ETV Bharat / bharat

उपराष्ट्रपति धनखड़ का बड़ा बयान, बोले- अंदर और बाहर कुछ ऐसी ताकतें, जो देश को विभाजित कर रही हैं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयपुर में कहा कि देश में कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो देश को खंडित कर रही हैं.

vice president jagdeep dhankhar
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 16 hours ago

जयपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण किया. इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल सहित उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मौजूद रहे. इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में आर्थिक विकास हो रहा है. एक समय हमारी अर्थव्यवस्था डगमगा रही थी, लेकिन अब दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है. हालांकि कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो देश को खंडित कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता ग्रामीण परिपेक्ष से जाता है और हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि प्रति व्यक्ति आय किस तरह बढ़ाई जाए क्योंकि विकसित भारत के निर्माण में जरूरी है कि प्रति व्यक्ति आय आठ गुणा बढ़े. धनखड़ ने यह भी कहा कि हम राष्ट्रवाद से समझौता नहीं कर सकते क्योंकि हम भारतीय हैं. देश में कुछ ऐसी तकते हैं जो देश को खंडित करने का काम कर रही है. भारत की प्रगति उनसे बर्दाश्त नहीं हो रही है. भारत और भारतीय संस्कृति को सुनियोजित तरीके से अपमानित किया जा रहा है.

पढ़ें: उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा- 'जॉब सीकर' बनने की बजाय 'जॉब क्रिएटर्स' बनें

शिक्षा और कौशल दोनों ही जरूरी: उपराष्ट्रपति ने कहा कि लघु और कुटीर उद्योग को लेकर भारत सरकार का मंत्रालय काम कर रहा है. कौशल मनुष्य को तपस्वी बनाती है. शिक्षा और कौशल दोनों ही जरूरी है. डिग्री लेने पर कुछ नहीं होता यदि आप किसी काम में कौशल रखते हैं, तो आप समाज में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम उन वस्तुओं का बाहर से आयात कर रहे हैं जो देश में निर्मित हो रही हैं. स्वदेशी का अर्थ है वोकल फॉर लोकल.

पढ़ें: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- पहला सुख निरोगी काया, चिकित्सकों से की ये अपील

विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ा: उन्होंने कहा कि मैंने 35 सालों में देखा है कि विदेशी मुद्रा भंडार की क्या अहमियत होती है. आज भारतीय विदेशी मुद्रा का भंडार 700 मिलियन डॉलर हो चुका है. जबकि एक समय सिर्फ एक मिलियन डॉलर था. अगर हम आर्थिक रूप से सक्षम हो गए और यदि संस्कार नहीं होंगे तो क्या होगा. संस्कारों का सृजन जरूरी है. हम आर्थिक आवश्यकताओं में इतने व्यस्त हो जाते हैं की हम बच्चों में संस्कार और नैतिकता का निर्माण ही नहीं कर पाते. राजस्थान में बड़ा परिवर्तन तब आएगा, जब ऐसे कौशल केंद्र हर जिले में होंगे और इससे जुड़ा निर्माण अतिशीघ्र शुरू होना चाहिए.

पढ़ें: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्कर में राष्ट्रीय जाट महा अधिवेशन में की शिरकत, बोले- मैं किसानों का सिपाही

अमेरिका और जर्मनी का मॉडल नहीं चलेगा: वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने कहा कि राजस्थान के युवा अपने कौशल के लिए परेशान रहते थे. उनके लिए लघु उद्योग भारती द्वारा कौशल विकास केंद्र बनाया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में अमेरिका और जर्मनी का मॉडल नहीं चलेगा. क्योंकि वह देश कृषि पर आधारित नहीं है. हमारे देश में 60 से 65 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित है. हमारे युवा 12 से 15 हजार की नौकरियों के लिए शहर छोड़कर अन्य जगह जा रहे हैं. विकास का यह मॉडल हमारे देश के लिए सही नहीं है. उनके गांव के पास उन्हें रोजगार मिलना चाहिए. ताकि वह अपने परिवार के पास अच्छे से जीवनयापन कर सके.

जयपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण किया. इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल सहित उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मौजूद रहे. इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में आर्थिक विकास हो रहा है. एक समय हमारी अर्थव्यवस्था डगमगा रही थी, लेकिन अब दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है. हालांकि कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो देश को खंडित कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता ग्रामीण परिपेक्ष से जाता है और हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि प्रति व्यक्ति आय किस तरह बढ़ाई जाए क्योंकि विकसित भारत के निर्माण में जरूरी है कि प्रति व्यक्ति आय आठ गुणा बढ़े. धनखड़ ने यह भी कहा कि हम राष्ट्रवाद से समझौता नहीं कर सकते क्योंकि हम भारतीय हैं. देश में कुछ ऐसी तकते हैं जो देश को खंडित करने का काम कर रही है. भारत की प्रगति उनसे बर्दाश्त नहीं हो रही है. भारत और भारतीय संस्कृति को सुनियोजित तरीके से अपमानित किया जा रहा है.

पढ़ें: उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा- 'जॉब सीकर' बनने की बजाय 'जॉब क्रिएटर्स' बनें

शिक्षा और कौशल दोनों ही जरूरी: उपराष्ट्रपति ने कहा कि लघु और कुटीर उद्योग को लेकर भारत सरकार का मंत्रालय काम कर रहा है. कौशल मनुष्य को तपस्वी बनाती है. शिक्षा और कौशल दोनों ही जरूरी है. डिग्री लेने पर कुछ नहीं होता यदि आप किसी काम में कौशल रखते हैं, तो आप समाज में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम उन वस्तुओं का बाहर से आयात कर रहे हैं जो देश में निर्मित हो रही हैं. स्वदेशी का अर्थ है वोकल फॉर लोकल.

पढ़ें: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- पहला सुख निरोगी काया, चिकित्सकों से की ये अपील

विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ा: उन्होंने कहा कि मैंने 35 सालों में देखा है कि विदेशी मुद्रा भंडार की क्या अहमियत होती है. आज भारतीय विदेशी मुद्रा का भंडार 700 मिलियन डॉलर हो चुका है. जबकि एक समय सिर्फ एक मिलियन डॉलर था. अगर हम आर्थिक रूप से सक्षम हो गए और यदि संस्कार नहीं होंगे तो क्या होगा. संस्कारों का सृजन जरूरी है. हम आर्थिक आवश्यकताओं में इतने व्यस्त हो जाते हैं की हम बच्चों में संस्कार और नैतिकता का निर्माण ही नहीं कर पाते. राजस्थान में बड़ा परिवर्तन तब आएगा, जब ऐसे कौशल केंद्र हर जिले में होंगे और इससे जुड़ा निर्माण अतिशीघ्र शुरू होना चाहिए.

पढ़ें: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्कर में राष्ट्रीय जाट महा अधिवेशन में की शिरकत, बोले- मैं किसानों का सिपाही

अमेरिका और जर्मनी का मॉडल नहीं चलेगा: वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने कहा कि राजस्थान के युवा अपने कौशल के लिए परेशान रहते थे. उनके लिए लघु उद्योग भारती द्वारा कौशल विकास केंद्र बनाया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में अमेरिका और जर्मनी का मॉडल नहीं चलेगा. क्योंकि वह देश कृषि पर आधारित नहीं है. हमारे देश में 60 से 65 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित है. हमारे युवा 12 से 15 हजार की नौकरियों के लिए शहर छोड़कर अन्य जगह जा रहे हैं. विकास का यह मॉडल हमारे देश के लिए सही नहीं है. उनके गांव के पास उन्हें रोजगार मिलना चाहिए. ताकि वह अपने परिवार के पास अच्छे से जीवनयापन कर सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.