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कौन हैं एस जगतरक्षकन? जिनपर ED ने लगाया 908 करोड़ का जुर्माना, 89 करोड़ संपत्ति भी की जब्त - DMK MP fined

Who is S Jagathrakshakan: ED ने DMK सांसद एस जगतरक्षकन और उनके परिवार पर फेमा उल्लंघन मामले में 908 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. वह डॉ रेला अस्पताल और संस्थान के मालिक हैं.

एस जगतरक्षकन
एस जगतरक्षकन (X@Jagathofficial)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2024, 6:00 PM IST

चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को DMK सांसद एस जगतरक्षकन और उनके परिवार पर फेमा उल्लंघन मामले में 908 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. केंद्रीय एजेंसी ने मामले में डीएमके सांसद की 89 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली है.

इस संबंध में ईडी ने कहा, "ईडी, चेन्नई ने तमिलनाडु के कारोबारी और सांसद जगतरक्षकन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ फेमा के तहत जांच की थी. साथ ही उनकी 89.19 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया गया था. 26 अगस्त 2024 को पारित न्यायनिर्णयन आदेश के तहत उन पर 908 करोड़ रुपये (लगभग) का जुर्माना लगाया गया है."

पिछले कुछ महीनों में ईडी और आयकर विभाग ने अरक्कोणम सांसद की कई संपत्तियों और आवास पर छापेमारी की. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज अवैध लेनदेन मामले के संबंध में उनकी 40 से अधिक संपत्तियों की तलाशी ली गई.

एस जगतरक्षकन कौन हैं?
डीएमके नेता एस जगतरक्षकन एक तमिल कारोबारी और अरक्कोणम से लोकसभा सांसद हैं. वे 1999 से इस सीट से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं. वे श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अध्यक्ष और डॉ रेला अस्पताल और संस्थान के मालिक भी हैं.

2 साल में बेतहाशा बढ़ी संपत्ति
दो साल के अंतराल में व्यवसायी-राजनेता की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी,जिसके कारण वह विवादों के केंद्र में रहे. 2009 में जगतरक्षकन ने 5 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी और फिर 2011 में उन्होंने 70 रुपये करोड़ की संपत्ति की घोषणा की. यह बढ़ोतरी अन्य केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्रियों की संपत्ति के मुकाबले कहीं ज्यादा थी.

कोयला घोटाले में आया था नाम
उन पर 2012 में तमिलनाडु में कोयला घोटाले में शामिल होने का भी आरोप लगा था, जिसमें 2007 में उनकी कंपनी को कथित तौर पर अवैध कोयला आवंटन दिया गया था. सालों बाद एक स्टिंग ऑपरेशन ने यह भी उजागर किया कि उनका मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस छात्रों से बढ़ी हुई फीस मांग रहा था.

2019 में श्रीलंका के निवेश बोर्ड ने हंबनटोटा में एक तेल रिफाइनरी खोलने के लिए कई अरब डॉलर की योजना की घोषणा की, जिसमें डीएमके सांसद के दो बच्चों और पत्नी को निवेश करने वाली कंपनी के निदेशक मंडल के रूप में सूचीबद्ध किया गया. यह भी कहा गया कि जगतरक्षकन की फर्म परियोजना का 70 प्रतिशत वित्त पोषण कर रही है, जिससे धन के स्रोत और फेमा उल्लंघन पर ईडी जांच शुरू हो गई.

यह भी पढ़ें- UPI ऑटोपे की रिक्वेस्ट आए, तो हो जाएं सावधान, वरना गंवा देंगे गाढ़ी कमाई, ऐसे बचें

चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को DMK सांसद एस जगतरक्षकन और उनके परिवार पर फेमा उल्लंघन मामले में 908 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. केंद्रीय एजेंसी ने मामले में डीएमके सांसद की 89 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली है.

इस संबंध में ईडी ने कहा, "ईडी, चेन्नई ने तमिलनाडु के कारोबारी और सांसद जगतरक्षकन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ फेमा के तहत जांच की थी. साथ ही उनकी 89.19 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया गया था. 26 अगस्त 2024 को पारित न्यायनिर्णयन आदेश के तहत उन पर 908 करोड़ रुपये (लगभग) का जुर्माना लगाया गया है."

पिछले कुछ महीनों में ईडी और आयकर विभाग ने अरक्कोणम सांसद की कई संपत्तियों और आवास पर छापेमारी की. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज अवैध लेनदेन मामले के संबंध में उनकी 40 से अधिक संपत्तियों की तलाशी ली गई.

एस जगतरक्षकन कौन हैं?
डीएमके नेता एस जगतरक्षकन एक तमिल कारोबारी और अरक्कोणम से लोकसभा सांसद हैं. वे 1999 से इस सीट से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं. वे श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अध्यक्ष और डॉ रेला अस्पताल और संस्थान के मालिक भी हैं.

2 साल में बेतहाशा बढ़ी संपत्ति
दो साल के अंतराल में व्यवसायी-राजनेता की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी,जिसके कारण वह विवादों के केंद्र में रहे. 2009 में जगतरक्षकन ने 5 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी और फिर 2011 में उन्होंने 70 रुपये करोड़ की संपत्ति की घोषणा की. यह बढ़ोतरी अन्य केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्रियों की संपत्ति के मुकाबले कहीं ज्यादा थी.

कोयला घोटाले में आया था नाम
उन पर 2012 में तमिलनाडु में कोयला घोटाले में शामिल होने का भी आरोप लगा था, जिसमें 2007 में उनकी कंपनी को कथित तौर पर अवैध कोयला आवंटन दिया गया था. सालों बाद एक स्टिंग ऑपरेशन ने यह भी उजागर किया कि उनका मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस छात्रों से बढ़ी हुई फीस मांग रहा था.

2019 में श्रीलंका के निवेश बोर्ड ने हंबनटोटा में एक तेल रिफाइनरी खोलने के लिए कई अरब डॉलर की योजना की घोषणा की, जिसमें डीएमके सांसद के दो बच्चों और पत्नी को निवेश करने वाली कंपनी के निदेशक मंडल के रूप में सूचीबद्ध किया गया. यह भी कहा गया कि जगतरक्षकन की फर्म परियोजना का 70 प्रतिशत वित्त पोषण कर रही है, जिससे धन के स्रोत और फेमा उल्लंघन पर ईडी जांच शुरू हो गई.

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