किशनगढ़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को एक दिवसीय किशनगढ़ यात्रा पर रहे. इंडियन एयरफोर्स के विशेष विमान से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुंचे. राजस्थान केंद्रीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तेजाजी महाराज की निर्वाण स्थली सुरसुरा धाम में दर्शन कर पूजा-अर्चना की.
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में विकसित भारत में उच्च शिक्षा की भूमिका पर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों से उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संवाद किया. उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के मिशन की सराहना करता हूं. 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की दिशा में देश एक मैराथन मार्च पर है और इस यात्रा में उच्च शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि आप इस मैराथन में ड्राइवर की सीट पर हैं और इसके प्रमुख हितधारक हैं. ऐसे में आपकी भागीदारी अनिवार्य है. विकसित भारत के इस यज्ञ में हर भारतीय को अपनी आहुति देनी होगी.
We have to always keep the nation above self interest, political interest. किसी भी हालत में हम दुश्मन के इंट्रेस्ट को promote नहीं कर सकते हैं।
— Vice-President of India (@VPIndia) September 13, 2024
दुखद विषय है कि अपने में से कुछ भटके हुए लोग संविधान की शपथ के बावजूद भारत मां को पीड़ा दे रहे हैं।
राष्ट्रवाद के साथ समझौता कर रहे… pic.twitter.com/wJ1pWPS9gB
विकसित भारत के लिए शिक्षा जरूरी : उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किताबों से परे है और यह समाज में परिवर्तन लाने वाला सबसे प्रभावशाली परिवर्तनकारी तंत्र है. शिक्षा समानता लाती है. शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री प्राप्त करना नहीं है. शिक्षा के प्रसार के बिना हम 2047 के विकसित भारत की कल्पना नहीं कर सकते. उन्होंने आग्रह किया कि हर दिन सीखने का दिन होना चाहिए. हर दिन हमें औपचारिक शिक्षा से परे कुछ जोड़ना चाहिए और आपको परस्पर संपर्क पैदा करना चाहिए.
इशारों मे साधा निशाना : धनखड़ ने कहा कि भटके हुए कुछ लोग देश को बदनाम कर रहे हैं. भारत माता को पीड़ा दे रहे हैं. विदेशों में जाकर देश की छवि धूमिल कर रहे हैं. दुश्मनों से मिल रहे हैं. भगवान उनको सद्बुद्धि दे. संवैधानिक पद पर एक ऐसा आदमी बैठा है, जिसे देशहित का ध्यान नहीं है.
मां के नाम पर पेड़ लगाएं : उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको पता है कि धरती के अलावा हमारे पास रहने की कोई दूसरी जगह है ही नहीं. हमें इसे बनाए रखना है. जलवायु परिवर्तन को शामिल करना है. आज मैंने प्रवेश करते ही एक पेड़ लगाया. प्रधानमंत्री का आह्वान था "मां के नाम एक पेड़" मैं हर विद्यार्थी से अपील करता हूं कि आपके परिसर का भौगोलिक आयाम बहुत बड़ा है. हर कोई एक पेड़ लगाए. उन्होंने कहा कि अवसरों की संख्या बढ़ती जा रही है और युवा इसके बारे में जागरूक नहीं हैं. उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि कृपया अपनी आंखें खोलें और उपलब्ध अवसरों को देखें. उन्होंने इसरो का उदाहरण दिया, जहां कोई भी आईआईएम या आईआईटी से नहीं है लेकिन फिर भी इसरो की सफलता हमारी सोच से कहीं परे है.
हम किसी भी रंग के हों, किसी भी धर्म के हों, किसी भी जाति के हों, किसी भी संस्कृति के हों,
— Vice-President of India (@VPIndia) September 13, 2024
हम साथ हैं,
हम एक हैं! @CURajasthan pic.twitter.com/wGBnZGniDP
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राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने अभिभाषण में कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात है कि हमें एक महान नेता, धरतीपुत्र और निष्ठावान व्यक्ति के स्वागत का अवसर मिला है. उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि आपके मार्गदर्शन से हमें शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा 2047 तक विकसित भारत में योगदान देने की प्रेरणा मिलेगी.
इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉक्टर सुदेश धनखड़ किशनगढ़ स्थित सुरसुरा वीर तेजाजी महाराज की निर्माण स्थली पर पहुंचे और तेजाजी महाराज का आशीर्वाद लिया. मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने दंपती का माला पहनाकर स्वागत किया. इस मौके पर बीजेपी के मंत्री और पदाधिकारी भी मौजूद रहे. करीब 15 मिनट तेजाजी महाराज के मंदिर में उपराष्ट्रपति रहे.