तिरुवनंतपुरम: केरल के वायनाड स्थित चूरलमाला भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सामूहिक सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है. इस तलाशी अभियान के लिए डिजाजटर जोन को छह सेक्शन में विभाजित किया गया है. इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को चल रहे बचाव प्रयासों के बारे में आश्वस्त और उनकी चिंताओं का समाधान करना है.
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी सहित कई हाई-प्रोफाइल लोगों के दौरे के बावजूद 30 जुलाई को हुए वायनाड भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान जारी रहेगा. इस भूस्खलन में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हजारों लोग विस्थापित हो गए.
सेना ने अपना मिशन किया पूरा
सर्च और बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाने वाली सेना ने अपना मिशन पूरा कर लिया है और बेली ब्रिज के निर्माण सहित महत्वपूर्ण प्रगति के बाद वापस लौट आई है. आपदा के जवाब में, अस्थायी पुनर्वास के लिए 91 सरकारी क्वार्टर आवंटित किए गए हैं, जिनमें उचित सुरक्षा उपाय किए गए हैं.
सरकार विस्थापित व्यक्तियों को समायोजित करने के लिए स्कूलों को चालू करने के लिए भी काम कर रही है, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पुष्टि की है कि लोगों को शिविरों से स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए सिस्टम स्थापित किए जाएंगे.
पीएम मोदी जाएंगे वायनाड
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को वायनाड में भूस्खलन प्रभावित स्थलों का दौरा करेंगे. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में मीडिया से कहा कि राज्य ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है.