैंक हासिल की.

संध्या की प्रेरक यात्रा (ETV Bharat)

गांव की लड़की ने किया कमाल
बचपन से ही संध्या का झुकाव खेल के प्रति रहा. अम्मानाबोलू जिला परिषद हाई स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान संध्या का खेल के प्रति रूचि पैदा हुई. हालांकि, उन्होंने संसाधनों की कमी के बावजूद फुटबॉल और एथेलेटिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. संध्या का खेल के प्रति जनून को गति देने में उनके शिक्षकों को भी काफी योगदान रहा. शिक्षकों ने संध्या को खेल को लेकर काफी प्रोत्साहित किया. जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने अपनी प्रतिभा का लगातार प्रदर्शन किया और प्रशंसा हासिल की.

संध्या ने खेल और शिक्षा जगत में किया कमाल
स्कूली शिक्षा के शुरुआती दिनों में शिक्षकों का ध्यान संध्या का खेल के प्रति बढ़ते लगाव पर ध्यान नहीं गया था. संध्या ने पढ़ाई के साथ-साथ खेल के प्रति दिवानगी को कम नहीं होने दिया. स्कूल में संध्या ने अपने पीटी टीचर के मार्गदर्शन में कबड्डी और फुटबॉल सहित अलग-अलग खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और कई पदक और सम्मान हासिल की. संध्या ने खेल को अपना करियर बनाने के लिए खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अपना संतुलन बनाए रखा. जिसका नतीजा यह हुआ कि, उन्होंने TG PECET प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में तेलंगाना राज्य में पहली रैंक हासिल की.

TG PECET प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अव्वल रहीं संध्या
संध्या की सफलता की कहानी संध्या के परिवार और समुदाय के लिए गर्व का विषय है, जिन्होंने आर्थिक बाधाओं के बावजूद बेटी का कदम-कदम पर समर्थन किया. संध्या के माता-पिता, चिट्टीमल्ला रमेश और माधवी ने उसे शिक्षा प्रदान करने और उसकी एथलेटिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कदम-कदम पर सहयोग किया. वे संध्या के खेल करियर को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उसकी प्रगति और एक पुलिस अधिकारी बनने की आकांक्षाओं के लिए सरकारी समर्थन की आशा व्यक्त करते हैं.

संध्या सफलता का श्रेय परिवार और टीचर को देती हैं...
संध्या अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों को देती हैं. वहीं, उनकी स्कूल की प्रिंसिपल, शैलजा रानी संध्या की प्रशंसा करती नहीं थकतीं. उनका कहना है कि, TG PECET में शीर्ष रैंक हासिल करना सराहनीय और युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. आज संध्या अपने लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. संध्या का लक्ष्य अपने शैक्षणिक पाठ्यक्रम को पूरा करना और खेल में उत्कृष्टता हासिल करते हुए एक व्यायाम शिक्षक के रूप में अपना करियर बनाना है. संध्या की इच्छा है कि, वह अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर अपने देश को गौरवान्वित करे, जो उनकी खेल के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 8:20 PM IST
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