दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू यानि घर वापस आइए अभियान को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है. दंतेवाड़ा एसपी के सामने तीन हार्डकोर नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं. आतंक का रास्ता छोड़ने वाले तीनों नक्सली भैरमगढ़ और कटेकल्याण एरिया कमेटी में सक्रिय सदस्य रहे. नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लगातार मिल रही सफलता से फोर्स का फी खुश है. पुलिस की कोशिश है कि जल्द से जल्द माओवाद का खात्मा पूरे बस्तर से हो जाए. पुलिस उसके लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन भी रन कर रही है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की ओर से 25 - 25 हजार की आर्थिक मदद और पुनर्वास सुविधाएं दी गई.
लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर: सरकार की पुनर्वास नीति लगातार नक्सलियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. सरकार ने साफ कहा है कि जो लोग आतंक का रास्ता छोड़ देंगे उनको सरकार मुख्य धारा में शामिल होने का मौका जुरुर देगी. शासन की ओर से हथियार डालने वाले माओादियों को शासन की सुविधाएं भी दी जा रही हैं. नक्सलियों के बड़े नेताओं के शोषण से परेशान होकर भी कई नक्सली हथियार डाल चुके हैं. पुलिस अब माओवाद के खिलाफ प्रचार अभियान का भी सहारा ले रही है.
खत्म हो रहा नक्सलियों का फैलाया तिलिस्म: हथियार डालने वालों में हिड़मा सोड़ी शामिल है. हिड़मा जनताना सरकार कमेटी का सदस्य रहा. सोड़ी सुकमा के कूकानार का रहने वाला है. सरेंडर करने वालों में कोसा वेको भी शामिल है. कोसा स्कूलपारा थाना मिरतुर का रहने वाला है. कोसा वेको आरपीसी चेतना नाट्य मंच का सदस्य है. लंबे वक्त से वो नक्सली संगठन से जुड़ा रहा है. सरेंडर करने वाला तीसरा माओवादी भीमे ऊर्फ बबीता है. बबीता भी मिरतुर का रहने वाला है. भीमा बेचापाल आरपीसी जनताना सरकार में मिलिशिया प्लाटून सदस्य है. तीन नक्सली लंबे वक्त से सरेंडर करने का प्लान बना रहे थे. सरेंडर करने वाले नक्सली अपने बड़े नेताओं के शोषण से भी परेशान थे.