हैदराबाद: सामान्यत: एक दिन में 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. गर्मी में दिन में लंबे होते हैं और रातें छोटी होती हैं. बात सर्दी की करें तो मामला इसके उलट है. दिन छोटा होता है और रातें लंबी होती है. इन सबसे इतर एक ऐसा भी दिन है जब वह छोटा माना जाता है. आइये जानते हैं विस्तार से.
क्या होती है संक्रांति
आज के समय में ऐसे कई लोग हैं जो शीतकालीन संक्रांति के बारे में नहीं जानते होंगे. कमोबेश आज ऐसा ही एक दिन है जो साल का सबसे छोटा दिन माना जाता है और आज की रात काफी लंबी होती है. शीतकालीन संक्रांति के दिन सूर्यदेव बहुत जल्दी अस्त हो जाते हैं. यह घटना सब जगह नहीं घटित होती केवल उत्तरी गोलार्ध के देशो में ही होती है. भूगोल के जानने वालों को पता होगा कि इस दिन को अयनांत भी कहते हैं. यह शीतकालीन संक्रांति आज यानी 21 दिसंबर को है. आज का दिन सबसे छोटा होगा और रात काफी लंबी. नासा की मानें तो 21 दिसंबर को तड़के 4 बजकर 20 मिनट पर संक्राति लगी है.
आमतौर पर यह संक्रांति हर साल 19 से 23 दिसंबर के बीच किसी भी दिन होती है. शीतकालीन संक्रांति पर सूर्य से पृथ्वी की दूरी अधिक होती है. साथ ही चंद्रमा की रोशनी पृथ्वी पर अधिक समय तक रहती है. और इस दिन पृथ्वी अपने ध्रुव पर 23.4 डिग्री झुकी होती है. इस प्राकृतिक परिवर्तन के कारण 21 दिसंबर 2024 को साल का सबसे छोटा दिन 8 घंटे का और सबसे लंबी रात 16 घंटे की होगी.
संक्रांति पर मान्यताएं
शीतकालीन संक्रांति को लेकर कई देशों में लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. चीन के साथ-साथ अन्य पूर्वी एशियाई देशों में भी बौद्ध धर्म की यिन और यांग शाखा से जुड़े लोग मानते हैं कि यह दिन एकता और समृद्धि का प्रतीक है. उत्तर भारत में भगवान कृष्ण को प्रसाद अर्पित किया जाता है और गीतापरायणम किया जाता है. पुष्य मास त्यौहार राजस्थान के कई हिस्सों में मनाया जाता है. सूर्य के उत्तरायण होने की प्रक्रिया शीत अयनांत से प्रारंभ होती है इसीलिए हमारे देश में इसका विशेष महत्व है.
तापमान में गिरावट
शीतकालीन संक्रांति का दिन और तारीख साल-दर-साल अलग-अलग होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दुर्लभ घटना इसी साल 21 तारीख को घटित होगी. इस दिन सूर्य की किरणें धीरे-धीरे धरती पर पहुंचती हैं. इससे तापमान में बदलाव आएगा और देशभर में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.