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उत्तराखंड की टूरिज्म सेक्टर में बड़ी उपलब्धि, चार गांवों को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार - Best Tourism Village Uttarakhand

Uttarakhand Best Tourism Village Award उत्तराखंड ने पर्यटन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उत्तराखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से नवाजा गया है. जिसमें उत्तरकाशी के जखोल गांव और हर्षिल शामिल हैं. जबकि, बागेश्वर का सूपी और पिथौरागढ़ का गुंजी गांव शामिल हैं. जिस पर सीएम धामी ने खुशी जताई है तो पर्यटन मंत्री ने विभाग की पीठ थपथपाई है.

Uttarakhand Best Tourism Village Award
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार (फोटो- X@DIPR_UK)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 27, 2024, 6:05 PM IST

Updated : Sep 27, 2024, 10:29 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): विश्व पर्यटन दिवस 2024 के मौके पर उत्तराखंड के चार गांवों को विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम (Best Tourism Village) के लिए पुरस्कृत किया गया. सभी गांवों के प्रतिनिधियों के साथ पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने यह पुरस्कार हासिल किया. यह समारोह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया.

उत्तराखंड के इन चार गांवों को किया गया सम्मानित: उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन श्रेणी में पुरस्कृत किया गया. जबकि, बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि एवं पर्यटन श्रेणी में पुरस्कार से नवाजा गया है. वहीं, पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव और उत्तरकाशी जिले के हर्षिल को वाईब्रेट विलेज श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ ग्रामों के रूप में पुरस्कृत किया गया.

उत्तराखंड के चार गांवों को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार (वीडियो- Ministry of Tourism/ETV Bharat)

उत्तरकाशी के जखोल गांव को क्यों मिला पुरस्कार? उत्तरकाशी स्थित जखोल में स्थानीय युवकों की ओर से विभिन्न साहसिक गतिविधियां (ट्रेकिंग) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है. यहां से कई प्रसिद्ध ट्रेक जिनमें केदारकांठा ट्रेक, गंगोत्री ग्लेशियर ट्रेक आदि संचालित किए जाते हैं. ट्रेक के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से बनाई नियमावलियों का ध्यान रखा जाता है.

इसके अलावा जखोल के पर्यटन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों की ओर से प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसके लिए एक वेस्ट कलेक्शन समिति का भी गठन किया गया है, जो सैलानियों और ग्रामीणों की मदद से ट्रेक मार्गों पर कचरा प्रबंधन का काम करती है.

बागेश्वर के सूपी गांव को पुरस्कार मिलने की वजह? बागेश्वर जिले के सूपी गांव को अपने कृषि संबंधी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया. सूपी में 7 होम स्टे हैं, जिनमें सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है. सरयू नदी के किनारे बसे इस गांव में विभिन्न प्रकार की कृषि संबंधी गतिविधियों को पर्यटकों के साथ साझा कर एक नए प्रकार के पर्यटन व्यवसाय को सृजित किया गया है. पिछले कुछ समय में सूपी में विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ा है. यह पर्यटक सूपी की वृहद सांस्कृतिक धरोहर से आकर्षित होकर यहां समय व्यतीत करते हैं.

उत्तरकाशी के हर्षिल को इस वजह से मिला पुरस्कार: उत्तरकाशी स्थित हर्षिल और पिथौरागढ़ के गुंजी को बेस्ट वाईब्रेंट विलेज से सम्मानित किया गया है. ग्राम सभा हर्षिल की ओर से क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए लामाटॉप और क्यारकोट ट्रेक संचालित किए जाते हैं. साथ ही राज्य सरकार की ओर से चलाई जा ही 'एक गांव एक उत्पाद' योजना के तहत स्थानीय ऊनी वस्त्रों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है.

इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के तहत विभिन्न स्थलों पर शौचालय निर्मित किए गए हैं. हर्षिल ग्राम सभा की ओर से दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास होम स्टे योजना और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाता है.

पिथौरागढ़ के सीमांत गांव गुंजी को पुरस्कार मिलने की वजह: इसी तरह पिथौरागढ़ जिले में स्थित गुंजी एक सीमांत गांव है, जहां से आदि कैलाश और ओम पर्वत (ॐ) की यात्रा संचालित की जाती है. गुंजी में पर्यटन विभाग की ओर से चलाई जा रही होम स्टे योजना के अंतर्गत विभिन्न होम स्टे संचालित किए जा रहे हैं.

सीएम धामी ने जताई खुशी: वहीं, इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताई है. सीएम धामी ने सभी गांवों के निवासियों का आभार जताया है. साथ ही भविष्य में इसी प्रकार के उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की ओर से विभागीय योजनाओं के सफल संचालन के लिए विभाग को बधाई दी. सभी अन्य ग्रामों को भी इसी प्रकार से पर्यटन रोजगार से जोड़ने के लिए दिशा-निर्देश दिए.

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उत्तराखंड के इन चार गांवों को किया गया सम्मानित: उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन श्रेणी में पुरस्कृत किया गया. जबकि, बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि एवं पर्यटन श्रेणी में पुरस्कार से नवाजा गया है. वहीं, पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव और उत्तरकाशी जिले के हर्षिल को वाईब्रेट विलेज श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ ग्रामों के रूप में पुरस्कृत किया गया.

उत्तराखंड के चार गांवों को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार (वीडियो- Ministry of Tourism/ETV Bharat)

उत्तरकाशी के जखोल गांव को क्यों मिला पुरस्कार? उत्तरकाशी स्थित जखोल में स्थानीय युवकों की ओर से विभिन्न साहसिक गतिविधियां (ट्रेकिंग) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है. यहां से कई प्रसिद्ध ट्रेक जिनमें केदारकांठा ट्रेक, गंगोत्री ग्लेशियर ट्रेक आदि संचालित किए जाते हैं. ट्रेक के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से बनाई नियमावलियों का ध्यान रखा जाता है.

इसके अलावा जखोल के पर्यटन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों की ओर से प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसके लिए एक वेस्ट कलेक्शन समिति का भी गठन किया गया है, जो सैलानियों और ग्रामीणों की मदद से ट्रेक मार्गों पर कचरा प्रबंधन का काम करती है.

बागेश्वर के सूपी गांव को पुरस्कार मिलने की वजह? बागेश्वर जिले के सूपी गांव को अपने कृषि संबंधी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया. सूपी में 7 होम स्टे हैं, जिनमें सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है. सरयू नदी के किनारे बसे इस गांव में विभिन्न प्रकार की कृषि संबंधी गतिविधियों को पर्यटकों के साथ साझा कर एक नए प्रकार के पर्यटन व्यवसाय को सृजित किया गया है. पिछले कुछ समय में सूपी में विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ा है. यह पर्यटक सूपी की वृहद सांस्कृतिक धरोहर से आकर्षित होकर यहां समय व्यतीत करते हैं.

उत्तरकाशी के हर्षिल को इस वजह से मिला पुरस्कार: उत्तरकाशी स्थित हर्षिल और पिथौरागढ़ के गुंजी को बेस्ट वाईब्रेंट विलेज से सम्मानित किया गया है. ग्राम सभा हर्षिल की ओर से क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए लामाटॉप और क्यारकोट ट्रेक संचालित किए जाते हैं. साथ ही राज्य सरकार की ओर से चलाई जा ही 'एक गांव एक उत्पाद' योजना के तहत स्थानीय ऊनी वस्त्रों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है.

इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के तहत विभिन्न स्थलों पर शौचालय निर्मित किए गए हैं. हर्षिल ग्राम सभा की ओर से दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास होम स्टे योजना और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाता है.

पिथौरागढ़ के सीमांत गांव गुंजी को पुरस्कार मिलने की वजह: इसी तरह पिथौरागढ़ जिले में स्थित गुंजी एक सीमांत गांव है, जहां से आदि कैलाश और ओम पर्वत (ॐ) की यात्रा संचालित की जाती है. गुंजी में पर्यटन विभाग की ओर से चलाई जा रही होम स्टे योजना के अंतर्गत विभिन्न होम स्टे संचालित किए जा रहे हैं.

सीएम धामी ने जताई खुशी: वहीं, इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताई है. सीएम धामी ने सभी गांवों के निवासियों का आभार जताया है. साथ ही भविष्य में इसी प्रकार के उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की ओर से विभागीय योजनाओं के सफल संचालन के लिए विभाग को बधाई दी. सभी अन्य ग्रामों को भी इसी प्रकार से पर्यटन रोजगार से जोड़ने के लिए दिशा-निर्देश दिए.

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Last Updated : Sep 27, 2024, 10:29 PM IST
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