इंदौर: प्रयागराज कुंभ को लेकर देश और दुनिया भर में चर्चा है. वहीं, कुंभ को लेकर इन दिनों कैलाश खेर के गाने भी ट्रेंड कर रहे हैं. इंदौर में गुरुवार को इस स्थिति को लेकर कैलाश खेर ने कहा, ''यह उनका सौभाग्य है कि सदी के इतने बड़े आयोजन में उनके गाने चर्चा में हैं.''
दरअसल गुरुवार को कैलाश खेर अपनी निजी यात्रा के दौरान इंदौर पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रेसवार्ता में आध्यात्मिक और महाकुंभ पर खुलकर चर्चा की. कैलाश खेर ने कहा, ''वे इन दिनों धार्मिक और आध्यात्मिक गीत गा रहे हैं और उन्होंने खुद को भी इसी के लिए समर्पित कर दिया है.'' उन्होंने कहा, ''जीवन का आध्यात्मिक सार संगीत है जो समझ में आ गया है.''
'मुक्ति का धाम भारत है'
उन्होंने कहा, ''धर्म और आध्यात्मिक ही स्थाई है क्योंकि बाकी सब थोड़ी देर का है. जिन्होंने शरीर, आंख नाक आदि की सुंदरता पर गाने गए हैं, वह सब उन अंगों की तरह ही मरघट में जल गए. क्योंकि जो जलता और गलता नहीं है वह आपका पुरुषार्थ और सत्कर्म हैं.'' कैलाश खेर ने विदेश से महाकुंभ में पहुंच रहे विदेशियों के सवाल पर कहा, ''सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर के कई देशों के लोगों के लिए मुक्ति का धाम भारत है.''
कैलाश खेर ने कहा, एप्पल जैसी फोन कंपनियां के मालिकों ने फोन तो बना लिए, करोड़ों अरबों रुपए कमा लिए लेकिन मानसिक शांति के लिए भारत का रुख किया. विदेशी लोग कहीं अयोध्या, कहीं प्रयागराज तो कहीं ऋषिकेश में नजर आ रहे हैं. इन दिनों पूरा विश्व सुकून और शांति के धाम के रूप में भारत की ओर देख रहा है. यदि किसी को आध्यात्मिक और शांति की खोज में जुटाना है तो उसे भारत आना ही पड़ेगा.''
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'चलो कुंभ चलें' चर्चाओं में
कैलाश खेर ने कहा, ''महाकुंभ 144 साल बाद आया है. इसी पर मैंने ''चलो कुंभ चलें चलो कुंभ चलें'' गाना बनाया था. महाकुंभ 2025 के उपलक्ष्य में दूरदर्शन ने 'महाकुंभ है' गीत लॉन्च किया है.प्रधानमंत्री के अधिकांश कार्यक्रमों में कैलाश खेर कंसर्ट होने के सवाल पर कहा कि, ''सब आते हैं तो कैलाश खेर को अवसर मिलता है. क्योंकि मैं सतही और फुहढ नहीं गाता हूं. इसलिए भी मुझे मौका मिलता है यह मेरा सौभाग्य है.''