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हिमाचल के आर्थिक संकट से उलट उत्तराखंड ने पाई ये बड़ी उपलब्धि, आंकड़ों ने दोगुनी जीडीपी के दिए संकेत - Uttarakhand GSDP growth

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Uttarakhand GSDP growth, McKenzie Global Company in Uttarakhand उत्तराखंड के आर्थिक आंकड़ों में सुधार होता जा रहा है. पर्यटन पॉलिसी के साथ ऊर्जा, कृषि के क्षेत्र में उठाये गये महत्वपूर्ण कदम इसका कारण हैं. साल 2022 के दौरान उत्तराखंड की GSDP 2.75 लाख करोड़ थी, वो अब बढ़कर 1.3 गुना यानी करीब 3.45 लाख करोड़ तक पहुंच गई है.

UTTARAKHAND GSDP GROWTH
उत्तराखंड की जीएसडीपी (ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड एक सटीक विजन और कार्य योजना की बदौलत अपने लक्ष्यों को हासिल कर रहा है. ताजा आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि पड़ोसी राज्य हिमाचल के वित्तीय संकट से उलट उत्तराखंड ने खुद को आर्थिक मोर्चे पर मजबूत किया है. प्रदेश ने ये उपलब्धि दो साल पहले लिए गए उस फैसले की बदौलत हासिल की है, जिसके तहत राज्य सरकार ने ग्लोबल कंपनी को हायर कर GDP दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था. सरकार मानती है कि मैकेंजी ग्लोबल के प्रोजेक्ट की बदौलत 2 साल से भी कम वक्त में राज्य इस उपलब्धि के करीब पहुंच गया है.

आर्थिक संकट में कई राज्य, उत्तराखंड की GSDP में उछाल: देश में कई राज्य इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. उधर उत्तराखंड भी हमेशा वित्तीय दबाव वाले राज्यों में से एक रहा है, लेकिन इन दिनों राज्य सरकार आर्थिक मोर्चे पर खुद के मजबूत होने का दावा कर रही है. उत्तराखंड में GDP को लेकर उछाल आने का ये दावा उस समय किया जा रहा है जब पड़ोसी राज्य हिमाचल आर्थिक संकट को लेकर देश भर में चर्चाओं में है. कहा जा रहा है कि हिमाचल सरकार की नीतियों के कारण इस पहाड़ी प्रदेश पर अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक संकट आया है. यही नहीं पहली बार हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पाई है.

हिमाचल आर्थिक संकट के बीच चर्चाओं में उत्तराखंड: हिमाचल से हमेशा ही उत्तराखंड की तुलना की जाती है. पहाड़ी राज्य होने के नाते इस मामले में हिमाचल को उत्तराखंड से अव्वल रखा जाता है, लेकिन इस बार स्थितियां ठीक उलट नजर आ रही हैं. एक तरफ जब हिमाचल की आर्थिक मंदी वित्तीय जानकारों की जुबान पर है, तो दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार ने अपनी जीडीपी में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद जतायी है. राज्य सरकार ने इस सबके लिए अपनी नियोजित योजनाओं को वजह बताया है, जिनपर पिछले करीब 2 सालों से सरकार काम कर रही है.

2 साल में 1.3 गुना बढ़ी उत्तराखंड की GSDP: राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनी को हायर करते हुए राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था. साल 2022 से इस पर काम शुरू हुआ. अब करीब 2 साल के भीतर कुछ परिणाम भी सामने आने लगे हैं. इस तरह 2022 के दौरान उत्तराखंड की GSDP जो 2.75 लाख करोड़ थी वो अब 1.3 गुना यानी करीब 3.45 लाख करोड़ तक पहुंच गई है.

5 साल से पहले ही पूरा किया लक्ष्य: उत्तराखंड सरकार में नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम कहते हैं वैसे तो राज्य सरकार ने साल 2027 तक यानी 5 साल के भीतर जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन करीब 2 साल में ही सरकार अपने इस लक्ष्य के करीब है. फिलहाल पौने दो साल में ही राज्य 1.3 GSDP लक्ष्य को पा चुका है. अभी इस पर स्टडी की जा रही है कि GDP में कुछ हाल के पीछे कौन-कौन से सेक्टर कारण बने हैं.

मैकेंजी ग्लोबल उत्तराखंड में तैयार कर रही योजनाएं: राज्य में मैकेंजी ग्लोबल 20 से ज्यादा सेक्टर में योजनाओं को तैयार कर रहा है. इसमें पर्यटन पॉलिसी के साथ ऊर्जा सेक्टर और कृषि के क्षेत्र में भी बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. सरकार का दावा है कि मैकेंजी ग्लोबल की बदौलत राज्य में कई बड़े उद्योगों को भी लाने में कामयाबी हासिल हुई है. कृषि के क्षेत्र में फिलहाल एप्पल मिशन पर काम चल रहा है. राज्य सरकार भी इसे मंजूरी दे चुकी है. इसके चलते करीब 5,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सेब, कीवी की बागवानी 2030 तक हो सकेगी. राज्य सरकार मिलेट्स और एरोमेटिक प्लांट्स की योजना पर भी काम कर रही है. इस क्षेत्र में इसी महीने होने वाली कैबिनेट में भी कुछ जरूरी प्रस्ताव आने की उम्मीद है.

मैकेंजी ग्लोबल के जरिए अब तक करीब 37 पॉलिसी पर काम किया गया है. इन सभी पर जल्द ही विभागीय स्तर से कार्य आगे बढ़ने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि कई सेक्टर में शुरुआती काम हो चुके हैं. जिसका प्राथमिक परिणाम जीएसडीपी (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) में बड़े उछाल के रूप में देखा जा सकता है.

ये सेक्टर बने GSDP में बढ़ोत्तरी की वजह, यहां इतना हुआ काम

  • उत्तराखंड में 900 करोड़ रुपए पर्यटन की नई पॉलिसी के तहत इन्वेस्ट हुए हैं. नई पॉलिसी के तहत ही 720 आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं.
  • सर्विस सेक्टर में 3000 करोड़ के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं, जिनको आगे बढ़ाया जा रहा है.
  • एप्पल मिशन में 200 एकड़ में सेब के बगीचे तैयार करने पर काम शुरू हो चुका है. इसमें करीब 500 किसान जुड़ चुके हैं. इसमें 2030 तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब के बाग तैयार करने का लक्ष्य है.
  • इसी तरह कीवी के क्षेत्र में भी 3500 हेक्टेयर का लक्ष्य तय है. मिलेट्स में 30,000 हेक्टेयर का टारगेट तय किया गया है.
  • एरोमैटिक प्लांट्स में 5 अरोमा विकसित किए जा रहे हैं. 2032 तक 10,000 हेक्टेयर पर इसके लिए काम शुरू किया जाना है.


75 करोड़ की लागत से हायर की गई थी कंपनी: फिलहाल ग्लोबल मैकेंजी के स्तर पर दिए गए परामर्श के बाद तैयार की गई पॉलिसी के चलते कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सेक्टर हैं, जिनके कारण राज्य की जीएसडीपी में बढ़ोत्तरी होने की बात कही गई है. इसमें खास तौर पर पावर सेक्टर, manufacturing, कृषि और पर्यटन सेक्टर का अहम रोल माना जा रहा है. साल 2022 में मैकेंजी ग्लोबल को राज्य सरकार ने हायर किया. इसे कुल 75 करोड़ की लागत में 2 साल के लिए परामर्श एजेंसी के रूप में काम दिया गया है. खास बात यह है कि पॉलिसी बनाने से जुड़ा अधिकतर काम पूरा हो चुका है. अब विभागों को तैयार की गई नई पॉलिसी के अनुसार आगे काम करना है.

उधर वित्तीय मामलों के जानकार कहते हैं कि उत्तराखंड में ऐसे कुछ महत्वपूर्ण सेक्टर हैं, जिनमें काफी संभावनाएं हैं. इन सेक्टर पर सरकार का फोकस करना राज्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. जहां तक राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का सवाल है, तो इसमें अभी और भी ज्यादा बढ़ोत्तरी की संभावना है, जिसे राज्य सरकार के निर्णय बेहद अच्छी स्थिति में पहुंचा सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड एक सटीक विजन और कार्य योजना की बदौलत अपने लक्ष्यों को हासिल कर रहा है. ताजा आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि पड़ोसी राज्य हिमाचल के वित्तीय संकट से उलट उत्तराखंड ने खुद को आर्थिक मोर्चे पर मजबूत किया है. प्रदेश ने ये उपलब्धि दो साल पहले लिए गए उस फैसले की बदौलत हासिल की है, जिसके तहत राज्य सरकार ने ग्लोबल कंपनी को हायर कर GDP दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था. सरकार मानती है कि मैकेंजी ग्लोबल के प्रोजेक्ट की बदौलत 2 साल से भी कम वक्त में राज्य इस उपलब्धि के करीब पहुंच गया है.

आर्थिक संकट में कई राज्य, उत्तराखंड की GSDP में उछाल: देश में कई राज्य इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. उधर उत्तराखंड भी हमेशा वित्तीय दबाव वाले राज्यों में से एक रहा है, लेकिन इन दिनों राज्य सरकार आर्थिक मोर्चे पर खुद के मजबूत होने का दावा कर रही है. उत्तराखंड में GDP को लेकर उछाल आने का ये दावा उस समय किया जा रहा है जब पड़ोसी राज्य हिमाचल आर्थिक संकट को लेकर देश भर में चर्चाओं में है. कहा जा रहा है कि हिमाचल सरकार की नीतियों के कारण इस पहाड़ी प्रदेश पर अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक संकट आया है. यही नहीं पहली बार हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पाई है.

हिमाचल आर्थिक संकट के बीच चर्चाओं में उत्तराखंड: हिमाचल से हमेशा ही उत्तराखंड की तुलना की जाती है. पहाड़ी राज्य होने के नाते इस मामले में हिमाचल को उत्तराखंड से अव्वल रखा जाता है, लेकिन इस बार स्थितियां ठीक उलट नजर आ रही हैं. एक तरफ जब हिमाचल की आर्थिक मंदी वित्तीय जानकारों की जुबान पर है, तो दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार ने अपनी जीडीपी में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद जतायी है. राज्य सरकार ने इस सबके लिए अपनी नियोजित योजनाओं को वजह बताया है, जिनपर पिछले करीब 2 सालों से सरकार काम कर रही है.

2 साल में 1.3 गुना बढ़ी उत्तराखंड की GSDP: राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनी को हायर करते हुए राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था. साल 2022 से इस पर काम शुरू हुआ. अब करीब 2 साल के भीतर कुछ परिणाम भी सामने आने लगे हैं. इस तरह 2022 के दौरान उत्तराखंड की GSDP जो 2.75 लाख करोड़ थी वो अब 1.3 गुना यानी करीब 3.45 लाख करोड़ तक पहुंच गई है.

5 साल से पहले ही पूरा किया लक्ष्य: उत्तराखंड सरकार में नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम कहते हैं वैसे तो राज्य सरकार ने साल 2027 तक यानी 5 साल के भीतर जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन करीब 2 साल में ही सरकार अपने इस लक्ष्य के करीब है. फिलहाल पौने दो साल में ही राज्य 1.3 GSDP लक्ष्य को पा चुका है. अभी इस पर स्टडी की जा रही है कि GDP में कुछ हाल के पीछे कौन-कौन से सेक्टर कारण बने हैं.

मैकेंजी ग्लोबल उत्तराखंड में तैयार कर रही योजनाएं: राज्य में मैकेंजी ग्लोबल 20 से ज्यादा सेक्टर में योजनाओं को तैयार कर रहा है. इसमें पर्यटन पॉलिसी के साथ ऊर्जा सेक्टर और कृषि के क्षेत्र में भी बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. सरकार का दावा है कि मैकेंजी ग्लोबल की बदौलत राज्य में कई बड़े उद्योगों को भी लाने में कामयाबी हासिल हुई है. कृषि के क्षेत्र में फिलहाल एप्पल मिशन पर काम चल रहा है. राज्य सरकार भी इसे मंजूरी दे चुकी है. इसके चलते करीब 5,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सेब, कीवी की बागवानी 2030 तक हो सकेगी. राज्य सरकार मिलेट्स और एरोमेटिक प्लांट्स की योजना पर भी काम कर रही है. इस क्षेत्र में इसी महीने होने वाली कैबिनेट में भी कुछ जरूरी प्रस्ताव आने की उम्मीद है.

मैकेंजी ग्लोबल के जरिए अब तक करीब 37 पॉलिसी पर काम किया गया है. इन सभी पर जल्द ही विभागीय स्तर से कार्य आगे बढ़ने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि कई सेक्टर में शुरुआती काम हो चुके हैं. जिसका प्राथमिक परिणाम जीएसडीपी (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) में बड़े उछाल के रूप में देखा जा सकता है.

ये सेक्टर बने GSDP में बढ़ोत्तरी की वजह, यहां इतना हुआ काम

  • उत्तराखंड में 900 करोड़ रुपए पर्यटन की नई पॉलिसी के तहत इन्वेस्ट हुए हैं. नई पॉलिसी के तहत ही 720 आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं.
  • सर्विस सेक्टर में 3000 करोड़ के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं, जिनको आगे बढ़ाया जा रहा है.
  • एप्पल मिशन में 200 एकड़ में सेब के बगीचे तैयार करने पर काम शुरू हो चुका है. इसमें करीब 500 किसान जुड़ चुके हैं. इसमें 2030 तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब के बाग तैयार करने का लक्ष्य है.
  • इसी तरह कीवी के क्षेत्र में भी 3500 हेक्टेयर का लक्ष्य तय है. मिलेट्स में 30,000 हेक्टेयर का टारगेट तय किया गया है.
  • एरोमैटिक प्लांट्स में 5 अरोमा विकसित किए जा रहे हैं. 2032 तक 10,000 हेक्टेयर पर इसके लिए काम शुरू किया जाना है.


75 करोड़ की लागत से हायर की गई थी कंपनी: फिलहाल ग्लोबल मैकेंजी के स्तर पर दिए गए परामर्श के बाद तैयार की गई पॉलिसी के चलते कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सेक्टर हैं, जिनके कारण राज्य की जीएसडीपी में बढ़ोत्तरी होने की बात कही गई है. इसमें खास तौर पर पावर सेक्टर, manufacturing, कृषि और पर्यटन सेक्टर का अहम रोल माना जा रहा है. साल 2022 में मैकेंजी ग्लोबल को राज्य सरकार ने हायर किया. इसे कुल 75 करोड़ की लागत में 2 साल के लिए परामर्श एजेंसी के रूप में काम दिया गया है. खास बात यह है कि पॉलिसी बनाने से जुड़ा अधिकतर काम पूरा हो चुका है. अब विभागों को तैयार की गई नई पॉलिसी के अनुसार आगे काम करना है.

उधर वित्तीय मामलों के जानकार कहते हैं कि उत्तराखंड में ऐसे कुछ महत्वपूर्ण सेक्टर हैं, जिनमें काफी संभावनाएं हैं. इन सेक्टर पर सरकार का फोकस करना राज्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. जहां तक राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का सवाल है, तो इसमें अभी और भी ज्यादा बढ़ोत्तरी की संभावना है, जिसे राज्य सरकार के निर्णय बेहद अच्छी स्थिति में पहुंचा सकते हैं.

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