मोरन (असम): सोनारी में प्रतिबंधित उल्फा आई को कथित रूप से फंडिंग करने के आरोप में तीन लिंकमैन को गिरफ्तार किया गया है. असम राइफल्स ने तीनों को अरुणाचल प्रदेश के कनुबारी से पकड़ा और सोनारी पुलिस को सौंप दिया. पकड़े गए लोगों की पहचान नागालैंड के नकजन स्लम के संजय डे, सुजीत डे और ताजवांग कन्याक के रूप में की गई है.
गौरतलब है कि कई मौकों पर यह बात सामने आई है कि उल्फा (आई) विभिन्न कंपनियों के तहत चलने वाले ज्यादातर चाय बागानों खासकर डिब्रूगढ़, ऊपरी असम में तिनसुकिया और चराइदेव से भारी मात्रा में जबरन वसूली करता रहा है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि दावा की गई राशि कुछ विशिष्ट संपर्ककर्ताओं के माध्यम से एकत्र की गई है.
असम पुलिस उल्फा (आई) की गतिविधियों को रोकने में लगी है. इसी के तहत असम राइफल्स ने चराइदेव की सीमा से लगे कनुबारी में ऐसे तीन लिंकमेन को गिरफ्तार किया है.
दूसरी ओर, गोलाघाट के एक युवक को असम राइफल्स ने एक दिन पहले नागालैंड के मोन में गिरफ्तार किया था, जब वह म्यांमार स्थित उल्फा (आई) में शामिल होने जा रहा था. असम राइफल्स द्वारा हिरासत में लिए गए युवक की पहचान गोलाघाट मेरापानी के उदयपुर के मुनींद्र दास के रूप में की गई. असम राइफल्स ने पहले ही युवक को चराइदेव पुलिस को सौंप दिया है.
गौरतलब है कि सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उल्फा (वार्ता समर्थक गुट) को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया था. लेकिन परेश बरुआ के नेतृत्व में उल्फा (आई) अभी भी अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बार-बार परेश बरुआ से बातचीत की मेज पर आने का अनुरोध किया है लेकिन यह प्रक्रिया अब तक सफल नहीं हुई है.