हजारीबाग: एटीएस नें फैजान अहमद को अलकायदा से संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. फैजान अहमद मूल रूप से गया का रहने वाला है. इसके पिता अब्दुल रशीद इंजीनियर हैं और मां शिक्षिका. दोनों ने रिटायर होने के बाद अपना घर मंडई में बनाया और वही रहते हैं. लेकिन इनका बेटा फैजान अहमद उनके साथ नहीं रहता है. वह किराए के मकान में हजारीबाग के आजाद नगर में रह रहा था. यह भी जानकारी है कि झील रोड में उसने एक फ्लैट भी खरीदा है. जहां वो कभी कभार जाता भी था. शुरू से ही वो अलग मानसिकता का था. इस कारण माता-पिता के साथ नहीं रहता था. वह डायपर का होलसेल का काम करता था.
हजारीबाग में पहचान छिपाकर रह रहा था फैजान
फैजान हजारीबाग में अपनी पहचान छिपा कर रह रहा था. यहां उसे अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (एक्यूआईएस) के झारखंड मॉड्यूल के लिए आतंकियों की बहाली करवाने की जिम्मेदारी मिली थी. सूत्रों की माने तो इसके संपर्क में 50 से अधिक युवक थे. जो इसकी किराए के मकान में आया जाया करते थे. वहीं यह लड़कों को जिहाद का पाठ पढ़ाता था.
फैजान के थे जलालुद्दीन से संबंध
सूत्रों के अनुसार हजारीबाग के पेलावल थाना में पदस्थापित सेवानिवृत्त मोहम्मद जलालुद्दीन से इसके काफी अच्छे ताल्लुकात थे. मोहम्मद जलालुद्दीन हजारीबाग में सिपाही के पद में था. बाद में इसका पदोन्नति होकर यह दरोगा बन गया. मोहम्मद जलालुद्दीन को एटीएस ने पटना से गिरफ्तार किया था. प्रतिबंधित आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़कर पटना के फुलवारी शरीफ में आतंक का पाठशाला चलाने के मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी. वह गोड्डा, रांची, धनबाद, हजारीबाग व गिरिडीह जिला बल में अपनी सेवा दे चुका है.
डॉ इश्तियाक से लगातार संपर्क में था फैजान
रांची से गिरफ्तार संदिग्ध डॉ इश्तियाक हर दिन दोपहर के 12:30 बजे से लेकर 3:30 बजे तक हजारीबाग स्थित पैथोलॉजी रांची से काम करने आता था. इसी संदिग्ध के नाम पर अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन भी था. 5 दिसंबर 2022 से वो रविवार को छोड़कर हर दिन हजारीबाग आ रहा था. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हजारीबाग से संदिग्ध फैजान अहमद से वो लगातार संपर्क में भी था.
आतंकियों की बहाली करवाने का शक
सूत्रों की माने तो राजधानी रांची के अल हसन अपार्टमेंट में रहने वाले डॉ इश्तियाक अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (एक्यूआईएस) के झारखंड मॉड्यूल के लिए आतंकियों की बहाली करवा रहा था. डॉक्टर इश्तियाक का संदिग्ध फैजान अहमद से काफी अच्छे संबंध रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर नें कई बार हजारीबाग में इससे मुलाकात भी की है. उसने ही इसे हजारीबाग में अलकायदा में बहाली के लिए मॉड्यूल शुरू करने को कहा था. अब्दुल रहमान कटकी की गिरफ्तारी के बाद डॉ. इश्तियाक ने अलकायदा में बहाली के सिस्टम को दोबारा एक्टिव किया था.
डॉ इश्तियाक मूलरूप से झारखंड के जमशेदपुर का रहने वाला है. रांची के एक अस्पताल में वह रेडियोलॉजी विभाग में काम करता था. क्लिनिक के जरिए वह हजारीबाग में आतंकी मॉड्यूल पर काम भी कर रहा था. जिसकी भनक किसी को भी नहीं लग रही थी. बताया जाता है कि बेहद गोपनीय ढंग से हजारीबाग में सक्रिय था. हजारीबाग से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी फैजान अहमद उसे मदद किया करता था.
ये भी पढ़ें: