नई दिल्लीः भारतीय कुश्ती संघ एशियन ओलंपिक क्वालिफायर्स और वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफायर्स के दूसरे सेलेक्शन ट्रायल के लिए पहलवानों को आमंत्रित किए जाने से संबंधी सर्कुलर को वापस लेगा. इस बात की सूचना संघ ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सचिन दत्ता ने अगली सुनवाई 26 अप्रैल को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान जब भारतीय कुश्ती संघ ने कहा कि वो सेलेक्शन ट्रायल संबंधी सर्कुलर वापस लेगा. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल संघ के काम को देख रही तदर्थ समिति के सर्कुलर के मुताबिक होगा. तदर्थ समिति ने एशियन ओलंपिक क्वालिफायर्स के लिए 19 से 21 अप्रैल को नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला और वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफायर्स के लिए 9 से 12 मई को स्पोर्ट्स अथॉरिटी कांप्लेक्स सोनीपत में आयोजित करने का सर्कुलर जारी किया है.
याचिका बजरंग पुनिया समेत चार पहलवानों ने दायर किया है. इसमें सेलेक्शन ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की गई है. इससे पहले 4 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय कुश्ती संघ को नोटिस जारी किया था. पहलवानों की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने एशियन ओलंपिक क्वालिफायर्स और वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफायर्स के दूसरे सेलेक्शन ट्रायल के लिए पहलवानों को आमंत्रित किए जाने को चुनौती देते हुए सेलेक्शन ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि 21 दिसंबर 2023 को भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव स्पोर्ट्स कोड का खुला उल्लंघन था.
याचिका दायर करने वालों में बजरंग पुनिया के अलावा विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किया है और ऐसे में संघ को ट्रायल के लिए पहलवानों को आमंत्रित करने का अधिकार नहीं है. भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने संघ के कामकाज को देखने के लिए एक तदर्थ कमेटी का गठन किया था. संघ अपनी कानूनी स्थिति जानने के बाद भी सेलेक्शन ट्रायल के लिए पहलवानों को आमंत्रित कर रहा है.
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