पटना : चुनावी साल में आरजेडी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में होने जा रही है. बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी, साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के चयन और लालू प्रसाद यादव की विरासत तेजस्वी यादव को सौंपने को लेकर भी चर्चाएं होने की संभावना है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लालू प्रसाद यादव परिवार में विवाद से बचने के लिए इस फैसले को टाल रहे हैं.
आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक: आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में 18 जनवरी को आयोजित होगी. यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसमें पार्टी की सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन की रणनीति बनाई जाएगी. इस बैठक में राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अनुपस्थिति पर भी चर्चा हो सकती है, क्योंकि वे लंबे समय से पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. इसके अलावा, बैठक में यह सवाल भी उठेगा कि लालू प्रसाद यादव अपनी राजनीतिक विरासत तेजस्वी को आधिकारिक रूप से सौंपेंगे या नहीं.
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय: राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का कहना है कि इस बैठक में लालू प्रसाद यादव की विरासत तेजस्वी को सौंपने की घोषणा पर सभी की नजर होगी. हालांकि, उनका मानना है कि लालू परिवार में विवाद से बचने के लिए यह कदम अभी टल सकता है. उनका कहना है कि तेजस्वी को पार्टी की कमान मिलने में वक्त लग सकता है.
''राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसलिए अभी महत्वपूर्ण है कि चुनावी साल है. सब की नजर इसी पर रहेगी कि लालू प्रसाद यादव आधिकारिक रूप से अपनी विरासत तेजस्वी को सौंपने की घोषणा करते हैं या नहीं? यह परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है. लेकिन लालू प्रसाद यादव लगातार यह कोशिश करते रहे हैं कि परिवार में विवाद ना हो शांति बना रहे. ऐसे में इस बार भी लालू प्रसाद यादव इस तरह की घोषणा करेंगे इसकी संभावना कम है. तेजस्वी को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है.''- सुनील पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
सत्ता पक्ष का तंज: राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले सत्ता पक्ष की ओर से तंज कसा जा रहा है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि ''राजद के पोस्टरों में लालू प्रसाद यादव को नजरअंदाज किया गया है''. उन्होंने सवाल उठाया कि ''क्या लालू प्रसाद यादव अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लायक नहीं हैं''. वहीं, जदयू ने यह भी सवाल किया कि ''क्या प्रदेश अध्यक्ष की अनुपस्थिति के चलते अन्य नेताओं को मौका मिलेगा.''
आरजेडी प्रवक्ता का बयान: आरजेडी प्रवक्ता अरुण यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव पहले से ही बिहार के मुख्यमंत्री के चेहरे और पार्टी के प्रमुख नेता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में तेजस्वी को सभी फैसले लेने के लिए अधिकृत किया जा चुका है.
''तेजस्वी तो पहले से ही बिहार की उम्मीद हैं, मुख्यमंत्री के चेहरा हैं, पार्टी के चेहरा हैं. पिछले राष्ट्रीय कार्य करने की बैठक में तेजस्वी यादव को सभी फैसला लेने के लिए भी अधिकृत किया जा चुका है.''- अरुण यादव, प्रवक्ता, आरजेडी
विधानसभा चुनाव की तैयारियां: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि तेजस्वी यादव को विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने हाल ही में कई अहम घोषणाएं की हैं, जैसे आधी आबादी को ढाई हजार रुपये देने और फ्री बिजली की घोषणा. हालांकि, महागठबंधन में कांग्रेस के साथ चल रहे विवाद के बीच, विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर विचार किया जाएगा.
बैठक में मुख्य मुद्दे: 18 जनवरी को पटना के एक होटल में आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास होंगे. इस बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई जाएगी और तेजस्वी यादव को विधानसभा चुनाव की कमान देने पर भी निर्णय हो सकता है. इसके साथ ही बिहार में महागठबंधन के तहत सरकार बनाने के संकल्प पर चर्चा होगी.
पोस्टर और पार्टी के संदेश: आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर पार्टी ने पटना में कई जगह पोस्टर लगाए हैं. इन पोस्टरों में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की तस्वीरें प्रमुख रूप से दिखाई दे रही हैं, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों की तस्वीरें गायब हैं. पार्टी के अंदरूनी मामलों पर सत्ता पक्ष ने सवाल उठाए हैं, लेकिन आरजेडी के नेता यह स्पष्ट करते हैं कि भले ही तेजस्वी को आधिकारिक रूप से पार्टी की कमान न मिली हो, लेकिन पार्टी के सारे फैसले उन्हीं की सहमति से हो रहे हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या लालू प्रसाद यादव अपनी विरासत को तेजस्वी को सौंपने का निर्णय लेते हैं या नहीं.
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