पटनाः जन सुराज अभियान से जुड़े एमएलसी सच्चिदानंद राय महाराजगंज लोकसभा सीट निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. सच्चिदानंद राय की इस घोषणा से एनडीए और इंडिया गठबंधन को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. बीजेपी ने जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को यहां से मैदान में उतारा है. महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में है. हालांकि जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर घोषणा कर चुके हैं कि उनकी संस्था न तो चुनाव लड़ेगी और न ही किसी का समर्थन करेगी.
पहली बार एमएलसी चुनाव में कामयाबीः आपको बता दें कि चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर 2022 से बिहार में जनसुरज यात्रा कर रहे हैं. जन सुराज अभी तक खुलकर कोई चुनाव नहीं लड़ा है. 2023 में विधान परिषद के हुए चुनाव में सारण शिक्षक निर्वाचन सीट से जन सुराज समर्थित निर्दलीय आफाक अहमद ने महागठबंधन के उम्मीदवार आनंद पुष्कर को हराकर जीत दर्ज की थी.
निर्दलीय लड़ेंगे सच्चिदानंद रायः जन सुराज के समर्थित उम्मीदवार पहली बार में जीत दर्ज की इससे संस्था का अच्छा इमेज बना. अब सारण निकाय से एमएलसी सच्चिदानंद राय महाराजगंज लोकसभा सीट चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. सच्चिदानंद राय काफी समय से जन सुराज संस्था से जुड़े हैं. हालांकि उन्होंने भी कहा कि जन सुराज किसी का समर्थन करने नहीं जा रहा है. वे निर्दलीय मैदान में उतरेंगे.
2025 की तैयारी में जन सुराजः राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर 2025 की तैयारी कर रहे हैं. विधान परिषद में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कर चुके हैं. उनके समर्थित उम्मीदवार ने शानदार जीत दर्ज की थी.
"यदि उनके साथ काम करने वाले सच्चिदानंद राय जैसे लोग निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं और यदि जीत गए तो निश्चित रूप से उनके हाथ मजबूत होगे लेकिन फिलहाल खुलकर नहीं आने के पीछे भी उनकी कोई रणनीति होगी." -प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को चुनौतीः मालूम हो कि महाराजगंज से बीजेपी ने जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को फिर से उम्मीदवार बनाया है. भूमिहार और राजपूत बहुल सीट है. सच्चिदानंद राय को लेकर प्रशांत किशोर भले ही अभी तक खुलकर चुनाव नहीं लड़े हैं लेकिन सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से उनके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार आफाक अहमद चुनाव जीत चुके हैं.
"प्रशांत किशोर ने पहले ही कह दिया है कि लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसलिए किसी के समर्थन का सवाल ही नहीं होता है. कोई निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं तो ये उनका व्यक्तिगत निर्णय है. इससे जन सुराज को कोई लेना देना नहीं है." -संजय कुमार ठाकुर, मुख्य प्रवक्ता, जन सुराज
भाजपा कर रही जीत का दावाः इधर, भाजपा का दावा है कि कोई भी उम्मीदवार खड़ा हो जाए लेकिन महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की जीत होगी. भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा का कहना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी चुनाव लड़ सकता है. सच्चिदानंद के पीछे कौन खड़ा है और कौन समर्थन कर रहा है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने दावा किया है जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के पीछे पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के विकास कार्य हैं.
"महाराजगंज से बीजेपी ने जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को फिर से टिकट दिया है. अब सच्चिदानंद राय निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और उनके पीछे कोई हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की ही जीत होगी. महाराजगंज के महाराज सिग्रीवाल ही बनेंगे." - प्रभाकर मिश्रा, भाजपा प्रवक्ता
'प्रशांत किशोर की राजनीति समझ से परे': महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के पास है. ऐसे में राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन जीत का दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की राजनीति समझ से परे हैं. उनका कहना है कि प्रशांत किशोर अभी भी राजनीतिज्ञ नहीं हैं. प्रशांत किशोर एक इवेंट मैनेजर थे और आभी भी उनकी पहचान वही है. चितरंजन ने कहा कि इतने दिनों से प्रशांत अभियान चला रहे हैं लेकिन उन्हें कोई भाव नहीं दे रहा है.
"एक समर्थित MLC जीत गए तो उसी को खूब भजा रहे हैं. उन्हें कोई पूछता ही नहीं है. उनकी पहचान एक इवेंट मैनेजर के तौर पर हुई थी और आज भी वही है. प्रशांत किशोर की राजनीति समझ से परे हैं." -चितरंजन गगन, प्रवक्ता, राजद
चुनाव लड़ने से इनकार: महाराजगंज सीट से सच्चिदानंद राय के चुनाव लड़ने के बाद अब देखना है प्रशांत किशोर के साथ काम करने वाले और कौन-कौन से लोग चुनाव लड़ते हैं. प्रशांत किशोर लगातार जन सुराज यात्रा कर रहे हैं. पहले यह चर्चा थी कि एक दर्जन से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों का प्रशांत किशोर समर्थन कर सकते हैं लेकिन अब खुलकर चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं.
एनडीए और महागठबंधन की परेशानी बढ़ेगीः प्रशांत किशोर के बेतिया से भी चुनाव लड़ने की बात थी लेकिन उससे भी प्रशांत किशोर ने इंकार कर दिया है. ऐसे अब खुलकर न सही लेकिन पीछे से प्रशांत किशोर का सपोर्ट सच्चिदानंद राय को मिलना तय माना जा रहा है. इसी तरह कुछ और उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में आते हैं तो उन्हें भी अपरोक्ष रूप से प्रशांत किशोर का साथ मिल सकता है. ऐसे में एनडीए और महागठबंधन की परेशानी बढ़ सकती है.
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