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यूरोप की यात्रा करना चाहते हैं तो जाने से पहले जान लें लागू होने वाले नए नियम - travel to Europe

European Rule Set To Be Introduced Soon, यूरोपीय देशों की यात्रा के लिए इस साल 6 अक्टूबर से वहां पर नए नियम लागू होने की उम्मीद है. इसका उद्देश्य यूरोप यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाना है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

Know about the new European rules that will be implemented soon
जान लें जल्द ही लागू होने वाले नए यूरोपीय नियम के बारे में (AP-Symbolic photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 3, 2024, 4:18 PM IST

नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने और यूरोप यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए यूरोपीय संघ इस वर्ष 6 अक्टूबर से अपनी प्रवेश और निकास प्रणाली (EES) शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली (EES) यूरोपीय संघ की एक नई पहल है जिसका उद्देश्य सीमा सुरक्षा को मजबूत करना तथा शेंगेन क्षेत्र में प्रवेश करने और वहां से जाने वाले यात्रियों के प्रबंधन में सुधार करना है. नया नियम अल्प-प्रवास आवश्यकताओं वाले गैर-यूरोपीय संघ नागरिकों की आवाजाही को विनियमित करेगा.

यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली क्या है

उद्देश्य: यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली (EES) को सुरक्षा बढ़ाने, अनियमित प्रवासन से निपटने और तीसरे देश के नागरिकों के प्रवेश के अलावा निकास और प्रवेश से इनकार को सटीक रूप से रिकॉर्ड करने और ट्रैक करने के माध्यम से शेंगेन क्षेत्र की अखंडता की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

कार्यक्षमता: यह प्रणाली तीसरे देश के नागरिकों के बायोमेट्रिक डेटा (जैसे उंगलियों के निशान और चेहरे की छवि) और अल्फ़ान्यूमेरिक डेटा (जैसे नाम, यात्रा दस्तावेज का प्रकार और प्रवेश/निकास की तारीख) को पंजीकृत करेगी. यह पासपोर्ट पर मैन्युअल रूप से मुहर लगाने की वर्तमान पद्धति के स्थान पर एक स्वचालित प्रक्रिया लागू करेगा जो अधिक तीव्र और विश्वसनीय होगी.

लाभ: नए नियम के लाभों में शामिल हैं - वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने वाले व्यक्तियों का बेहतर पता लगाना, सीमा नियंत्रण प्रक्रियाओं में सुधार तथा सीमा पार करने पर प्रतीक्षा समय में कमी. इससे शेंगेन क्षेत्र में आने-जाने वाले यात्रियों की गतिविधियों के बारे में अधिक सटीक और विश्वसनीय डेटा रखा जा सकेगा. साथ ही ऐसे व्यक्तियों की पहचान में सुविधा प्रदान करना जो अपने प्रवास की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं या अब पूरा नहीं करते हैं.

दायरा: ईईएस उन सभी तीसरे देश के नागरिकों पर लागू होगा जो शेंगेन क्षेत्र में अल्प प्रवास (किसी भी 180 दिनों में 90 दिनों तक) के लिए आ रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें वीजा की आवश्यकता है और वे भी जिन्हें वीजा की आवश्यकता नहीं है.

कार्यान्वयन: इस प्रणाली के 6 अक्टूबर 2024 तक चालू होने की उम्मीद है. इसका उपयोग शेंगेन सदस्य राज्यों की सभी बाहरी सीमा पार बिंदुओं पर किया जाएगा, जिसमें भूमि, समुद्र और हवाई सीमाएं शामिल हैं.

डेटा प्रतिधारण: ईईएस द्वारा एकत्रित डेटा उन लोगों के लिए तीन साल तक संग्रहीत किया जाएगा जो नियमों का पालन करते हैं, और उन लोगों के लिए पांच साल तक जो निर्धारित समय से अधिक समय तक वहां रहते हैं.

अंतर-संचालनीयता: ईईएस अन्य यूरोपीय संघ सूचना प्रणालियों जैसे वीजा सूचना प्रणाली (VIS) और शेंगेन सूचना प्रणाली (SIS) के साथ मिलकर काम करेगा जिससे सीमा प्रबंधन के लिए एक व्यापक और समन्वित दृष्टिकोण प्रदान किया जा सके. बता दें कि यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली, यूरोपीय संघ द्वारा अपनी बाह्य सीमाओं को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, सुरक्षा बढ़ाने तथा वैध यात्रा को सुविधाजनक बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति है. साथ ही यूरोप विश्व स्तर पर सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जो ऐतिहासिक शहरों और सांस्कृतिक स्थलों से लेकर आश्चर्यजनक प्राकृतिक परिदृश्य और जीवंत नाइटलाइफ तक विविध प्रकार के अनुभव प्रदान करता है.

ये भी पढ़ें - भारत-जापान WHO की 77वीं बैठक में शामिल, स्वास्थ्य सहयोग बढ़ाने पर हुए सहमत

नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने और यूरोप यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए यूरोपीय संघ इस वर्ष 6 अक्टूबर से अपनी प्रवेश और निकास प्रणाली (EES) शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली (EES) यूरोपीय संघ की एक नई पहल है जिसका उद्देश्य सीमा सुरक्षा को मजबूत करना तथा शेंगेन क्षेत्र में प्रवेश करने और वहां से जाने वाले यात्रियों के प्रबंधन में सुधार करना है. नया नियम अल्प-प्रवास आवश्यकताओं वाले गैर-यूरोपीय संघ नागरिकों की आवाजाही को विनियमित करेगा.

यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली क्या है

उद्देश्य: यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली (EES) को सुरक्षा बढ़ाने, अनियमित प्रवासन से निपटने और तीसरे देश के नागरिकों के प्रवेश के अलावा निकास और प्रवेश से इनकार को सटीक रूप से रिकॉर्ड करने और ट्रैक करने के माध्यम से शेंगेन क्षेत्र की अखंडता की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

कार्यक्षमता: यह प्रणाली तीसरे देश के नागरिकों के बायोमेट्रिक डेटा (जैसे उंगलियों के निशान और चेहरे की छवि) और अल्फ़ान्यूमेरिक डेटा (जैसे नाम, यात्रा दस्तावेज का प्रकार और प्रवेश/निकास की तारीख) को पंजीकृत करेगी. यह पासपोर्ट पर मैन्युअल रूप से मुहर लगाने की वर्तमान पद्धति के स्थान पर एक स्वचालित प्रक्रिया लागू करेगा जो अधिक तीव्र और विश्वसनीय होगी.

लाभ: नए नियम के लाभों में शामिल हैं - वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने वाले व्यक्तियों का बेहतर पता लगाना, सीमा नियंत्रण प्रक्रियाओं में सुधार तथा सीमा पार करने पर प्रतीक्षा समय में कमी. इससे शेंगेन क्षेत्र में आने-जाने वाले यात्रियों की गतिविधियों के बारे में अधिक सटीक और विश्वसनीय डेटा रखा जा सकेगा. साथ ही ऐसे व्यक्तियों की पहचान में सुविधा प्रदान करना जो अपने प्रवास की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं या अब पूरा नहीं करते हैं.

दायरा: ईईएस उन सभी तीसरे देश के नागरिकों पर लागू होगा जो शेंगेन क्षेत्र में अल्प प्रवास (किसी भी 180 दिनों में 90 दिनों तक) के लिए आ रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें वीजा की आवश्यकता है और वे भी जिन्हें वीजा की आवश्यकता नहीं है.

कार्यान्वयन: इस प्रणाली के 6 अक्टूबर 2024 तक चालू होने की उम्मीद है. इसका उपयोग शेंगेन सदस्य राज्यों की सभी बाहरी सीमा पार बिंदुओं पर किया जाएगा, जिसमें भूमि, समुद्र और हवाई सीमाएं शामिल हैं.

डेटा प्रतिधारण: ईईएस द्वारा एकत्रित डेटा उन लोगों के लिए तीन साल तक संग्रहीत किया जाएगा जो नियमों का पालन करते हैं, और उन लोगों के लिए पांच साल तक जो निर्धारित समय से अधिक समय तक वहां रहते हैं.

अंतर-संचालनीयता: ईईएस अन्य यूरोपीय संघ सूचना प्रणालियों जैसे वीजा सूचना प्रणाली (VIS) और शेंगेन सूचना प्रणाली (SIS) के साथ मिलकर काम करेगा जिससे सीमा प्रबंधन के लिए एक व्यापक और समन्वित दृष्टिकोण प्रदान किया जा सके. बता दें कि यूरोपीय प्रवेश/निकास प्रणाली, यूरोपीय संघ द्वारा अपनी बाह्य सीमाओं को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, सुरक्षा बढ़ाने तथा वैध यात्रा को सुविधाजनक बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति है. साथ ही यूरोप विश्व स्तर पर सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जो ऐतिहासिक शहरों और सांस्कृतिक स्थलों से लेकर आश्चर्यजनक प्राकृतिक परिदृश्य और जीवंत नाइटलाइफ तक विविध प्रकार के अनुभव प्रदान करता है.

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