बेंगलुरु: वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने गुरुवार को बी नागेंद्र की ईडी कस्टडी और पांच दिनों (22 जुलाई) तक के लिए बढ़ा दी है. कोर्ट ने 18 जुलाई को यह आदेश दिया है.कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम लिमिटेड में अवैध मामले के सिलसिले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की ईडी कस्टडी 18 जून को समाप्त हो रही थी.
ईडी की हिरासत समाप्त होने के बाद, अनुसूचित जनजाति कल्याण और युवा एवं खेल के पूर्व मंत्री नागेंद्र को आज जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया. बता दें कि, मामले में 12 जुलाई को सुबह-सुबह ईडी के अधिकारियों ने नागेंद्र के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास पर पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर किया था. वहीं, 13 जुलाई को उन्हें संपीगेहल्ली में जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया और 18 जुलाई तक हिरासत में भेज दिया गया.
बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि निगम के खाते से अवैध रूप से स्थानांतरित किए गए करोड़ों रुपये का इस्तेमाल पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान शराब और कार खरीदने में किया गया था. आरोपों के प्रकाश में आने के बाद बी नागेंद्र ने 6 जून को अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
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विधायक बसनगौड़ा दद्दाल ईडी के समक्ष पेश हुए
वाल्मीकि विकास निगम के अध्यक्ष और रायचूर विधायक बसनगौड़ा दद्दाल वाल्मीकि विकास निगम में अवैध धन हस्तांतरण के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के समक्ष गुरुवार को पेश हुए. ईडी अधिकारियों द्वारा सुनवाई में शामिल होने का नोटिस जारी करने के बाद सुनवाई में शामिल नहीं हुए बसनगौड़ा दद्दाल पहले दिन मानसून विधानसभा सत्र में शामिल हुए. उन्हें तीन बार ईडी का नोटिस जारी किया जा चुका है.
पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की गिरफ्तारी के बाद खबर आई कि बसनगौड़ा दद्दाल संपर्क में नहीं हैं. सत्र में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला. बसनगौड़ा दद्दाल ने गवाही दी कि वे लापता भी नहीं हैं. बसनगौड़ा दद्दाल गुरुवार दोपहर बेंगलुरु के शांतिनगर स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित हुए. कुछ दिन पहले ईडी अधिकारियों ने मामले के सिलसिले में रायचूर विधायक बसनगौड़ा ददल और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र के आवासों पर एक ही दिन छापेमारी की थी.
क्या है मामला?
वाल्मीकि विकास निगम के अधीक्षक चंद्रशेखरन ने कुछ महीने पहले शिवमोग्गा में आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने एक नोट में निगम से करोड़ों रुपये अवैध रूप से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है. साथ ही फंड ट्रांसफर में अनियमितता का आरोप लगाया गया है.
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