ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड में 460 जलस्रोतों पर मंडरा रहा संकट, दून शिखर फॉल का भी बिगड़ रहा मिजाज - Shikhar Fall Ground Report - SHIKHAR FALL GROUND REPORT

Water shortage in Shikhar Fall, Shikhar Fall Ground Report भीषण गर्मी के बीच पेयजल आपूर्ति का संकट राज्य सरकारों को चेताने का काम कर रहा है. तमाम प्राकृतिक स्रोत पानी की कमी से जूझ रहे हैं. देहरादून का शिखर फॉल भी इन्हीं में से एक है. शिखर फॉल का भी पानी धीरे धीरे सूख रहा है. स्थिति यह है कि अब तो इस झरने से जल संस्थान को पर्याप्त पानी तक नहीं मिल पा रहा है. ईटीवी भारत ने शिखर फॉल तक पहुंच कर ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए कम होते पानी के कारणों को समझने की कोशिश की.

Etv Bharat
दून शिखर फॉल का भी बिगड़ रहा मिजाज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 17, 2024, 6:20 PM IST

Updated : Jun 17, 2024, 7:33 PM IST

दून शिखर फॉल का भी बिगड़ रहा मिजाज (ईटीवी भारत)

देहरादून: प्रदेश भर के 400 से ज्यादा प्राकृतिक जल स्रोतों पर संकट मंडरा रहा है. इन प्राकृतिक स्रोतों में धीरे धीरे पानी कम हो रहा है. गर्मियों में ये परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई है. देहरादून का शिखर फॉल भी ऐसे ही जल स्रोतों में से एक है. शिखर फॉल देहरादून के कई इलाकों की प्यास बुझाता है. बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी के कारण शिखर फॉल में पानी की कमी होने लगी है. क्या हैं इसके कारण? इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम शिखर फॉल पहुंची.

dehradun shikhar fall
शिखर फॉल में सूख रहा पानी (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

शिखर फॉल का कम हो रहा वाटर लेबल: शिखर फॉल देहरादून शहर के करीब 13 किलोमीटर है. शिखर फॉल रिस्पना नदी को पानी देने का काम करता है. इस झरने तक पहुंचने के लिए करीब 2 किलोमीटर की पैदल ट्रैकिंग करनी पड़ती है. यह क्षेत्र लंबे समय से पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है. बड़ी संख्या में यहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है. अब धीरे धीरे शिखर फॉल में पानी की उपलब्धता कम हो रही है. फिलहाल इसकी बड़ी वजह लंबे समय से बारिश का न होना बताया जा रहा है. यहां ना केवल झरने से गिरने वाला पानी कम हो रहा है बल्कि इसके आगे पत्थरों के बीच से कभी लबालब होकर गुजरने वाला पानी भी अब गायब सा होता दिख रहा है. लोगों की मानें तो धीरे-धीरे स्रोत सूख रहे हैं. इसका कारण यह भी है कि पहले चाल खाल तैयार किए जाते थे. जिससे अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज होता रहता था. अब जंगलों में आग लगने जैसी घटनाएं हो रही हैं, इस पर लोगों ने भी काम करना बंद कर दिया है. साथ ही तमाम विकास कार्यों में भी प्राकृतिक स्त्रोतों को नुकसान हो रहा है.

dehradun shikhar fall
शिखर फॉल का भी बिगड़ रहा मिजाज (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

उत्तराखंड में 460 जलस्रोतों पर मंडरा रहा संकट: शिखर फॉल तो केवल एक उदाहरण है, प्रदेश में ऐसे करीब 460 जल स्रोत हैं जो सूख रहे हैं. किसी जल स्रोत में पानी की मात्रा 50% तक कम हो गई है तो किसी में 80% तक भी पानी कम हुआ है. अधिकारी शिखर फॉल को लेकर भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इससे मिलने वाला 15 एमएलडी पानी अब केवल 10 एमएलडी तक ही सीमित रह गया है. यह स्थिति अब देहरादून के कई इलाकों में पेयजल की परेशानी को बढ़ा रही है.

dehradun shikhar fall
दून शिखर फॉल का कम हो रहा वाटर लेवल (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

सारा करेगी संकटग्रस्त जलस्रोतों का अध्यन: सूखते जल स्रोतों को जीवित रखने के लिए सरकार की तरफ से विशेषज्ञों की मौजूदगी वाली स्प्रिंगशेड एंड रिवर रिजूवेनेशन एजेंसी (सारा) का गठन किया गया. इसकी तरफ से सरकार को अध्ययन के आधार पर सुझाव भी दिए जा रहे हैं, इसके बाद भी प्रदेश में जल स्रोत सूख रहे हैं. जल संस्थान की तरफ से भी जल स्रोतों में सूख रहे पानी की भी स्थिति के आंकड़े एजेंसी को दिये गये हैं. जिन 460 जल स्रोतों में पानी कम होने की बात की जा रही है उनका भी एजेंसी के माध्यम से अध्ययन किया जा रहा है. जल्द ही अध्ययन के आधार पर सुझाव भी प्रस्तुत किए जाएंगे.

dehradun shikhar fall
देहरादून का शिखर फॉल (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

संकटग्रस्त जलस्रोतों का जिलेवार आंकड़ा: ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इस बार मौसम में काफी बदलाव देखा जा रहा है. काफी वक्त से बारिश नहीं होने के कारण भीषण गर्मी से भी लोगों को जूझना पड़ रहा है. इसके लिए अंधाधुन पेड़ों का कटान और पहाड़ों पर बेतरतीब बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य को भी वजह माना जा रहा है. मौजूद आंकड़ों के अनुसार पौड़ी में 72, चमोली में 69, टिहरी में 37, उत्तरकाशी में 36, देहरादून में 31, रुद्रप्रयाग में 18, बागेश्वर में 21, चंपावत में 19, पिथौरागढ़ में 47, अल्मोड़ा में 92, और नैनीताल में 35 जल स्रोतों का पानी कम हुआ है. उधर दूसरी तरफ प्रदेश में 400 से ज्यादा बस्तियां ऐसी हैं जहां पानी का संकट खड़ा हो गया है.

पढ़ें- देहरादून में गर्मी का कहर, दून अस्पताल में बढ़ी हेपेटाइटिस ए और पीलिया से पीड़ित बच्चों की संख्या - Doon Medical College

पढें- सूरज बरसा रहा आग, तापमान 40 डिग्री के पार, टूटा 8 साल का रिकॉर्ड

दून शिखर फॉल का भी बिगड़ रहा मिजाज (ईटीवी भारत)

देहरादून: प्रदेश भर के 400 से ज्यादा प्राकृतिक जल स्रोतों पर संकट मंडरा रहा है. इन प्राकृतिक स्रोतों में धीरे धीरे पानी कम हो रहा है. गर्मियों में ये परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई है. देहरादून का शिखर फॉल भी ऐसे ही जल स्रोतों में से एक है. शिखर फॉल देहरादून के कई इलाकों की प्यास बुझाता है. बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी के कारण शिखर फॉल में पानी की कमी होने लगी है. क्या हैं इसके कारण? इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम शिखर फॉल पहुंची.

dehradun shikhar fall
शिखर फॉल में सूख रहा पानी (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

शिखर फॉल का कम हो रहा वाटर लेबल: शिखर फॉल देहरादून शहर के करीब 13 किलोमीटर है. शिखर फॉल रिस्पना नदी को पानी देने का काम करता है. इस झरने तक पहुंचने के लिए करीब 2 किलोमीटर की पैदल ट्रैकिंग करनी पड़ती है. यह क्षेत्र लंबे समय से पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है. बड़ी संख्या में यहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है. अब धीरे धीरे शिखर फॉल में पानी की उपलब्धता कम हो रही है. फिलहाल इसकी बड़ी वजह लंबे समय से बारिश का न होना बताया जा रहा है. यहां ना केवल झरने से गिरने वाला पानी कम हो रहा है बल्कि इसके आगे पत्थरों के बीच से कभी लबालब होकर गुजरने वाला पानी भी अब गायब सा होता दिख रहा है. लोगों की मानें तो धीरे-धीरे स्रोत सूख रहे हैं. इसका कारण यह भी है कि पहले चाल खाल तैयार किए जाते थे. जिससे अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज होता रहता था. अब जंगलों में आग लगने जैसी घटनाएं हो रही हैं, इस पर लोगों ने भी काम करना बंद कर दिया है. साथ ही तमाम विकास कार्यों में भी प्राकृतिक स्त्रोतों को नुकसान हो रहा है.

dehradun shikhar fall
शिखर फॉल का भी बिगड़ रहा मिजाज (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

उत्तराखंड में 460 जलस्रोतों पर मंडरा रहा संकट: शिखर फॉल तो केवल एक उदाहरण है, प्रदेश में ऐसे करीब 460 जल स्रोत हैं जो सूख रहे हैं. किसी जल स्रोत में पानी की मात्रा 50% तक कम हो गई है तो किसी में 80% तक भी पानी कम हुआ है. अधिकारी शिखर फॉल को लेकर भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इससे मिलने वाला 15 एमएलडी पानी अब केवल 10 एमएलडी तक ही सीमित रह गया है. यह स्थिति अब देहरादून के कई इलाकों में पेयजल की परेशानी को बढ़ा रही है.

dehradun shikhar fall
दून शिखर फॉल का कम हो रहा वाटर लेवल (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

सारा करेगी संकटग्रस्त जलस्रोतों का अध्यन: सूखते जल स्रोतों को जीवित रखने के लिए सरकार की तरफ से विशेषज्ञों की मौजूदगी वाली स्प्रिंगशेड एंड रिवर रिजूवेनेशन एजेंसी (सारा) का गठन किया गया. इसकी तरफ से सरकार को अध्ययन के आधार पर सुझाव भी दिए जा रहे हैं, इसके बाद भी प्रदेश में जल स्रोत सूख रहे हैं. जल संस्थान की तरफ से भी जल स्रोतों में सूख रहे पानी की भी स्थिति के आंकड़े एजेंसी को दिये गये हैं. जिन 460 जल स्रोतों में पानी कम होने की बात की जा रही है उनका भी एजेंसी के माध्यम से अध्ययन किया जा रहा है. जल्द ही अध्ययन के आधार पर सुझाव भी प्रस्तुत किए जाएंगे.

dehradun shikhar fall
देहरादून का शिखर फॉल (फोटो सोर्स: ईटीवी भारत)

संकटग्रस्त जलस्रोतों का जिलेवार आंकड़ा: ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इस बार मौसम में काफी बदलाव देखा जा रहा है. काफी वक्त से बारिश नहीं होने के कारण भीषण गर्मी से भी लोगों को जूझना पड़ रहा है. इसके लिए अंधाधुन पेड़ों का कटान और पहाड़ों पर बेतरतीब बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य को भी वजह माना जा रहा है. मौजूद आंकड़ों के अनुसार पौड़ी में 72, चमोली में 69, टिहरी में 37, उत्तरकाशी में 36, देहरादून में 31, रुद्रप्रयाग में 18, बागेश्वर में 21, चंपावत में 19, पिथौरागढ़ में 47, अल्मोड़ा में 92, और नैनीताल में 35 जल स्रोतों का पानी कम हुआ है. उधर दूसरी तरफ प्रदेश में 400 से ज्यादा बस्तियां ऐसी हैं जहां पानी का संकट खड़ा हो गया है.

पढ़ें- देहरादून में गर्मी का कहर, दून अस्पताल में बढ़ी हेपेटाइटिस ए और पीलिया से पीड़ित बच्चों की संख्या - Doon Medical College

पढें- सूरज बरसा रहा आग, तापमान 40 डिग्री के पार, टूटा 8 साल का रिकॉर्ड

Last Updated : Jun 17, 2024, 7:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.