नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डिफॉल्ट जमानत से संबंधित सत्येंद्र जैन की याचिका पर फैसला करने का काम दिल्ली हाईकोर्ट पर छोड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि जमानत की अर्जी को अनावश्यक रूप से स्थगित नहीं किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने कहा कि जमानत मामलों को अनावश्यक रूप से स्थगित नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट से अगली सुनवाई की तारीख पर जैन की याचिका पर फैसला करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट 28 मई को पारित हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नोटिस जारी करते हुए उनकी डिफॉल्ट जमानत याचिका को 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि उनका मुवक्किल स्थगन आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि, हाईकोर्ट छह सप्ताह का लंबा स्थगन नहीं दे सकता था. याचिका में दलील दी गई कि इसी तरह का मामला शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है और इसे उसके साथ जोड़ा जाना चाहिए.
जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि, चूंकि शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ कानून के बिंदु पर विचार कर रही है, इसलिए उसके लिए इस मामले से निपटना उचित नहीं होगा. पीठ ने कहा, 'यह कहने की जरूरत नहीं है कि जमानत प्रार्थनाएं अनावश्यक रूप से स्थगित नहीं की जाती हैं और इस प्रकार हम आशा करते हैं और भरोसा करते हैं कि उच्च न्यायालय मामले को अगली बार सूचीबद्ध होने पर फैसला लेगा.'
बता दें कि, मई में, दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था और उसे मामले पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. उच्च न्यायालय ने जेल से जैन का नाममात्र का रोल भी मांगा था और मामले को 9 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था.
मई 2022 में, ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन को गिरफ्तार किया था. सीबीआई की तरफ से दर्ज मामले में उन्हें 6 सितंबर, 2019 को एक ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी.
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