चेन्नई: तमिलनाडु की पर्वतारोही मुथमिज सेल्वी (Muthamizh Selvi) को चिली का वीजा मिलने में देरी के कारण उनकी अंटार्कटिका पर्वतारोहण योजना पर संकट आ गया है. बताया गया कि मुथमिज सेल्वी ने चिली के लिए वीजा के लिए आवेदन किया है. 10 अक्टूबर 2024 को उन्होंने मुंबई में चिली के वाणिज्य दूतावास में संबंधित आवेदन जमा किया और अगले दिन 11 अक्टूबर को वीजा इंटरव्यू में शामिल हुईं. चिली का वीजा आमतौर पर 30 दिनों के भीतर उपलब्ध हो जाता है, लेकिन उन्हें अभी तक वीजा नहीं मिल पाया है.
डीएमके सांसद टीआर बालू ने इस मुद्दे को विदेश मंत्री एस जयशंकर के समक्ष उठाया है. जयशंकर को लिखे पत्र में सांसद टीआर बालू ने कहा, "मुथमिल सेल्वी चेन्नई की पर्वतारोही हैं. उन्होंने हिमालय में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है और ऐसा करने वाली वह पहली महिला बनी हैं. उनकी इस बहादुरी के सम्मान में तमिलनाडु सरकार ने उन्हें 2023 में 'कल्पना चावला' पुरस्कार से सम्मानित किया है."
डीएमके सांसद ने कहा कि मुथमिल सेल्वी ने न केवल एवरेस्ट, बल्कि यूरोप, अफ्रीका, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया जैसे महाद्वीपों और देशों की सबसे ऊंची चोटियों पर भी चढ़ाई की है. इसके बाद, मुथमिल सेल्वी की अंटार्कटिका में पर्वतारोहण की योजना है और दिसंबर 2024 के दूसरे सप्ताह में वह इस नए प्रयास को अंजाम देने की योजना बना रही हैं.
पत्र में कहा गया कि ट्रैवल एजेंसी ने मुथमिज को सूचित किया है कि अगर वह योजना के अनुसार यात्रा पर नहीं जाती हैं, तो उन्हें यात्रा प्लानिंग पर खर्च की 52 लाख रुपये पूरी राशि से हाथ धोना पड़ेगा.
श्रीपेरुंबुदुर के सांसद ने बताया कि इसके बाद मुथमिज ने मदद के लिए उनसे संपर्क किया और अनुरोध किया कि वह उनकी चिली का वीजा दिलाने में मदद करेंगे. इसके बाद सांसद ने विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिखा, जिसमें अनुरोध किया गया है कि पर्वतारोही मुथमिज को जल्द से जल्द चिली का वीजा दिलाने के लिए उचित कार्रवाई की जाए.
सांसद ने कहा कि अगर मुथमिज का अंटार्कटिका में पर्वतारोहण सफल होता है, तो यह उनका छठा सफल प्रयास होगा और यह तमिलनाडु और भारत के लिए गौरव की बात होगी.